Skip to content
  शुक्रवार 27 जनवरी 2023
Trending
January 27, 2023Share Market Today: ग्लोबल मार्केट से पॉजिटिव संकेत, तेजी के साथ खुल सकता है बाजारJanuary 26, 2023Budget 2023: पारंपरिक हलवा रस्म के साथ बजट दस्तावेज को अंतिम रूप देने का काम आखिरी चरण मेंJanuary 26, 2023पाकिस्तान की करेंसी में डॉलर के मुकाबले बड़ी गिरावट, गिरकर 255 रुपये प्रति डॉलर पर आया
बिज़नेस स्टैंडर्ड
  • होम
  • बजट 2023
  • अर्थव्यवस्था
  • बाजार
    • शेयर बाजार
    • म्युचुअल फंड
    • आईपीओ
    • समाचार
  • कंपनियां
    • स्टार्ट-अप
    • रियल एस्टेट
    • टेलीकॉम
    • तेल-गैस
    • एफएमसीजी
    • उद्योग
    • समाचार
  • पॉलिटिक्स
  • लेख
    • संपादकीय
  • आपका पैसा
  • भारत
    • उत्तर प्रदेश
    • महाराष्ट्र
    • मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़
    • बिहार व झारखण्ड
    • राजस्थान
    • अन्य
  • मल्टीमीडिया
    • वीडियो
  • टेक-ऑटो
  • विविध
    • मनोरंजन
    • ट्रैवल-टूरिज्म
    • शिक्षा
    • स्वास्थ्य
  • अन्य
    • विशेष
    • आज का अखबार
    • ताजा खबरें
    • अंतरराष्ट्रीय
    • वित्त-बीमा
      • फिनटेक
      • बीमा
      • बैंक
      • बॉन्ड
      • समाचार
    • कमोडिटी
    • खेल
    • BS E-Paper
बिज़नेस स्टैंडर्ड
बिज़नेस स्टैंडर्ड
  • होम
  • अर्थव्यवस्था
  • बजट 2023
  • बाजार
    • शेयर बाजार
    • म्युचुअल फंड
    • आईपीओ
    • समाचार
  • कंपनियां
    • स्टार्ट-अप
    • रियल एस्टेट
    • टेलीकॉम
    • तेल-गैस
    • एफएमसीजी
    • उद्योग
    • समाचार
  • पॉलिटिक्स
  • लेख
    • संपादकीय
  • आपका पैसा
  • भारत
    • उत्तर प्रदेश
    • महाराष्ट्र
    • मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़
    • बिहार व झारखण्ड
    • राजस्थान
    • अन्य
  • मल्टीमीडिया
    • वीडियो
  • टेक-ऑटो
  • विशेष
  • विविध
    • मनोरंजन
    • ट्रैवल-टूरिज्म
    • शिक्षा
    • स्वास्थ्य
  • अन्य
  • आज का अखबार
  • ताजा खबरें
  • खेल
  • वित्त-बीमा
    • बैंक
    • बीमा
    • फिनटेक
    • बॉन्ड
  • BS E-Paper
बिज़नेस स्टैंडर्ड
  लेख  कर्ज जोखिम की काली परतों से उठता पर्दा
लेख

कर्ज जोखिम की काली परतों से उठता पर्दा

बीएस संवाददाता बीएस संवाददाता —April 16, 2008 12:07 AM IST0
FacebookTwitterLinkedInWhatsAppEmail

डेरिवेटिव बाजार में चल रहीं मौजूदा घटनाएं बैंकों के लिए काफी अहम मानी जा सकती हैं।


ये घटनाएं काउंटरपार्टी कर्ज जोखिम से संबंधित हैं। काउंटरपार्टी का मतलब कर्ज की प्रक्रिया में शामिल पार्टियाें से है। अमेरिका में इस बात को लेकर काफी शंकाएं हैं कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने इन्वेस्टमेंट बैंक बेयर सर््टन्स को संकट से उबारने के लिए 30 अरब डॉलर की पब्लिक मनी देने का वादा किया। अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने ऐसा इसलिए किया, क्योंकि बेयर सर््टन्स कई ट्रिलियन डॉलर के डेरिवेटिव सौदों की काउंटरपार्टी थी और यदि उसे मदद नहीं दी जाती तो इससे पूरे बैंकिंग तंत्र की हालत चरमरा सकती थी।काउंटरपार्टी कर्ज जोखिम का मुद्दा भारतीय बाजार के लिए भी काफी महत्वपूर्ण है।


