पहली पीढ़ी के उद्यमी कभी भी अपने धन की नुमाइश करने का मौका नहीं चूकते।
हाल में नोएडा में रेकॉड कीमतों पर जमीन हासिल करने वाली रीयल एस्टेट कंपनी बीपीटीपी लिमिटेड केप्रबंध निदेशक काबुल चावला भी इस नियम का अपवाद नहीं हैं।
37 साल के काबुल को उम्दा कारों का भी बेहद शौक है। एक बच्चे के पिता काबुल के पास मौजूद कारों में बेंटले और लंबरजिनी जैसी बेहतरीन कारें भी शामिल हैं।
हरियाणा के करनाल में पैदा हुए और पले-बढ़े काबुल काफी धार्मिक इंसान हैं।
देश का सबसे बड़ा रीयल एस्टेट सौदा करने के तुरंत बाद वह इसके लिए भगवान का शुक्रिया अदा करने के लिए वैष्णो देवी और अन्य धार्मिक स्थलों की यात्रा पर निकल पड़े।
जाहिर है वह अब मशहूर व्यवसायी और भारती एयरटेल के प्रमुख सुनील भारती मित्तल और दिवंगत होटल कारोबारी ललित सूरी के पदचिन्हों पर चलने की कोशिश कर रहे हैं।
बीपीटीपी को शून्य से शिखर तक पहुंचाने का पूरा श्रेय काबुल को ही जाता है।
नोएडा में रेकॉर्ड 5006 करोड़ रुपये में 94 एकड़ के प्लॉट को हासिल करने के लिए उन्हें डीएलएफ और ओमैक्स जैसे रीयल एस्टेट के बड़े खिलाड़ियों से मुकाबला करना पड़ा।
हालांकि उनकी प्रतिद्वंद्वी कंपनियों ने उनकी इस डील पर नाक भौं भी सिकोड़े, लेकिन यह कहीं न कहीं ‘अंगूर खट्टे हैं’ वाली कहावत चरितार्थ करता है।
इन कंपनियों के प्रतिनिधियों का कहना था कि बीपीटीपी ने इस सौदे के लिए जरूरत से ज्यादा रकम खर्च कर डाली। हालांकि ज्यादा रकम वाली बात को सिरे से खारिज नहीं किया जा सकता।
बहरहाल बीपीटीपी के नुमाइंदे काफी उत्साह में हैं और जरूरत से ज्यादा रकम वाली बात से सहमत नजर नहीं आते।
उनके आत्मविश्वास की प्रमुख वजह बीपीटीपी का पिछला रेकॉर्ड हो सकता है।
चावला की कंपनी के पास फिलहाल 1900 एकड़ जमीन है, जो फरीदाबाद, गुडगांव, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, मोहाली और हैदाराबाद में स्थित है।
कंपनी के प्रोजेक्टों में रिहायशी व व्यावसायिक दोनों तरह के प्रोजेक्ट शामिल हैं।
बीपीटीपी में ग्रोथ की संभावनाओं के मद्देनजर सिटी बैंक की रीयल एस्टेट इकाई और मेरिल लिंच ने कंपनी के प्रोजेक्टों में निवेश किया है।
कंपनी से करीब से जुड़े लोगों के मुताबिक, इसका श्रेय चावला को ही जाता है।
उनके बारे में जो बात शायद बहुत कम लोगों को मालूम है, वह यह कि वह फैसले लेने में तनिक भी देरी नहीं करते। साथ ही, उनका कई वरिष्ठ नेताओं के साथ उठना-बैठना है।
रीयल एस्टेट सौदों में (खासकर उत्तर प्रदेश जैसे राज्य में) संपर्कसूत्र और साख काफी मायने रखता है।
सूत्रों के मुताबिक, चावला इन दोनों में माहिर हैं। काबुल चावला दिवंगत भारतीय-अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावल के रिश्तेदार भी हैं। नोएडा जमीन सौदे के बाद काबुल छोटे शहरों के युवा उद्यमियों के लिए प्रेरणास्रोत बन चुके हैं।