कानपुर शहर के स्थानीय चमड़ा उद्योग में काम कर रहे अकाउंटेंट के प्रशिक्षण का जिम्मा स्मॉल इंडस्ट्रीज डेवलपमेंट बैंक ऑफ इंडिया (सिडबी) और निजी इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास फर्म आईएल ऐंड एफएस मिलकर उठाने जा रही हैं।
दोनों संस्थाओं ने ये कदम इसलिए उठाया है कि मंदी की मार झेल रहा यह उद्योग अपने वित्तीय लेखाजोखा को सही करके विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ ले सके। आईएल ऐंड एफएस के स्थानीय प्रबंधक जयंत प्रकाश ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘150 से ज्यादा लघु एवं मझोले चमड़ा उत्पादकों को अपना कामकाज इसलिए बंद करना पड़ा कि यूरोपीय देशों से मिलने वाले निर्यात ऑर्डर रद्द हो गए। वित्तीय लेखाजोखा सही नहीं होना भी उन पर अविश्वास की वजह बन गया।’
उन्होंने आगे कहा, ‘हम एक ऐसी समिति बनाने जा रहे हैं जिसमें अनुभवी और प्रतिष्ठित वित्तीय अधिकारी होंगे। ये समिति छोटे उद्यमियों को अपने वित्तीय लेखाजोखा को दुरुस्त रखने का प्रशिक्षण देगी। साथ उन्हें नए सरकारी योजनाओं के बारे में भी सूचना दी जाएगी।’
एक व्यक्ति के प्रशिक्षण पर तकरीबन 7,000 रुपये खर्च होगा। इसका वहन बैंक और उद्यमी मिलकर करेंगे। उद्यमियों को इसका महज 15 फीसदी वहन करना होगा।