 यहां भी करंसी डेरिवेटिव से जुड़े कुछ मामलों में तो मार्क-टु-मार्केट वैल्यू (बुक वैल्यू के मुकाबले मौजूदा बाजार मूल्य) काफी नकारात्मक पाई गई हैं और कई बार तो इनकी रकम कॉरपोरेट कंपनियों की कुल संपत्ति का अच्छाखासा प्रतिशत होती हैं। मिसाल के तौर पर, एक मामले में तो यह कंपनी की कुल संपत्ति का 150 फीसदी तक हो गई।कॉरपोरेट ग्राहकों के लिए जो मार्केट रिस्क हैं, बैंकों के मामले में वे क्रेडिट रिस्क हो जाते हैं। इसके कामयाब प्रबंधन के लिए ट्रांजैक्शन को आंकने की क्षमता विकसित किए जाने और नकारात्मक मूल्य की सही सीमा तय किए जाने पर जोर देने होगा।


साथ ही इस बात का भी ख्याल रखना होगा कि यदि बिना सिक्युरिटी या गारंटी राशि दिए नकारात्मक मूल्य की लिमिट पूरी हो जाए, तो सौदे का तोड़ दिया जाए। मुझे यह बात समझ में नहीं आती कि कई मामलों में इन बुनियादी बातों का भी ख्याल क्यों नहीं रखा गया।कुल मिलाकर बैंक बचत करने वालों और उधार लेने वालों के बीच एक बिचौलिए की भूमिका निभाते हैं। साफ है कि ऐसे में यह बैंकों की मुख्य जिम्मेदारी है कि वे कर्ज जोखिम के आकलन और प्रबंधन पर शिद्दत से नजर डालें। कई मामलों में तो इस बात पर ही शंका होने लगती है कि बैंक के कर्ज विभाग ने इस तरह की इजाजत दी होगी। डेरिवेटिव सौदों के मामलों में तो कर्ज विभाग से ज्यादा हीला-हवाली ट्रेजरी की ओर से की जाती है, जिनके द्वारा ठोस मानकों के पालन की जरूरत महसूस नहीं की जाती।


कथित परिपक्व बाजारों में बैंकों द्वारा क्रेडिट डेरिवेटिव के मामलों में मार्क-टु-मार्केट वैल्यू में होने वाले नुकसान का उदाहरण भी इसकी पुष्टि करता है। शुरू में विश्लेषक इस तरह के नुकसान की रकम 400 अरब डॉलर के आसपास बता रहे थे। पर अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने पिछले हफ्ते एक आकलन पेश किया है, जिसके मुताबिक इस नुकसान की रकम 1 ट्रिलियन डॉलर के आसपास है।बेयर सर््टन्स के मामले ने क्रेडिट डेरिवेटिव मार्केट में काउंटरपार्टी कर्ज जोखिम के मामले से काफी सुर्खियों में ला दिया है। क्रेडिट डिफॉल्ट स्वैप का आंकड़ा 2001 में 1 ट्रिलियन डॉलर के आसपास था, जो पिछले साल जून तक बढ़कर 45 ट्रिलियन डॉलर हो गया है।


