अमेरिकी सीनेट में इन दिनों राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैक्स में छूट और खर्च में कटौती वाले बड़े बिल को लेकर ज़ोरदार राजनीतिक घमासान चल रहा है। इसे ‘One Big Beautiful Bill Act’ नाम दिया गया है और इसकी लंबाई 940 पेज की है। ट्रंप चाहते हैं कि यह बिल 4 जुलाई से पहले पास हो जाए, इसलिए रिपब्लिकन पार्टी, जिसके पास कांग्रेस में बहुमत है, तेज़ी से काम निपटाने की कोशिश कर रही है। लेकिन अंदरूनी मतभेद इसे और भी मुश्किल बना रहे हैं।
सीनेट में बहुमत बहुत मामूली है, इसलिए थ्यून केवल तीन से ज़्यादा रिपब्लिकन सीनेटरों को नहीं गंवा सकते। लेकिन दो सीनेटर पहले ही विरोध जता चुके हैं — नॉर्थ कैरोलिना के थॉम टिलिस, जिन्हें डर है कि इससे लाखों लोग Medicaid जैसी स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित हो जाएंगे, और केंटकी के रैंड पॉल, जो मानते हैं कि टैक्स कटौती से देश का कर्ज और बढ़ेगा। ट्रंप की नाराज़गी के बाद टिलिस ने तो ऐलान भी कर दिया कि वह अगला चुनाव नहीं लड़ेंगे।
डेमोक्रेट नेता चक शूमर ने कहा कि रिपब्लिकन पार्टी हर बार बिल को और ज़्यादा ‘कट्टर’ बना रही है, ताकि अमीरों को टैक्स में छूट दी जा सके। डेमोक्रेट्स इस बिल के पूरी तरह खिलाफ हैं और उन्होंने दर्जनों संशोधन पेश किए हैं, हालांकि ज़्यादातर के पास पास होने की संभावना नहीं है। इस प्रक्रिया को ‘वोट-अ-रामा’ कहा जा रहा है, जिसमें एक के बाद एक वोटिंग होती है।
एक नई रिपोर्ट के मुताबिक, अगर यह बिल कानून बनता है तो 2034 तक अमेरिका में 1.18 करोड़ लोग स्वास्थ्य बीमा से वंचित हो सकते हैं। इसके अलावा, अगले 10 साल में यह बिल अमेरिका के बजट घाटे को करीब 3.3 ट्रिलियन डॉलर तक बढ़ा सकता है।