सिक्किम में भले ही विधान सभा चुनाव के नतीजे का इंतजार है (निर्वाचन आयोग के हालिया फैसले के मुताबिक यहां मतदान 19 अप्रैल को हुआ था और मतगणना 2 जून को होगी जबकि देश भर में 4 जून को मत गिने जाएंगे) लेकिन वर्ष 2023 के चार घटनाक्रम ही राज्य के भविष्य की राह तय करेंगे।
पहला घटनाक्रम, फरवरी 2023 का है जब मशहूर फुटबॉल खिलाड़ी बाइचुंग भूटिया ने अपनी हमरो सिक्किम पार्टी का विलय सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट (एसडीएफ) के साथ कर दिया। ठीक उसी दौरान एसडीएफ के प्रमुख और पांच बार सिक्किम के मुख्यमंत्री रहे पवन चामलिंग ने यह घोषणा कर दी कि 2024 का चुनाव उनका आखिरी चुनाव होगा। उन्होंने भूटिया को एसडीएफ का उपाध्यक्ष बना दिया और उनके लिए एक विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से नामांकन की पेशकश भी कर दी।
हालांकि भूटिया की राजनेता बनने की कोशिश को अब तक ज्यादा सफलता नहीं मिली है। वह सिलीगुड़ी के मेयर के लिए तृणमूल कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार भी थे और वह यह चुनाव हार गए। उन्हें 2014 में दार्जिलिंग लोकसभा सीट भी भाजपा के उम्मीदवार के हाथों गंवानी पड़ी। वर्ष 2018 में उन्होंने अपने गृह राज्य लौटने के साथ ही हमरो सिक्किम पार्टी की शुरुआत की। भूटिया के चुनावी रिकॉर्ड को लेकर सिक्किम के वर्तमान मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमाग गोले ने मजाक उड़ाया। उन्होंने उन्हें राजनीति में पांव जमाने की कोशिश करने के बजाय फुटबॉल के क्षेत्र में ही बने रहने की सलाह दी।
दूसरा महत्त्वपूर्ण घटनाक्रम सिक्किम में हाल में सबसे भयावह स्तर पर अचानक आई बाढ़ से जुड़ा है। दरअसल पिछले साल अक्टूबर महीने में एक हिमनद झील के चलते तीस्ता नदी और तीस्ता 3 की जलविद्युत परियोजना बांध में बाढ़ की स्थिति बन गई।
सिक्किम जैसे छोटे राज्य में इससे बड़ी तबाही जैसी स्थिति बन गई। सेना के 20 से अधिक जवान और बड़ी मात्रा में हथियार आदि बाढ़ में बह गए। इस आपदा में 100 से अधिक शव बरामद किए गए थे और इस बाढ़ से 60,000 से अधिक लोग प्रभावित हुए थे। ऐसे में जाहिर है कि मुआवजे में भ्रष्टाचार भी एक प्रमुख राजनीतिक मुद्दा बन गया। यह मुद्दा विधानसभा चुनाव में भी उठा।
तीसरी महत्त्वपूर्ण घटना पिछले साल दिसंबर महीने में दलाई लामा की सिक्किम की तीन दिवसीय यात्रा से जुड़ी थी जो 13 वर्षों में पहली बार थी। पालजोर स्टेडियम में उन्होंने अपने अनुयायियों को संबोधित किया जो नाथू ला में भारत-चीन सीमा से सिर्फ 50 किलोमीटर दूर है। उनके दौरे के बाद ही चीन ने अरुणाचल प्रदेश के तीन भारतीय वुशु खिलाड़ियों को 19वें एशियाई खेलों में भाग लेने के लिए देश में प्रवेश करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था। सिक्किम में भारत-चीन सीमा पर सैनिकों के बीच आखिरी हिंसात्मक झड़प 2021 में हुई थी।
सरकारी सूत्रों के आधार पर मिली इस रिपोर्ट का भारत ने खंडन नहीं किया है कि उत्तरी सिक्किम के नाकू ला इलाके में चीन की तरफ कंक्रीट के बंकर बनाए जा रहे हैं ताकि सैनिकों की तैनाती में आसानी हो।
