National Pension Scheme: अभी टैक्स सीजन चल रहा है। लोग ITR फाइल कर रहे हैं और टैक्स बचाने की हर जुगत में लगे हुए हैं। अक्सर टैक्स बचाने के लिए लोग निवेश के कई अलग-अलग माध्यम की तलाश में लगे रहते हैं। और इसके लिए लोगों के पास कई विकल्प हैं भी। इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम (ELSS), पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF), नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC) में निवेश के माध्यम से लोग टैक्स बचाते हैं। लेकिन नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) एक ऐसा विकल्प है जो न केवल रिटायरमेंट के लिए अच्छा फंड तैयार कर सकता है बल्कि 50,000 रुपए की अतिरिक्त कर योग्य आय को भी कम कर सकता है।
नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) एक सरकारी योजना है। यह आपके रिटायरमेंट के लिए एक मजबूत फंड बनाने में मदद करती है और साथ साथ टैक्स बचाने का भी एक प्रभावी माध्यम है। यह योजना, पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) द्वारा संचालित है और लंबे समय तक निवेश के लिए एक सुरक्षित और लाभदायक विकल्प है। आज हम विस्तार से जानेंगे कि कैसे NPS में निवेश कर 2 लाख रुपये तक की टैक्स छूट प्राप्त कर सकते हैं और बुढ़ापे के लिए एक बड़ा फंड कैसे तैयार कर सकते हैं।
सबसे पहले बात करते हैं NPS के माध्यम से टैक्स बचाने की। आयकर अधिनियम के तहत, NPS में निवेश करने वाले लोगों को अलग अलग धाराओं के तहत टैक्स छूट का लाभ मिलता है। धारा 80CCD(1) के तहत, कोई भी व्यक्ति अपनी सैलरी (बेसिक + डीए) का 10% या स्व-नियोजित व्यक्ति अपनी सकल आय का 20% तक NPS में निवेश कर सकते हैं, जिसका अधिकतम लाभ 1.5 रुपए लाख तक सीमित है। यह धारा 80C के तहत प्रदान की जाने वाली अन्य कटौतियों जैसे PPF, ELSS, टैक्स सेविंग FD आदि में शामिल होती है। हालांकि, यह फायदा आपको ओल्ड पेंशन स्कीम चुनने पर मिलेगा।
इसके अतिरिक्त, धारा 80CCD(1B) के तेहत, NPS में 50,000 रुपए तक के अतिरिक्त निवेश पर भी छूट दी जाती है। यह छूट 1.5 लाख रुपए की सीमा के ऊपर है, जो इसे अन्य निवेश के विकल्पों से अलग बनाती है। उदाहरण के लिए, यदि आप धारा 80C के तहत PPF या टैक्स सेविंग FD में 1.5 लाख रुपए का निवेश करते हैं और साथ ही NPS में 50,000 रुपए का निवेश करते हैं, तो आप कुल 2 लाख रुपए की टैक्स छूट का दावा कर सकते हैं।
NPS की एक और अनूठी विशेषता यह है कि नियोक्ता द्वारा दिए गए योगदान पर भी छूट मिलती है। धारा 80CCD(2) के अंतर्गत, नियोक्ता द्वारा आपकी सैलरी (बेसिक + डीए) का 10% तक का योगदान टैक्स फ्री होता है। यह छूट 80C और 80CCD(1B) की सीमाओं के अतिरिक्त होती है, जो इसे उच्च आय वर्ग के लिए एक आकर्षक विकल्प बनाती है।
अब आइए जानते हैं कि कैसे NPS आपको बुढ़ापे में आर्थिक रूप से स्वतंत्र बना सकता है। NPS में किया गया निवेश इक्विटी, सरकारी बांड और कॉर्पोरेट बांड में विभाजित किया जाता है। आप अपने निवेश को “ऑटो” या “एक्टिव” मोड में मैनेज कर सकते हैं। “ऑटो” मोड में, आपकी उम्र के अनुसार संपत्ति आवंटन स्वतः बदलता है, जबकि “एक्टिव” मोड में आप अपनी पसंद के अनुसार संपत्ति आवंटन तय कर सकते हैं।
उदाहरण के लिए, यदि आप 30 वर्ष की आयु में NPS में निवेश शुरू करते हैं और हर महीने 5,000 रुपए का योगदान करते हैं, तो 60 वर्ष की आयु तक आपके पास लगभग 1.5 करोड़ रुपए का फंड हो सकता है (8-10% वार्षिक रिटर्न मानते हुए)। इसमें से 60% राशि, जो लगभग 90 लाख रुपए होगी, आप एकमुश्त निकाल सकते हैं और शेष 40% राशि से वार्षिक पेंशन खरीद सकते हैं। यह पेंशन आपको आजीवन आय प्रदान करेगी।
NPS से पैसे निकालने का नियम भी बहुत स्पष्ट और आसान है। 60 साल की आयु पर, आप कुल फंड का 60% तक एकमुश्त निकाल सकते हैं और शेष 40% को पेंशन में बदलना अनिवार्य है। यह 60% राशि टैक्स फ्री होती है, जबकि पेंशन पर टैक्स लगता है। यदि आपका कुल फंड 5 लाख रुपए से कम है, तो आप पूरी राशि निकाल सकते हैं।
NPS में प्रीमैच्योर निकासी की भी सुविधा है, लेकिन इसमें कुछ शर्तें लागू होती हैं। आप अपने योगदान का 25% तक निकाल सकते हैं, वह भी केवल बच्चों की शादी, शिक्षा, घर खरीदने या चिकित्सा जरूरतों के लिए। पूरे कार्यकाल में आप केवल तीन बार प्रीमैच्योर निकासी कर सकते हैं।
