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बीपीओ कंपनियों को लागा, चस्का इंटरनेट का

Last Updated- December 05, 2022 | 5:23 PM IST

इंटरनेट पर चहलकदमी का चस्का अब देसी बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग (बीपीओ) कंपनियों को चलाने वालों को भी खासा लग गया है।


अब ट्रांसफॉर्म सोल्यूशंस के मैनेजिंग डायरेक्टर अशफाक शिलिवाला को ही लीजिए, जो इंटरनेट के खासे मुरीद हैं। और हों भी क्यों न?…जब बिना अमेरिका का एक भी चक्कर लगाए उन्होंने सूरत में बैठे-बैठे, वहां के 250 ग्राहकों को पटा लिया।


 इन सभी 250 ग्राहकों को वह इंटरनेट के जरिए सेवाएं मुहैया कराके हर माह 6 लाख रुपए की कमाई करलेते हैं। इन्हीं ग्राहकों से मिलने वाली कमाई का असर है कि 2000 में जहां उनके पास महज पांच कर्मचारी थे, अब बढ़कर 190 तक पहुंच गए हैं। शिलिवाला बताते हैं- हम अपने अमेरिकी ग्राहकों को प्रशासनिक सेवाएं मुहैया कराते हैं। अगर प्रोजेक्ट घंटों के आधार पर है तो काम की प्रकृति के अनुरूप इसके लिए तीन से चार डॉलर प्रति घंटे के हिसाब से पैसे लेते हैं।


ट्रांसफॉर्म सोल्यूशंस तो बस एक उदाहरण है, उन 4000 देसी कंपनियों का, जो इलांस डॉट कॉम (elans.com) नाम के बिजनेस टु बिजनेस (बी टु बी) पोर्टल पर रजिस्टर्ड हैं। यह पोर्टल दुनियाभर के छोटे और मझोले कारोबारियों के लिए मांग के हिसाब से काम की अवधारणा पर बनाया गया है। इस पोर्टल पर ये कारोबारी अपनी-अपनी जरूरतों के हिसाब से प्रोजेक्ट की जानकारी लिखते हैं और इसके जवाब में सर्विस मुहैया कराने वाले शख्स या कंपनी अपनी-अपनी बोली की जानकारी देते हैं।


इस पोर्टल पर आधे के करीब तो सर्विस प्रोवाइडर अमेरिकी हैं, बाकी में पूरी दुनिया के सर्विस प्रोवाइडर आते हैं। इस पोर्टल में दर्ज भारतीय कंपनियों के लिए गौरव की बात यह है कि इलांस पर होने वाले कुल भुगतान का तकरीबन 40 फीसदी हिस्सा केवल भारतीय खातों में ही जाता है।

First Published - March 31, 2008 | 12:09 AM IST

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