राज्य के विधान सभा चुनावों में किए गए वादों को पूरा करने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार को लगभग 3,000 करोड़ रुपये खर्च करने पड़ेंगे। यह रकम राज्य के कुल बजट 22,211 करोड़ रुपये का 15 फीसदी है।
बजट के लिए कुल खर्च में से गैर नियोजित खर्चों के लिए 45 फीसदी अलग रखने के बाद विक ास कार्यो पर 40 फीसदी खर्च किया जाएगा। अगर सत्ता में रही भाजपा सरकार चुनावों से पहले किए गए अपने सभी वादों को पूरा करने लगती तो इस पर 5,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त दबाव पड़ेगा।
सरकार ने पहले साल में लगभग 2,929 करोड़ रुपये की परियोजनाओं पर काम शुरू करने का फैसला किया है। इन योजनाओं के तहत किसानों को रियायतें देना, गरीबों के लिए विकास कार्य करना भी शामिल है।
फिलहाल शुरू होने वाली योजनाओं मे गरीबों को सब्सिडाइज्ड कीमत पर चावल, राज्य सरकार के कर्मचारियों को छठे वेतन आयोग के आधार पर एरियर देना, धान पर बोनस, किसानों को मुफ्त बिजली देना शामिल हैं।
राज्य के आर्थिक विशेषज्ञों ने कहा कि राज्य सरकार के गैर नियोजित खर्च सीमा के अंदर ही है। उन्होंने कहा, ‘चुनावी वादों को पूरा करने के लिए ही काफी खर्च किया जा रहा है। लेकिन यह लोगों की भलाई के लिए भी है।’
4 रुपये प्रीमियम पर 1 लाख का बीमा
छत्तीसगढ़ में किसानों को महज 4 रुपये के प्रीमियम पर 1 लाख रुपये का जीवन बीमा मिलेगा। राज्य सरकार की किसान बीमा सुरक्षा योजना के तहत किसान इसका लाभ उठा सकेंगे। इस योजना को 1 अप्रैल से लागू किया जाएगा।
मुख्यमंत्री रमन सिंह ने बताया कि इस योजना के लिए छत्तीसगढ़ राज्य कृषि विपणन बोर्ड और युनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी के बीच एक करार हुआ है। मंडियों में उत्पाद बेचने आने वाले करीब 30,000 किसानों को इससे लाभ मिलेगा।