जैसे-जैसे भारत का ऑटो सेक्टर कैलेंडर ईयर के पहले आधे हिस्से से गुजर रहा है, वाहनों पर छूट देने के ट्रेंड में एक साफ अंतर दिख रहा है। पैसेंजर व्हीकल (PV) बनाने वाली कंपनियां 2024 के बचे हुए स्टॉक्स को खत्म करने के लिए भारी छूट दे रही हैं, जबकि टू-व्हीलर कंपनियां स्थिर रिटेल मांग और बेहतर इन्वेंट्री कंट्रोल के चलते अधिक सतर्क रवैया अपना रही हैं।
टाटा मोटर्स, वोल्क्सवैगन, स्कोडा, रेनो, जीप और निसान जैसी कंपनियां अपने अलग-अलग EV और SUV मॉडल्स पर 70,000 रुपये से लेकर 2 लाख रुपये तक की छूट दे रही हैं। हुंडई ने अपनी Ioniq 5 की कीमत में 4 लाख रुपये तक की कटौती की है, जबकि महिंद्रा XUV700 और Scorpio N पर 4.1 लाख रुपये तक की छूट दे रही है।
फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (FADA) के प्रेसिडेंट सी. एस. विग्नेश्वर ने कहा, “यह आक्रामक डिस्काउंटिंग हाई इन्वेंट्री लेवल से जुड़ी हुई है। अभी इन्वेंट्री लगभग 50–55 दिनों की है, जो हाई मानी जाती है। अगर वाहन दो महीने तक नहीं बिकते, तो डीलर्स को 2% होल्डिंग कॉस्ट का सामना करना पड़ता है, जिससे वे बड़ी छूट देने को मजबूर हो जाते हैं।”
इसके विपरीत, टू-व्हीलर कंपनियों ने बड़े स्तर पर छूट देने से परहेज किया है। बजाज ऑटो अपनी पल्सर रेंज पर 9,111 रुपये तक का फेस्टिवल ऑफर और फ्रीडम 125 पर 5,000 रुपये तक की छूट दे रही है। यामाहा अपने RayZR 125 Fi Hybrid पर 10,000 रुपये तक के लाभ के साथ 10 साल की वारंटी भी दे रही है। कावासाकी अपने पुराने फेसलिफ्ट से पहले वाले निंजा 300 मॉडल्स पर 84,000 रुपये तक की छूट दे रही है।
विग्नेश्वर ने कहा, “टू-व्हीलर सेगमेंट में इन्वेंट्री स्तर लगभग एक महीने का है, जो संतुलित है। इसलिए बड़ी छूट देने का दबाव नहीं है। ग्रामीण बाजारों में रिटेल मांग स्थिर बनी हुई है।”
जनवरी से मई 2025 के बीच पैसेंजर व्हीकल सेगमेंट में रिटेल बिक्री 17,72,074 यूनिट रही, जो सालाना आधार पर 2.54% की बढ़ोतरी है। इसी दौरान होलसेल डिलीवरी 18,51,936 यूनिट रही, जो पिछले साल की तुलना में 2.03% अधिक है।
हालांकि, इस ग्रोथ के बावजूद मांग में असमानता देखी गई है। फरवरी और मई में रिटेल बिक्री में गिरावट आई है, जिससे पता चलता है कि कंज्यूमर फैसले लेने में हिचक रहे हैं। इसका मुख्य कारण संभवतः अधिक ब्याज दरें या खरीद को टालना हो सकता है। बाजार की रफ्तार बनाए रखने के लिए हाल के महीनों में छूट और तेज हो गई है।
जनवरी से मई 2025 के बीच टू-व्हीलर रिटेल बिक्री 77,26,785 यूनिट रही, जो साल-दर-साल आधार पर 0.14% की मामूली बढ़ोतरी है। वहीं, होलसेल डिलीवरी में 2.45% की गिरावट दर्ज की गई और कुल संख्या 76,82,473 यूनिट रही, जिससे साफ है कि ऑटो कंपनियां इन्वेंट्री को लेकर सतर्क हैं।
अप्रैल और मई में रिटेल स्तर पर बिक्री स्थिर रही, खासकर ग्रामीण इलाकों में, जबकि होलसेल आंकड़े दबाव में रहे।
FADA के अनुसार, टू-व्हीलर सेगमेंट में ग्रामीण मांग शहरी बाजारों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन कर रही है। विग्नेश्वर कहते हैं, “ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिर रिटेल मांग ने बिना भारी छूट के भी वॉल्यूम को संतुलित बनाए रखा है।”