ऑस्कर पुरस्कारों में भारत की धूम मचने और कुछ अन्य खबरों के बीच दो घटनाक्रम भी सुर्खियां बटोर रहे हैं। इनमें एक खबर कूपर्टीनो स्थित ऐपल इंक और दूसरी बेंटनविल स्थित वॉलमार्ट से जुड़ी हैं। ये दोनों अमेरिकी बहुराष्ट्रीय कंपनियां भारत को भविष्य में अपने कारोबार का एक महत्त्वपूर्ण केंद्र बताने में विशेष उत्साह दिखा रही हैं।
दुनिया में भारत का आर्थिक रसूख तेजी से बढ़ा है और इसे निवेश के एक आकर्षक बाजार के रूप में देखा जा रहा है। दुनिया की शीर्ष कंपनियां भारतीय बाजार में उतरने या अपनी उपस्थिति बढ़ाने का इरादा जता रही हैं।
खबरों के अनुसार ऐपल भारतीय बाजार पर ध्यान अधिक केंद्रित करने के लिए संगठनात्मक स्तर पर बदलाव कर रही है। इस बारे में फिलहाल विशेष सूचना उपलब्ध नहीं है मगर इतना तो स्पष्ट है कि तकनीक क्षेत्र की इस दिग्गज कंपनी की कारोबारी रणनीति में भारत की एक बड़ी भूमिका होगी।
भारत में आईफोन की मांग लगातार बढ़ रही है और ऐपल के उत्पाद बनाने की होड़ देश के सभी राज्यों में बढ़ती जा रही है। सभी राज्य ऐपल को अपने यहां विनिर्माण संयंत्र लगाने के लिए आकर्षित कर रहे हैं। ऐपल अपने उत्पादों का विनिर्माण चीन से बाहर ले जाना चाहती थी जिससे इसके उत्पाद बनाने वाली फॉक्सकॉन को दूसरे विकल्पों पर विचार करना पड़ा और अब सभी दृष्टिकोण से भारत उनके कारोबार के लिए अनुकूल लग रहा है।
जहां तक वॉलमार्ट की बात है तो इसने भारत को लेकर अपना रुख साफ कर दिया है। हाल में ऑरलैंडो में रेमंड जेम्स इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर कॉन्फ्रेंस में वॉलमार्ट के शीर्ष प्रबंधन ने एक अनौपचारिक वार्तालाप में खुदरा कारोबार पर नजर रखने वाले लोगों के सामने अपनी रणनीति स्पष्ट कर दी। इस बातचीत के अंतिम 10 मिनट में पूरा ध्यान वॉलमार्ट के खुदरा कारोबार पर केंद्रित रहा।
सवाल भारत और चीन के बाजार में मौजूद अवसरों से संबंधित था। इसके जवाब में वॉलमार्ट के मुख्य परिचालन अधिकारी ने जो कहा वह सुर्खियां बनने लायक थीं। उन्होंने कहा, ‘मेरा अनुमान है कि भारत इस वर्ष चीन को पीछे छोड़कर दुनिया का सबसे बड़ा बाजार बन जाएगा। भविष्य के लिए यह उम्दा अवसर मुहैया कराएगा।’
यह तब हो रहा है जब वॉलमार्ट कुछ अंतरराष्ट्रीय बाजारों से अपना कारोबार समेट चुकी है। कंपनी अपना मूल्यांकन अधिक से अधिक बढ़ाने के लिए निवेश का अधिक से अधिक फायदा उठाना चाह रही है। वॉलमार्ट के मुख्य परिचालन अधिकारी के अनुसार आगे चलकर कंपनी कारोबार समेटने और नए निवेश करने दोनों में शिष्टता बरतेगी ताकि उत्पादों की श्रेणियां एवं विभिन्न खंड कंपनी की हैसियत बढ़ा सकें।
वह चीन के ऊपर भारत को अधिक तरजीह जरूर दे रहे हैं। मगर उन्होंने यह भी कहा कि वॉलमार्ट भारत और चीन दोनों को लेकर उत्साहित हैं क्योंकि ये दोनों ही बाजार दूसरों देशों की तुलना में ज्यादा तेजी से बढ़ रहे हैं।