लिहाजा इस बात पर सवाल उठ रहे हैं कि क्या बैंक कर्जों के मामले की निगरानी प्रभावी तरीके से कर पा रहे हैं? सीडीएस मार्केट में हुई बड़ी गड़बड़ी की वजह से हालिया सब-प्राइम संकट पैदा हुआ है, जिसे शुरू में काफी छोटा करार देकर खारिज किया जा रहा था। हालांकि जॉर्ज सोरोस ने इसके बारे में कहा – ‘यह हमारी जिंदगी का सबसे गंभीर वित्तीय संकट है।’ सोरोस ने बेसल-2 को बेतुका करार दिया और बेसल-3 की जरूरत बताई। पर बैंक अब भी बेसल-2 के मामले में उलझे हुए हैं।भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने भारतीय बैंकिंग तंत्र के लिए बेसल-2 नियमों को लागू किए जाने के लिए जारी गाइडलाइन में इंटरनल कैपिटल एडिक्वेसी असेसमेंट प्रोसेस (आईसीएएपी) की व्यवस्था की बात कही है।


आरबीआई के सर्कुलर में कहा गया है – आईसीएएपी की डिजाइनिंग और उसे लागू किए जाने की पूरी जिम्मेदारी बैंकों के बोर्ड की है।’ यह एक अलग सवाल है कि सरकारी बैंकों के बोर्ड को इन चीजों की पेशेवर जानकारी व विशेषज्ञता है या नहीं और वे अपनी जिम्मेदारियों को कितने सही तरीके से निभाते हैं। इनमें से कुछ की भर्तियां राजनीतिक दखल से होती हैं और ऐसा सुना जाता है कि इनके द्वारा दिया जाने वाला अजेंडा एक-एक हजार पृष्ठों का होता है। लिहाजा कोई भी इतने लंबे-चौड़े अजेंडे के साथ सही मायने में न्याय नहीं कर सकता।


ऐसे में अजेड़ों का साइज छोटा किए जाने की दिशा में कुछ किए जाने की जरूरत है, क्योंकि जब तक ऐसा नहीं किया जाता बैंक के बोर्ड के मेंबर इसे पढ़ने, समझने और इस पर सही मायने में बहस करने की स्थिति में नहीं होंगे।पर जब हम भारतीय डेरिवेटिव बाजार की ओर वापस लौटते हैं तो रुपये से संबंधित डेरिवेटिव की कुल रकम 128 ट्रिलियन के आसपास है। यह रकम काफी बड़ी है और इससे भी जाहिर तौर पर काउंटरपार्टी क्रेडिट रिस्क का पहलू और प्रबंधन जुड़ा हुआ है।दुनिया भर के क्रेडिट डिफॉल्ट स्वैप मार्केट की तरह देसी ब्याज दर स्वैप मार्केट में भी तेजी से बढ़ोतरी हुई है।


लिहाजा यह सही वक्त है जब इस बारे में एक ठोस क्लियरिंग और सेटलमेंट सिस्टम की शुरुआत की जाए। शायद इस काम को पूरा करने के लिए सीसीआईएल सबसे अच्छी एजेंसी साबित हो सकती है। मैं इस बारे में निजी पक्षपात को स्वीकार करने को तैयार हूं, क्योंकि मैं इसके बोर्ड में हूं।

derivatives credit crunch
FacebookTwitterLinkedInWhatsAppEmail

Related Posts

  • Related posts
  • More from author
आज का अखबार

संतुलित रुख जरूरी

January 25, 2023 10:12 PM IST0
आज का अखबार

केवल अधिकार तय करे संस्थाओं का व्यवहार?

January 25, 2023 10:07 PM IST0
आज का अखबार

आधुनिक सूचना युद्ध में विदेशी राज्य तत्त्व

January 25, 2023 9:59 PM IST0
आज का अखबार

पहल का अवसर

January 23, 2023 10:39 PM IST0
अन्य समाचार

आज का इतिहास | आज के ही दिन मदर टेरेसा को मिला था ‘भारत रत्न’ सम्मान

January 25, 2023 12:32 PM IST0
अन्य

Delhi Weather Update: राष्ट्रीय राजधानी में छाए बादल, न्यूनतम तापमान बढ़ा

January 25, 2023 11:27 AM IST0
अंतरराष्ट्रीय

दुनिया के सबसे अमीर लोगों की सूची में अदाणी चौथे नंबर पर खिसके, जेफ बेजोस ने किया पीछे

