facebookmetapixel
Year Ender 2025: ट्रंप की सनक, ग्लोबल संकट और युगांतकारी बदलावों का सालहायर इंडिया में 49% हिस्सेदारी लेंगी भारती एंटरप्राइजेज और वारबर्ग पिंकस, स्थानीय उत्पादन और इनोवेशन को मिलेगी रफ्तारटॉप 1,000 में 60% शेयरों में नुकसान, निवेशकों ने आईपीओ और सोने की ओर रुख कियाDFCCIL और IRFC ने वर्ल्ड बैंक लोन रिफाइनेंसिंग समझौते पर हस्ताक्षर किए, सरकार को ₹2,700 करोड़ की बचत की उम्मीदYear Ender 2025: आईपीओ बाजार के लिए 2025 दमदार, आगे भी तेजी के आसारबीमारी के लक्षणों से पहले ही स्वास्थ्य जांच पर जोर, महत्त्वपूर्ण बदलाव के दौर से गुजर रहा भारत का डायग्नोस्टिक्स बाजारहाइपरस्केल डेटा सेंटर के टैक्स दर्जे पर सरकार से स्पष्टता की मांग, आईटीसी और मूल्यह्रास नियमों में बदलाव की सिफारिशकोहरे और सर्दी की चुनौतियों के बीच इंडिगो ने संभाला मोर्चा, कहा- उड़ानों में व्यवधान नहीं होने देंगेओला की गिरती बिक्री के बावजूद रफ्तार में इलेक्ट्रिक दोपहिया बाजार, 2025 में रजिस्ट्रेशन 13.1 लाख तक पहुंचने का अनुमानदूरसंचार विभाग का प्रस्ताव: BSNL के 23,000 नए बेस स्टेशन बनेंगे, निजी कंपनियों से मुकाबले की तैयारी

महंगी हो सकती है आम आदमी की सवारी

Last Updated- December 05, 2022 | 4:29 PM IST

महंगाई की ताजा मार अब आम आदमी की सवारी यानि साइकिल पर पड़ने जा रही है। पिछले कई महीनों से स्टील की कीमतों में इजाफे के  चलते पहले ही साइकिल के दामों में बढ़ोतरी हो चुकी है। स्टील की कीमतों में ताजा बढ़ोतरी के चलते साइकिल के दाम और ऊपर चढ़ सकते है।



स्टील की कीमतों में तेजी से पंजाब के साइकिल निर्माता काफी परेशान हैं। पिछले चार महीनों से साइकिल की कीमतों में 200 से 250 रुपये का इजाफा हुआ है। पंजाब के लुधियाना में ही केवल साइकिल बनाने की 2,000 इकाइयां लगी है। इनमें से 280 इकाइयां ऐसी हैं जिनसे साइकिलों का निर्यात भी किया जाता है। यूनाईटेड साइकिल पार्ट्स मैन्युफै क्चिरिंग के प्रवक्ता के के सेठ ने बताया कि ‘वित्त मंत्री ने बजट में उत्पाद शुल्क को 16 फीसदी से घटाकर 14 फीसदी कर दिया है लेकिन इसके बावजूद स्टील की बढ़ती कीमतों ने स्टील निर्माताओं की मुश्किलें बढ़ा दी हैं।’


पहले राउंड स्टील 35,000 रुपये प्रति मेट्रिक टन की दर से मिल रहा था। बजट के एक हफ्ते बाद ही स्टील की कीमतों में भारी उछाल आ गया है। अब राउंड स्टील 42,000 रुपये प्रति मेट्रिक टन की दर से मिल रहा है। इसी तरह हॉट रॉड कॉयल्स (एचआरसी) के दाम भी 2000 रुपये प्रति मीट्रिक टन से बढ़कर 3000 रुपये प्रति मेट्रिक टन तक पहुंच गए हैं।



स्टील की कीमतों के आसमान छूने से साइकिल निर्माताओं के सामने मुश्किल स्थिति आ गई है। जनवरी और फरवरी के महीनों में साइकिल की कीमतों में पहले ही बढ़ोतरी की जा चुकी है। साइकिल निर्माता अगले कुछ दिनों में फिर से दाम बढ़ाने की सोच रहे हैं।



हीरो साइकिल्स के प्रबंध निदेशक एस के राय कहते हैं कि पिछले कुछ महीनों से स्टील के दाम लगातार ऊपर चढ़ते जा रहे हैं। ऐसे में साइकिलों के दाम में 150 से 250 रुपये की बढ़ोतरी करना साइकिल निर्माताओं की मजबूरी रही है।


 एवन साइकिल के प्रवक्ता राहुल पसरीचा भी इसी अंदाज में कहते हैं कि स्टील की बढ़ती कीमतों के चलते कंपनियों के पास दाम बढ़ाने के अलावा और कोई विकल्प नहीं था।



इस क्षेत्र की बड़ी कंपनी हीरो ने तो साइकिल के पुर्जे बनाने वाली अपनी दो इकाइयों रॉकमैन और हाईवे को बंद कर दिया है। साइकिल उद्योग में कम मुनाफे के चलते कंपनी अपना ज्यादा ध्यान अब ऑटोमोटिव व्यापार को बढ़ाने पर दे रही है।



दूसरी तरफ निर्यात करने वाली कंपनियां एक तरफ तो रुपये की बढ़ती कीमत और सस्ती चीनी साइकिलों से प्रतिस्पर्धा से परेशान है तो स्टील की बढ़ती कीमतें उनकी परेशानियों में और इजाफा कर रही हैं। 

First Published - March 9, 2008 | 8:44 PM IST

संबंधित पोस्ट