facebookmetapixel
Unemployment Rate: अक्टूबर में बेरोजगारी दर 5.2% पर स्थिर, गांवों में सुधार लेकिन शहरी क्षेत्रों में बढ़ा दवाबभारत में Demat Boom… पर क्यों 85% परिवार अभी भी मार्केट में नहीं आते?Explainer: नया डिजिटल पर्सनल डाटा प्रोटेक्शन (DPDP) नियम क्या है इसका आपके ऊपर क्या प्रभाव पड़ने वाला है?शेख हसीना को फांसी की सजा के बाद बोला भारत: हम बांग्लादेश के लोगों के हित में खड़े हैंFD से भी ज्यादा ब्याज! पोस्ट ऑफिस की इन 5 बड़ी सेविंग स्कीम्स में निवेश कर आप बना सकते हैं तगड़ा फंडअक्टूबर में निर्यात 11.8% घटकर 34.38 अरब डॉलर रहा; व्यापार घाटा बढ़कर 41.68 अरब डॉलर पर पहुंचाटैक्स सिस्टम में होगा ऐतिहासिक बदलाव! नए इनकम टैक्स कानून के तहत ITR फॉर्म जनवरी से होंगे लागूक्या पेंशनर्स को अब DA और दूसरे लाभ नहीं मिलेंगे? सरकार ने वायरल मैसेज की बताई सच्चाईदुबई से जुड़े Forex Scam का पर्दाफाश; निजी बैंक कर्मचारी समेत 3 गिरफ्तारIncome Tax: फ्रीलांसर्स और पार्ट-टाइम जॉब से कमाई करने वालों पर टैक्स को लेकर क्या नियम है?

बैंक हड़ताल के दूसरे दिन भी महाराष्ट्र में बैंक‌िंग सेवाएं प्रभावित

Last Updated- December 12, 2022 | 6:57 AM IST

सरकारी बैंकों के निजीकरण के विरोध में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में दूसरे दिन भी हड़ताल रही। बैंक हड़ताल के दूसरे दिन भी महाराष्ट्र में बैंक सेवाओं पर असर दिखाई दिया। हड़ताल के दूसरे दिन बैंक सेवाओं से जुड़े करीब 50 हजार कर्मचारी, अधिकारी हड़ताल पर रहे। बैंकों से नकदी निकालने, चेक क्लीयरेंस और दूसरे कार्यों पर असर देखा गया। बैंकों की नौ कर्मचारी और अधिकारी यूनियनों के संयुक्त मंच ने दो दिवसीय हड़ताल का आह्वान किया है।
बैंक कर्मचारियों के हड़ताल का असर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के कामकाज पर देखने को मिला, लेकिन निजी क्षेत्र के बैंकों में काम सामान्य रहा जिस कारण लोगों को बहुत ज्यादा परेशानी नहीं हुई। सरकार की ओर से बैंकों के निजीकरण की घोषणा किए जाने के विरोध में कर्मचारियों और अधिकारियों की दो दिवसीय हड़ताल का आह्वान किया गया। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की नौ यूनियनों के संयुक्‍त मंच ‘यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (यूएफबीयू) के आह्वान पर यह हड़ताल की गई। यूनियन का दावा है कि हड़ताल के पहले दिन 15 मार्च को करीब दो करोड़ चेक की क्लीयरेंस प्रभावित हुई हैं जिनमें 16,500 करोड़ रुपये तक भुगतान अटक गया। पहले दिन कई बैंकों के एटीएम में नकदी भी समाप्त हो गई थी। अकेले मुंबई में ही करीब 86 लाख चेक और दूसरे उपकरणों को क्लीयर नहीं कर पाए जिसमें 6,500 करोड़ रुपये का भुगतान आगे नहीं हो पाया।
यूएफबीयू के नेताओं का कहना है कि सोमवार की अपेक्षा मंगलवार को नुकसान कही ज्यादा हुआ। एआईबीईए ने एक वक्तव्य में कहा है कि बैंकों का निजीकरण करना समस्या का हल नहीं है। यह विकासशील भारतीय अर्थव्यवस्था के लिहाज से नकारात्मक कदम है। यूएफबीयू ने 15 और 16 मार्च को बैंकों में हड़ताल का आह्वान किया गया था। यूनियनों के नेताओं ने दावा किया कि दो दिवसीय देशव्यपापी हड़ताल में बैंकों के करीब 10 लाख कर्मचारी शामिल हुए। उन्होंने महाराष्ट्र सहित पूरे देश में अपनी हड़ताल को सफल बताया। एआईबीईए के महासचिव सी एच वेंकटचलम ने कहा कि हड़ताल के आह्वान पर बैंकों के कर्मचारी और अधिकारियों ने हड़ताल में भाग लिया। उन्होंने हड़ताल को पूरी तरह सफल बताया। हड़ताल के कारण सामान्य बैंकिंग सेवायें प्रभावित रहीं। गौरतलब है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2021- 22 के बजट भाषण में दो सरकारी बैंकों के निजीकरण की घोषणा की है। सरकार इससे पहले आईडीबीआई बैंक का निजीकरण कर चुकी है। बैंक की बहुलांश हिस्सेदारी एलआईसी को बेची गई। इसके अलावा 14 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का विलय भी किया गया है।

First Published - March 16, 2021 | 11:50 PM IST

संबंधित पोस्ट