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मुंबई में इमारत गिरने से 8 बच्‍चों समेत 11 की मौत

Last Updated- December 12, 2022 | 3:47 AM IST

देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में मॉनसून की पहली बारिश का कहर बरपना जारी है। बारिश से चार मंजिला एक इमारत गिरने से आठ बच्चों सहित 11 लोगों की मौत हो गई और सात अन्य लोग घायल हो गए। इस हादसे में मृतकों के परिजनों में महाराष्ट्र सरकार पांच लाख और केंद्र सरकार ने दो लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की।
हर साल की तरह इस साल भी पहली बारिश में ही मुंबई के लगभग सभी इलाकों में जलजमाव और यातायात की जाम हो गया। भारी बारिश के कारण बुधवार की देर रात मुंबई के मालवानी इलाके में तीन मंजिला इमारत की दो मंजिलों के एक मंजिला मकान पर गिरने से आठ बच्चों सहित 11 लोगों की मौत हो गई और सात अन्य लोग घायल हो गए। महाराष्ट्र सरकार ने मृतकों के परिजनों को पांच लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की। सरकार की तरफ से कहा गया कि घायलों के इलाज का खर्च भी उसके द्वारा ही उठाया जाएगा। मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ से जारी बयान के मुताबिक, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने हादसे में लोगों की मौत पर दुख व्यक्त किया और गुरुवार को शहर के शताब्दी अस्पताल का दौरा कर वहां भर्ती घायलों की हालत की जानकारी ली। इस बयान में कहा गया कि जैसे ही बीती रात ठाकरे को इस घटना के बारे में जानकारी हुई, उन्होंने बीएमसी आयुक्त आईएस चहल से बात की और सावधानीपूर्वक राहत व बचाव कार्य चलाने का निर्देश दिया तथा घायलों को अस्पताल में भर्ती कर सरकारी खर्च पर उनका इलाज कराने को कहा।
केन्द्र सरकार की तरफ से भी मुआवज देने की घोषणा की गई। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की ओर से किए गए ट्वीट के मुताबिक, मोदी ने कहा कि मुंबई के पश्चिमी मलाड में एक संरचना के ध्वस्त होने से हुई मौतों से दुखी हूं। दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं। मैं घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं। एक अन्य ट्वीट में पीएमओ ने कहा कि प्रधानमंत्री ने इस हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों के लिए दो-दो लाख रुपये और घायलों के लिए 50-50 हजार रुपये की अनुग्रह राशि की घोषणा की।
हादसे में अपने घर के नौ सदस्यों को गंवाने वाले रफीक शेख ने बताया कि परिवार का एक अन्य सदस्य मलबे में दबने की वजह से घायल हुआ है और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उनके परिवार में अब 16 साल का बेटा बचा है जो हादसे के वक्त दवा खरीदने के लिए घर से बाहर था। शेख के मुताबिक जब हादसा हुआ, तब मैं सुबह की चाय के लिए दूध लेने गया था। मैं नहीं जानता था कि इमारत इतनी खस्ताहाल है। मेरे परिवार को इमारत गिरने के वक्त वहां से निकलने का समय ही नहीं मिला। बुधवार देर रात तीन मंजिला इमारत की दो मंजिल, एक मंजिले घर पर गिर जाने से आठ बच्चों सहित 11 लोगों की मौत हो गई थी। शेख (45) उसी इमारत में परिवार के साथ किराए पर रहते थे । उनकी पत्नी, भाई, भाभी और दोनों परिवारों के छह बच्चों की जान इस हादसे में चली गई।
संयुक्त पुलिस आयुक्त (कानून व्यवस्था) विश्वास नांगरे पाटिल ने बताया कि इमारत को गैर कानूनी तरीके से बनाया गया था और उसमें ढांचागत खामी थी। उन्होंने बताया कि इमारत को पिछले माह चक्रवाती तूफान ताउते की वजह से भी नुकसान पहुंचा था। स्थानीय निवासियों की मानी जाए तो इलाके में अधिकतर मकान गैर कानूनी तरीके से बने हैं और बाद में बिना नगर निकाय की मंजूरी के, इन्हें तीन या चार मंजिला इमारतों में तब्दील किया गया है। अधिकतर मकानों के मालिक अन्य स्थानों पर रहते हैं और ये मकान गरीब लोगों को किराए पर दे दिए गए हैं।
 

First Published - June 11, 2021 | 12:14 AM IST

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