NPS खाता खोलने की प्रक्रिया बहुत आसान है। आप किसी भी सार्वजनिक या निजी बैंक में जाकर खाता खोल सकते हैं। इसके अलावा, Protean (पूर्व में NSDL), CAMS और KFintech जैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से भी NPS खाता खोला जा सकता है। इसके लिए आपके पास कागजात के रूप में आधार कार्ड, पैन कार्ड, एक कैंसल चेक और मोबाइल नंबर होना चाहिए जो आपके आधार से लिंक हो।
ऑनलाइन खाता खोलने के लिए, सबसे पहले इन प्लेटफॉर्म्स पर जाकर अपना रजिस्ट्रेशन करें। अपना व्यक्तिगत विवरण, बैंक खाता और नामांकन की जानकारी दर्ज करें। इसके बाद, आप अपना डॉक्यूमेंट अपलोड कर सकते हैं और अपना निवेश शुरू कर सकते हैं।
NPS के दो प्रमुख प्रकार के खाते होते हैं – टियर 1 और टियर 2। टियर 1 खाता पेंशन योजना का आधार है, जिसमें निवेश की गई राशि पर लॉक-इन पीरियड होता है। आप 60 वर्ष की आयु से पहले इस खाते से निकासी नहीं कर सकते, सिवाय प्रीमैच्योर निकासी के। टियर 2 खाता एक वोलंटरी सेविंग अकाउंट है, जिसमें निकासी पर कोई रोक नहीं होती। लेकिन, टैक्स छूट केवल टियर 1 खाते के लिए ही लागू होती है।
NPS के तहत निवेश का सबसे बड़ा लाभ इसका बाजार-आधारित रिटर्न है। हालांकि रिटर्न गारंटीड नहीं है, लेकिन लॉन्ग टर्म के निवेश के लिए यह अन्य पारंपरिक निवेश विकल्पों की तुलना में अधिक लाभदायक साबित हो सकता है। इक्विटी कंपोनेंट आपके निवेश को हाई रिटर्न देने में मदद करता है, जबकि सरकारी और कॉर्पोरेट बांड इसे स्थिरता देता है।
NPS में निवेश करने वाले व्यक्तियों को सलाह दी जाती है कि वे अपनी आयु, जोखिम उठाने की क्षमता और वित्तीय लक्ष्यों के आधार पर “ऑटो” या “एक्टिव” मोड चुनें। युवा निवेशकों के लिए, अधिक इक्विटी आवंटन वाले विकल्प फायदेमंद हो सकते हैं, जबकि वृद्ध निवेशकों के लिए स्थिर रिटर्न वाले विकल्प उपयुक्त होते हैं। NPS का महत्व उन लोगों के लिए और भी अधिक बढ़ जाता है जो अपने रिटायरमेंट के लिए एक सुव्यवस्थित योजना बनाना चाहते हैं। यह योजना न केवल आपके वर्तमान टैक्स बोझ को कम करती है बल्कि आपके भविष्य को भी आर्थिक रूप से सुरक्षित बनाती है। अगर आप एक सुरक्षित और लाभदायक रिटायरमेंट योजना की तलाश में हैं, तो NPS आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है।
अंत में, हम कह सकते हैं कि NPS एक ऐसी योजना है जो आपके निवेश को दीर्घकालिक लाभ में बदलने की क्षमता रखती है। टैक्स बचाने से लेकर रिटायरमेंट के लिए एक बड़ा फंड तैयार करने तक, यह योजना हर तरीके से फायदेमंद साबित हो सकता है।
इनकम टैक्स एक्सपर्ट मोहित गांग कहते हैं, “NPS में निवेश करने से टैक्स बचत में मदद मिलती है। यह रिटायरमेंट प्लानिंग के लिए डिजाइन किया गया है, जो अनुशासित और दीर्घकालिक निवेश को बढ़ावा देता है। इसमें आप इक्विटी कॉर्पोरेट डेट (Corporate Debt) और सरकारी बॉन्ड्स में निवेश का अनुपात तय कर सकते हैं। NPS भारत के सबसे कम लागत वाले रिटायरमेंट प्रोडक्ट्स में से एक है। फंड मैनेजमेंट चार्ज सिर्फ 0.09% है, जिससे आपका पैसा फीस पर खर्च होने की बजाय निवेश में लगता है। NPS में निवेश करने पर आयकर अधिनियम की धारा 80CCD (2) के तहत कटौती का लाभ लिया जा सकता है। यदि नियोक्ता (Employer) कर्मचारी के NPS खाते में योगदान करता है, तो यह कटौती कुल आय से की जा सकती है। बजट 2024 में धारा 80CCD(2) के तहत टैक्स कटौती को 10% से बढ़ाकर बेसिक सैलरी का 14% कर दिया गया है।”
क्या NPS में निवेश सुरक्षित है? इसका जवाब देते हुए फाइनेंशियल प्लानर तारेश भाटिया कहते हैं,” NPS एक मार्केट-लिंक्ड प्रोडक्ट है, इसलिए इसका प्रदर्शन बाजार की स्थिति पर निर्भर करता है। हालांकि, इसमें रिटर्न की गारंटी नहीं होती और यह थोड़ा जोखिम लेकर आता है। लेकिन इसका विविधीकृत (Diversified) पोर्टफोलियो और लंबे समय का निवेश इसे रिटायरमेंट प्लानिंग के लिए अपेक्षाकृत स्थिर विकल्प बनाता है। अगर बात रिटर्न की करें तो NPS मार्केट-लिंक्ड प्रोडक्ट है, जिसमें जोखिम होता है। हालांकि, लंबे समय तक निवेश करने से आपके निवेश पर कंपाउंडिंग का प्रभाव बढ़ सकता है, जिससे बेहतर रिटर्न मिलने की संभावना बढ़ जाती है।”