ये दोनों ही अमेरिकी बहुराष्ट्रीय कंपनियां फॉर्च्यून की सूची में शीर्ष पर हैं। इन दोनों के साथ एक मिलती-जुलती बात यह है कि भारत में इनमें से किसी का भी कोई खुदरा स्टोर नहीं है। पूरी दुनिया में ऐपल और वॉलमार्ट अपने बड़े-बड़े स्टोर के लिए जाने जाते हैं। भारत में बिजनेस-टू-बिजनेस लेनदेन के लिए वॉलमार्ट के केवल 29 थोक या कैश ऐंड कैरी स्टोर हैं। इस अमेरिका कंपनी के लिए भारत में खुदरा स्टोर (आम भाषा में मल्टी ब्रांड रिटेल) खोलना अब तक एक सपना ही रहा है।
भारत में विदेशी निवेशकों के लिए नियामकीय बाधा एक बड़ी समस्या है। भारत में वॉलमार्ट फ्लिपकार्ट और फोनपे के बराबर है। 2018 में अमेरिका की इस कंपनी ने ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट में 16 अरब डॉलर में बहुलांश हिस्सेदारी खरीद ली थी। वॉलमार्ट का ऑनलाइन पेमेंट ऐप फोनपे पर भी नियंत्रण है जो पहले फ्लिपकार्ट के पास थी।
वॉलमार्ट की सालाना रिपोर्ट, 2022 के अनुसार अमेरिका में कंपनी के 5,342 स्टोर हैं, जिनमें 3,573 सुपरसेंटर हैं। प्रत्येक सुपरसेंटर 1 लाख से 2.5 लाख वर्गफुट में फैला है। अमेरिका के बाहर वॉलमार्ट के 5,251 स्टोर हैं। भारत में वॉलमार्ट की उपस्थिति महज 29 थोक स्टोर के रूप में है। चीन में कंपनी के 397 स्टोर हैं जिनमें 361 खुदरा और 36 थोक स्टोर हैं। वॉलमार्ट के अफ्रीका में 414, कनाडा में 408, मध्य अमेरिका में 864, चिली में 384 और मैक्सिको में 2,755 स्टोर हैं।
वॉलमार्ट की तरह ऐपल भी भारत में पूर्ण नियंत्रित स्टोर अब तक नहीं खोल पाई है। एकल- ब्रांड खुदरा में विदेशी निवेश से जुड़ी सोर्सिंग की शर्तें इसका मुख्य कारण है। ऐपल के उत्पादों की बिक्री भारत में फ्रैंचाइजी शॉप के जरिये होती है। भारत में विनिर्माण में ऐपल के उतरने के बाद सोर्सिंग से जुड़े नियम कुछ सरल बनाए गए हैं। इसे देखते हुए समझा जा रहा है कि ऐपल भारत में जल्द ही दो पूर्ण नियंत्रित स्टोर-दिल्ली और मुंबई-में खोलने जा रही है।
पूरी दुनिया में ऐपल के 500 से अधिक स्टोर हैं। इनमें करीब 275 अमेरिका में और शेष अन्य देशों में हैं। अमेरिका के बाद चीन में ऐपल के सबसे अधिक स्टोर (44) हैं। चीन में ऐपल ने मई 2022 में भी एक स्टोर खोला था। जिन अन्य देशों में ऐपल के 10 या इससे अधिक स्टोर हैं उनमें ब्रिटेन (39), कनाडा (28), ऑस्ट्रेलिया (22), फ्रांस (20), इटली (17), जर्मनी (16), जापान (10) और स्पेन (11) शामिल हैं।
भारत में जिस भी दल या गठबंधन की सरकार बनी है उनके लिए ऐपल और वॉलमार्ट एक बहस का विषय रही हैं। वर्ष 2013 में वॉलमार्ट एशिया के तत्कालीन मुख्य कार्याधिकारी अधिकारी स्कॉट प्राइस ने यह घोषणा की थी कि उसके समूह की खुदरा कारोबार की योजना भारत में आगे नहीं बढ़ सकती इसलिए भारती समूह के साथ संयुक्त उद्यम समाप्त किया जा रहा है।
इस घोषणा के बाद तो एक बार ऐसा लगा कि सब कुछ खत्म हो गया। मगर एक दशक के बाद समूह ने अमेरिका से बाहर भारत को इस साल के लिए अपना संभावित शीर्ष बाजार करार दिया है। ऐपल भी इसी तरह के कारोबारी चक्र से गुजरी है। ऐपल चाहती है कि शीर्ष प्रबंधन भारत को ध्यान में रखकर बदलाव करे। यह इस बात का सीधा संकेत है कि कंपनी के लिए भारत का महत्त्व कितना बढ़ गया है।