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मेट्रो कारशेड मुद्दे पर केन्द्र और राज्य सरकार का सकारात्मक रुख

Last Updated- December 12, 2022 | 1:02 AM IST

लम्बे समय से विवादों में चल रहा मुंबई के कांजुरमार्ग में मेट्रो – 3 के लिए प्रस्तावित कारशेड के निर्माण के मुद्दे पर केन्द्र और राज्य सरकार ने पहली बार सकारात्मक रुख आख्तियार किया है। नीति आयोग के शीर्ष पदाधिकारियों और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के साथ हुई बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा हुई। राज्य सरकार द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि कांजुरमार्ग में मेट्रो-3 के लिए प्रस्तावित कारशेड निर्माण में नीति आयोग ने सकारात्मक रुख का आश्वासन दिया है।
मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) की तरफ से जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. राजीव , मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अमिताभ कांत और उसके सदस्य रमेश चंद ने ठाकरे के साथ वार्ता की। बयान में कहा गया कि बैठक के दौरान 41 मुद्दों पर चर्चा हुई, जिसमें कांजुरमार्ग में मेट्रो कार शेड का निर्माण, धारावी पुनर्विकास योजना के लिए रेलवे से भूमि का हस्तांतरण, जीएसटी छूट और राज्य में रक्षा प्रतिष्ठानों से संबंधित भूमि का विकास शामिल है। इसमें कहा गया कि नीति आयोग के अधिकारियों ने कांजुरमार्ग कार शेड मुद्दे पर मुख्यमंत्री को सकारात्मक रुख का आश्वासन दिया। उद्धव ठाकरे ने पिछले साल अक्टूबर में आरे मेट्रो कार शेड को खत्म करने की घोषणा की थी और कहा था कि इस परियोजना को कांजुरमार्ग में एक सरकारी भूमि पर स्थानांतरित कर दिया जाएगा।

 कांजुरमार्ग में कार डिपो के निर्माण के लिए राज्य द्वारा निर्धारित भूमि के स्वामित्व को लेकर केंद्र और शिवसेना के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार के बीच विवाद चल रहा था। केंद्र सरकार ने उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर कर कलेक्टर द्वारा कार शेड के निर्माण के लिए भूमि आवंटित करने के एक अक्टूबर, 2020 के आदेश को चुनौती दी थी और कहा था कि भूमि उसके (केंद्र के) नमक विभाग की है। बयान में कहा गया कि बैठक के दौरान नीति आयोग के अधिकारियों ने कहा कि मेट्रो कार शेड और अन्य सभी मुद्दों को अत्यावश्यक आधार पर देखा जाएगा। उन्होंने राज्य सरकार की इलेक्ट्रिक वाहन नीति के लिए उसकी प्रशंसा भी की। डॉ. कुमार ने जहां कोविड-19 के प्रसार को नियंत्रित करने के प्रयासों के लिए राज्य की सराहना की, वहीं ठाकरे ने महामारी की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए विभिन्न चिकित्सा उपकरणों, मास्क और दवाओं के मामले में केंद्र सरकार के निरंतर सहयोग की आवश्यकता का आह्वान किया। मुख्यमंत्री ने नीति आयोग के अधिकारियों को बेहतर समन्वय कायम रखने का आश्वासन दिया। 
महामारी की पहली और दूसरी लहर के दौरान महाराष्ट्र में कोरोना वायरस संक्रमण के सबसे अधिक मामले दर्ज किए गए थे और अब तक राज्य में इसके कारण 1.38 लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। बयान के मुताबिक, राज्य सरकार ने जीएसटी का मौजूदा बकाया 30 हजार करोड़ रुपये जारी करने की भी मांग की क्योंकि यह आंकड़ा जल्द ही 50,000 करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा। बैठक के दौरान ठाकरे ने कहा कि बढ़े हुए उपकर से केंद्र सरकार को अधिक कमाई करने में मदद मिली है, लेकिन इससे राज्य को कोई फायदा नहीं हुआ है।

First Published - September 15, 2021 | 11:33 PM IST

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