चौथी अहम घटना यह रही कि सिक्किम के उत्साही युवा इस घोषणा को लेकर बेहद अभिभूत थे कि सिक्किम मूल के हार्ड रॉक/हेवी मेटल बैंड जिसे गिरीश ऐंड दि क्रॉनिकल्स कहा जाता है, उसने जून, 2023 में अबू धाबी में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मशहूर रॉक ग्रुप, गंस ऐंड रोजेज के साथ पहली बार मंच साझा किया।
समूह ने ट्विटर पर ट्वीट किया, ‘हम अभी जो महसूस कर रहे हैं, उसे व्यक्त करने के लिए हमारे पास शब्द नहीं हैं। लेकिन यह बात निश्चित है कि हमें आज सिक्किम और भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए बहुत गर्व महसूस हो रहा है।’
गिरीश प्रधान और उनके भाई योगेश, गिटारवादक सुराज सुन और ड्रम वादक नागेन मॉनग्रांती सभी सिक्किम से हैं। रोलिंग स्टोन पत्रिका का कहना है कि प्रधान आज हार्ड रॉक और हेवी मेटल सर्कल में सबसे चर्चित गायकों में से एक हैं और उनकी काफी मांग है। इन सभी घटनाओं का 32 सदस्यीय विधानसभा चुनाव के नतीजे पर प्रभाव पड़ने की संभावना है।
वर्ष 1994 से 2019 तक 25 वर्षों तक सिक्किम में सत्ता में रही एसडीएफ को पिछले विधानसभा चुनावों में प्रेम सिंह तमांग के नेतृत्व वाले एसकेएम से हार का सामना करना पड़ा था। अब 2 जून को ही तय होगा कि भूटिया की उपस्थिति से एसडीएफ की किस्मत चमकेगी या नहीं। मौजूदा सरकार ने आदर्श आचार संहिता लागू होने से कुछ दिन पहले घोषणा की थी कि वह राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना फिर से लागू करेगी। इस फैसले को लागू कराने और इसकी वित्तीय जिम्मेदारी नई सरकार पर होगी।
लिम्बू और तमांग समुदायों के लिए आरक्षण का मुद्दा भी गर्म है जिसको लेकर मौजूदा सरकार ने वादा किया है लेकिन इसे अभी तक लागू नहीं किया गया है। सिक्किम खेती के जैविक तरीकों को अपनाने का प्रयास कर रहा है। लेकिन जलवायु परिवर्तन के प्रभाव भी स्पष्ट रूप से दिख रहे हैं। ऐसे में जो भी सत्ता में आएगा, जलवायु परिवर्तन से जुड़े खतरे के इस दौर में आजीविका का मुद्दा एक बड़ी चुनौती बना रहेगा।
सिक्किम के विकास का मॉडल, अन्य राज्यों से अलग है। सिक्किम ने 13 पनबिजली परियोजनाओं के लिए ‘ना’ कहा है क्योंकि इससे राज्य के पर्यावरण और पारिस्थितिकी तंत्र के लिए खतरा पैदा हो सकता है। विकास का वैकल्पिक मॉडल दरअसल ‘प्रकृति की ओर वापस’ लौटने से जुड़ा है।
राज्य में रोजगार की भी जरूरत है। इस चुनाव से पहले भाजपा और एसकेएम के बीच गठबंधन टूट गया था। एक कारण यह डर है कि अनुच्छेद 370, अनुच्छेद 371 एफ की तरह बदला जा सकता है। इस संवैधानिक संरक्षण के कारण सिक्किम के लोगों को जमीन खरीदने और राज्य सरकार की नौकरी पाने का अधिकार है।
इसके अलावा उन्हें आयकर भुगतान से भी छूट दी गई है। आप नए दोस्त बना सकते हैं लेकिन भूगोल नहीं बदल सकते हैं। सिक्किम इस बात को लेकर बेहद सजग है कि इसे कभी भी भारत-चीन की शत्रुता का गवाह बनना पड़ सकता है। लेकिन इन सबमें सबसे महत्त्वपूर्ण बात सिक्किम के युवाओं की आकांक्षा और महत्त्वाकांक्षा है।
राज्य में भारत में आत्महत्या की दर सबसे अधिक (100,000 लोगों पर 37.5 लोग) है और यह भारतीय औसत से लगभग तीन गुना अधिक है। सिक्किम में 10 में से सात किशोर दवाओं का इस्तेमाल नशे के लिए करते हैं। हर परिवार का एक व्यक्ति किसी न किसी तरह के अवैध मादक पदार्थ का सेवन कर रहा है। ये सभी मुद्दे चुनाव में छाए रहे हैं। अब इन सबका नतीजा आना है।