January 24, 2023 7:30 PM IST0
अंतरराष्ट्रीय

भारत-पाकिस्तान के बीच बातचीत पर दोनों देशों को करना है फैसला : अमेरिका

January 24, 2023 6:54 PM IST0
अंतरराष्ट्रीय

पाकिस्तान में बड़े पैमाने पर ‘बत्ती गुल’ के बाद धीरे-धीरे बिजली आपूर्ति बहाल, कई शहरों में अभी भी अंधेरा

January 24, 2023 5:10 PM IST0
अन्य

Waste-to-energy: नरेला प्लांट की बिजली क्षमता बढ़कर होगी 60 मेगावाट

January 24, 2023 3:54 PM IST0

Trending Topics


  • Stocks to Watch Today
  • Share Market Update
  • Gold Rate Today
  • NSE
  • Fiscal Deficit
  • Gold Price Today
  • Rupee vs Dollar
  • Delhi Weather Today
  • Union Budget 2023

सबकी नजर


Share Market Today: ग्लोबल मार्केट से पॉजिटिव संकेत, तेजी के साथ खुल सकता है बाजार

January 27, 2023 7:16 AM IST

Budget 2023: पारंपरिक हलवा रस्म के साथ बजट दस्तावेज को अंतिम रूप देने का काम आखिरी चरण में

January 26, 2023 8:39 PM IST

पाकिस्तान की करेंसी में डॉलर के मुकाबले बड़ी गिरावट, गिरकर 255 रुपये प्रति डॉलर पर आया

January 26, 2023 8:16 PM IST

अदाणी समूह अजरबैजान में पेट्रो केमिकल, खनन में निवेश पर कर रहा विचार

January 26, 2023 7:51 PM IST

India Grid: तीसरी तिमाही में लाभ 27 प्रतिशत बढ़कर 120 करोड़ रुपये

January 26, 2023 7:40 PM IST

Latest News


  • Share Market Today: ग्लोबल मार्केट से पॉजिटिव संकेत, तेजी के साथ खुल सकता है बाजार
    by बीएस वेब टीम
    January 27, 2023
  • Budget 2023: पारंपरिक हलवा रस्म के साथ बजट दस्तावेज को अंतिम रूप देने का काम आखिरी चरण में
    by भाषा
    January 26, 2023
  • पाकिस्तान की करेंसी में डॉलर के मुकाबले बड़ी गिरावट, गिरकर 255 रुपये प्रति डॉलर पर आया
    by भाषा
    January 26, 2023
  • अदाणी समूह अजरबैजान में पेट्रो केमिकल, खनन में निवेश पर कर रहा विचार
    by भाषा
    January 26, 2023
  • India Grid: तीसरी तिमाही में लाभ 27 प्रतिशत बढ़कर 120 करोड़ रुपये
    by भाषा
    January 26, 2023
  • चार्ट
  • आज का बाजार
60205.06 
IndicesLastChange Chg(%)
सेंसेक्स60205
-7741.27%
निफ्टी60205
-7740%
सीएनएक्स 50015172
-2171.41%
रुपया-डॉलर81.57
--
सोना(रु./10ग्रा.)51317.00
0.00-
चांदी (रु./किग्रा.)66740.00
0.00-

  • BSE
  • NSE
CompanyLast (Rs)Gain %
Mahindra CIE378.508.51
Saregama India356.857.58
Esab India4073.055.51
KIOCL219.555.48
Sona BLW Precis.455.455.38
TVS Motor Co.1037.305.18
आगे पढ़े  
CompanyLast (Rs)Gain %
Mahindra CIE377.058.18
TVS Motor Co.1037.905.49
Sona BLW Precis.455.005.18
Home First Finan792.654.95
AAVAS Financiers1901.754.51
Sharda Cropchem506.503.55
आगे पढ़े  

# TRENDING

Stocks to Watch TodayShare Market UpdateGold Rate TodayNSEFiscal DeficitGold Price TodayRupee vs DollarDelhi Weather TodayUnion Budget 2023
© Copyright 2023, All Rights Reserved
  • About Us
  • Authors
  • Partner with us
  • Jobs@BS
  • Advertise With Us
  • Terms & Conditions
  • Contact Us