दिल्ली सरकार ने वायु प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए पिछले साल की तरह इस बार भी दीवाली पर दिल्ली में सभी प्रकार के पटाखों के भंडारण, बिक्री और उनके इस्तेमाल पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है। इससे पटाखा कारोबारियों की दीवाली फीकी होने की संभावना है और उनसे 400 से 500 करोड़ रुपये का कारोबार छिन सकता है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा, ‘पिछले तीन साल से दीवाली के समय दिल्ली के प्रदूषण की खतरनाक स्थिति को देखते हुए पिछले साल की तरह इस बार भी हर प्रकार के पटाखों के भंडारण, बिक्री एवं उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जा रहा है। जिससे लोगों की जिंदगी बचाई जा सके। पिछले साल व्यापारियों द्वारा पटाखों के भंडारण के बाद प्रदूषण की गंभीरता को देखते हुए देर से पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया, जिससे व्यापारियों का नुकसान हुआ था। सभी व्यापारियों से अपील है कि इस बार पूर्ण प्रतिबंध को देखते हुए किसी भी तरह का भंडारण न करें।’
सदर बाजार पटाखा कारोबारी संघ के अध्यक्ष नरेंद्र गुप्ता कहते हैं कि पिछले साल सरकार ने लाइसेंस देने के बाद दीवाली से कुछ पहले ही पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया था। जिससे भारी नुकसान हुआ था। हालांकि इस बार काफी पहले पूर्ण पाबंदी लगाने की घोषणा कर दी गई। फिर भी यह घोषणा अस्थायी लाइसेंस जारी करने के लिए मंगाए जा रहे आवेदन के बीच होने से यह सवाल उठ रहा है कि जब प्रतिबंध ही लगाना था लाइसेंस के लिए आवेदन ही क्यों मंगाए गए।
पटाखा कारोबार के स्थायी लाइसेंस धारी अमित जैन कहते हैं कि जब उच्चतम न्यायालय हरित पटाखों की बिक्री की दिल्ली में इजाजत दे चुकी है और विशेषज्ञ भी मानते हैं कि हरित पटाखे कम प्रदूषणकारी होते हैं तो सरकार इन पर भी पाबंदी क्यों लगा रही है। कारोबारियों का कहना है कि हरित पटाखों की बिक्री की इजाजत दिल्ली सरकार को देनी चाहिए। वैसे सिर्फ दिल्ली में पूर्ण पाबंदी का फैसला व्यावहारिक नहीं है क्योंकि सीमावर्ती राज्यों के पड़ोसी शहरों से पटाखे दिल्ली में ग्राहकों आसानी से मिल जाएंगे। कारोबारियों के मुताबिक दिल्ली में पटाखों पर स ती होने से पहले यानी 3-4 साल पहले 1,800-2,000 अस्थायी लाइसेंस जारी होते थे। पिछले साल भी 200 से 225 लाइसेंस जारी हुए थे। स ती से पहले दिल्ली में दीवाली पर 400 से 500 करोड़ रुपये का पटाखों का कारोबार होता था। जो अब कारोबारियों से छिन रहा है।
दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) द्वारा 1 दिसंबर, 2020 को जारी एक निर्देश का हवाला देते हुए कहा कि जहां पर हवा की गुणवत्ता खराब या बहुत खराब की श्रेणी में है, वहां पर एनजीटी ने कोविड-19 महामारी के दौरान पटाखों के भंडारण, बिक्री और इस्तेमाल पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा एकत्र किए गए पिछले तीन साल के आंकड़े यह बताते हैं कि हवा की गुणवत्ता के मामले में दिल्ली खराब और उससे ऊपर के प्रदूषण सूचकांक में शामिल है। पिछले साल दिल्ली में 30 नवंबर तक पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध था। इसके बाद हरित पटाखे जलाने की अनुमति दी गई थी। इस बार भी ऐसा ही किया जा सकता है।