एक कहावत है, ‘लहरें गिनकर पैसे कमाना’ यानी अपनी जेब से कुछ खर्च किए बिना ही रकम बनाना।
बिहार में पिछड़ेपन के बीच ऐसी सुविधाएं हासिल करने के लिए लोग भारी-भरकम भुगतान कर रहे हैं, जो शहरों में मुफ्त मिल सकती हैं। इसलिए लहरें गिनने वालों को भी पैसा मिल रहा है।
मोबाइल फोन की बैटरी चार्ज करने के लिए अगर आपसे पैसे मांगें, तो आप हंसेंगे। लेकिन यहां ऐसा नहीं है। बैटरी चार्ज कराने के लिए ग्रामीणों को हर बार 5 रुपये का भुगतान करना पड़ता है। रेल मंत्री लालू प्रसाद के गृह जनपद गोपालगंज के छोटे से छोटे कस्बे में ऐसे मोबाइल चार्जिंग सेंटर हैं, जहां एक साथ 500 मोबाइल फोन की बैटरी चार्ज होती है।
निशा मोबाइल चार्जिंग सेंटर के हरेन्द्र कुमार ने बताया कि गांवों में बिजली नहीं रहने की वजह से बैटरी चार्ज कराई जाती हैं। उनके यहां करीब 50 गांवों के 800 से अधिक लोग हर दिन मोबाइल फोन चार्ज करने के लिए आते हैं।
सास बहू के धारावाहिकों की चाहत में गोपालगंज में हर महीने करीब 250 डीटीएच कनेक्शन लिए जा रहे हैं। डिश टीवी का 2,900 रुपये का कनेक्शन यहां 3,500 रुपये में मिलता है और रिचार्ज कराने पर हर बार एजेंट महाशय भी 30 रुपये बतौर कमीशन लेते हैं। मोबाइल फोन के टॉपअप पर भी 10 से 20 प्रतिशत तक की राशि देनी पड़ी है।
मजे की बात है कि यहां बहुराष्ट्रीय कंपनियों के शीतल पेय के लिए भी कूलिंग चार्ज देना पड़ता है। बिजली आती नहीं है, इसलिए कूलिंग चार्ज मिलाकर 20 रुपये कीमत की कोल्ड ड्रिंक की बोतल 25 रुपये की हो जाती है।
