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पेंशन योजना में संशोधन पर विचार कर रही है सरकार, न्यूनतम पेंशन 40-45% होने की संभावना है

2004 के वित्तीय सुधार के बाद पेंशन व्यवस्था में बदलाव किया गया था और हाल के दिनों में कुछ राज्यों ने पुरानी पेंशन बहाल करने की घोषणा की है।

Last Updated- June 21, 2023 | 10:27 PM IST
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केंद्र सरकार मौजूदा बाजार से जुड़ी पेंशन योजना में बदलाव कर अपने कर्मचारियों को उनके अंतिम वेतन के 40 से 45 प्रतिशत तक न्यूनतम पेंशन देने की पेशकश कर सकती है। सरकार से जुड़े दो सरकारी सूत्रों ने कहा कि कुछ राज्यों में पेंशन को लेकर चल रही चिंता का समाधान करने के लिए सरकार ऐसा कर सकती है।

इस कदम पर ऐसे समय में विचार चल रहा है, जब सरकार ने एक साल में पेंशन व्यवस्था की समीक्षा करने के लिए समिति का गठन किया है और कुछ राज्यों में विधान सभा चुनाव होने हैं, और उसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2024 में अपने तीसरे कार्यकाल के लिए चुनावी मैदान में होंगे। मोदी सरकार पर मौजूदा पेंशन व्यवस्था पर पुनर्विचार करने को लेकर दबाव है।

2004 के वित्तीय सुधार के बाद पेंशन व्यवस्था में बदलाव किया गया था और हाल के दिनों में कुछ राज्यों ने पुरानी पेंशन बहाल करने की घोषणा की है। मौजूदा राष्ट्रीय पेंशन योजना में कर्मचारियों को अपने मूल वेतन का 10 प्रतिशत अंशदान देना होता है और 14 प्रतिशत सरकार देती है।

इस पर भुगतान बाजार में मिलने वाले मुनाफे पर निर्भर है, जिसे ज्यादातर केंद्र के डेट में निवेश किया गया है। इसके विपरीत पुरानी पेंशन व्यवस्था में कर्मचारी के अंतिम माह के वेतन के 50 प्रतिशत पेंशन की गारंटी होती थी, जिसमें कार्यकाल के दौरान किसी तरह के अंशदान की जरूरत नहीं थी।

दो अधिकारियों ने कहा कि सरकार मौजूदा योजना में संशोधन पर विचार कर रही है, जिसमें कर्मचारी व सरकार दोनों अंशदान करेंगे, लेकिन कर्मचारियों को अपने अंतिम वेतन के 40 से 50 प्रतिशत तक पेंशन मिलेगी। एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘लेकिन हम पुरानी पेंशन व्यवस्था पर वापस नहीं लौटेंगे।’

First Published - June 21, 2023 | 10:27 PM IST

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