हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से अनसिक्योर्ड लोन पर सख्ती बरतने के बाद भारतीय बैंक और गैर बैंकिंग फाइनैंस कंपनियां (NBFC) भी सख्त नजर आने लगी हैं। उन्होंने अपने फिनटेक पार्टनर्स से छोटे पर्सनल लोन में कटौती करने के लिए कहा है। यह जानकारी रॉयटर्स को तीन बैंकिंग और एक इंडस्ट्री के जानकार ने आज यानी गुरुवार को दी।
RBI के फैसले के बाद से सबसे पहला कदम वन97 कम्युनिकेशन्स (One97 Communications Ltd.) के स्वामित्व वाले पेटीएम ने उठाया है। पेटीएम (Paytm) ने बुधवार को 50,000 रुपये से कम के कर्ज डिस्ट्रीब्यूशन में कटौती करने का ऐलान किय़ा है।
कंपनी ने कहा कि वह 50,000 रुपये से ज्यादा के लोन के लिए ‘अच्छी मांग’ की उम्मीद करते हुए, कम रिस्क वाले और हाई क्रेडिट-योग्य ग्राहकों के लिए लोन अमाउंट और कमर्शियल लोन के अपने पोर्टफोलियो का विस्तार करेगी। वह ऐसा करने के लिए बड़े बैंकों और गैर-बैंकिंग फाइनैंस कंपनियों (NBFC) के साथ पार्टनरशिप करेगी।
गौरतलब है कि भारतीय फिनटेक कंपनी Paytm के पास लोन देने के लिए पार्टनर के रूप में सात NBFC हैं। कंपनी ने कहा कि वह एक बैंकिंग पार्टनर और दो NBFC पार्टनर और जोड़ने की प्रक्रिया में है।
लगभग एक दर्जन फिनटेक को लोन देने वाले एक मीडियम साइज प्राइवेट सेक्टर बैंक के एक टॉप बैंकर ने कहा, ‘RBI की तरफ से स्पष्ट संकेत है, इसलिए हम ऐसा करेंगे।’
उन्होंने कहा, ‘हमने अपने फिनटेक पार्टनर्स को संकेत दिया है कि हम 50,000 रुपये से कम लोन कैटेगरी के लिए लोन नहीं देना चाहते हैं।’
एक प्राइवेट सेक्टर के बैंक के दूसरे बैंकर ने रॉयटर्स से कहा, ‘हालांकि इस समय हम फिनटेक पार्टनर्स को दी जाने वाली फंडिंग में पूरी तरह से कटौती करने का इरादा नहीं रखते हैं, लेकिन हमने उनके द्वारा छोटे टिकट वाले पर्सनल लोन को बड़े पैमाने पर देने के लिए अपनी असुविधा जाहिर की है।’
Paytm के अलावा, कई छोटी फिनटेक कंपनियों ने छोटे-छोटे पर्सनल लोन के लिए बैंकों और गैर-बैंक वित्त कंपनियों (NBFC) के साथ पार्टनरशिप की है। लेकिन अब इस तरह की सुविधा पर खास असर पड़ने वाला है।
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, मैक्वेरी (Macquarie) का अनुमान है कि इंडस्ट्री की ओवरऑल लोन ग्रोथ वर्तमान में 15 प्रतिशत से घटकर 12 प्रतिशत से 14 प्रतिशत के बीच हो जाएगी।
एक तीसरे बैंकर ने कहा कि जिस सरकारी बैंक में वह काम करता है, उसने अपने फिनटेक पार्टनर्स को चुनिंदा रूप से ऐसे छोटे लोन जारी करने के लिए कहा है।
छोटे कर्जों पर लगाम लगाने की योजना की वजह से पेटीएम के शेयर की कीमत में 20 प्रतिशत की गिरावट आई। मॉर्गन स्टेनली के अनुसार, एक प्रमुख ऋण भागीदार, आदित्य बिड़ला कैपिटल पर भी इसका असर पड़ा। पेटीएम ने कहा कि वह स्मॉल टिकट लोन को कम करने पर विचार कर रही थी।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंकों और गैर-बैंक वित्तीय कंपनियों (NBFCs) के लिए जोखिम वेटेज 25 प्रतिशत अंक बढ़ा दिया है। इस बीच, केंद्रीय बैंक पर्सनल लोन और क्रेडिट कार्ड के लिए मानदंडों को कड़ा करने पर विचार कर रहा है, ताकि इसके बदले में लोन लेने की संख्या में कमी आ सके।