जब बात घर के किराए की आती है, तो कई बार मकान मालिक या किरायेदार को टैक्स डिडक्शन एट सोर्स (TDS) से जूझना पड़ता है। खासकर तब, जब किराए पर काटा गया TDS आपकी वास्तविक टैक्स देनदारी से ज्यादा हो। ऐसे में, अतिरिक्त काटे गए TDS को वापस पाना मुमकिन है, लेकिन इसके लिए आपको सही प्रक्रिया का पालन करना होगा। यहां हम आसान भाषा में समझने की कोशिश करेंगे कि आप अपने किराए पर काटे गए अतिरिक्त TDS का रिफंड कैसे पा सकते हैं।
सबसे पहले, ये समझना जरूरी है कि TDS ऑन रेंट आखिर है क्या। इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 194I के तहत, अगर आप किसी को किराए के रूप में सालाना 2.4 लाख रुपये से ज्यादा का भुगतान करते हैं, तो आपको उस पर TDS काटना होता है। मकान मालिक को किराया देने वाला व्यक्ति या कंपनी (जैसे किरायेदार या कोई बिजनेस) इसे काटकर सरकार के खाते में जमा करता है। किराए पर TDS की दर आमतौर पर 10% होती है, अगर किराया किसी व्यक्ति या हिंदू अविभाजित परिवार (HUF) को दिया जा रहा है। लेकिन अगर किराया किसी कंपनी या फर्म को दिया जाता है, तो ये दर 2% हो सकती है (खासकर मशीनरी आदि के लिए किराए पर लिए गए जगहों के लिए)।
समस्या तब आती है, जब काटा गया TDS आपकी वास्तविक टैक्स देनदारी से ज्यादा होता है। मिसाल के तौर पर, अगर आपकी कुल आय टैक्स छूट की सीमा (2.5 लाख रुपये सालाना, पुरानी टैक्स व्यवस्था में) से कम है, तो आपको कोई टैक्स देना ही नहीं चाहिए। लेकिन अगर मकान मालिक ने TDS काट लिया, तो आप उस पैसे को रिफंड के तौर पर वापस पा सकते हैं।
टैक्स एक्सपर्ट बलवंत जैन के मुताबिक, अतिरिक्त TDS का रिफंड पाने के लिए आपको इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करना होगा। लेकिन उससे पहले कुछ जरूरी चीजें चेक कर लें। सबसे पहले, आपको ये देखना होगा कि क्या मकान मालिक ने TDS काटकर उसे सरकार के पास जमा किया है। इसके लिए आप फॉर्म 26AS चेक कर सकते हैं। ये फॉर्म आपका टैक्स क्रेडिट स्टेटमेंट होता है, जिसमें आपके नाम पर जमा किए गए सारे TDS की डिटेल होती है। इसे आप इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की वेबसाइट या अपने नेट बैंकिंग अकाउंट के जरिए डाउनलोड कर सकते हैं।
जैन कहते हैं, “अगर फॉर्म 26AS में TDS की डिटेल नहीं दिख रही, तो मकान मालिक से बात करें। हो सकता है कि उन्होंने TDS काटा तो हो, लेकिन उसे सरकार के पास जमा नहीं किया। ऐसी स्थिति में मकान मालिक को फॉर्म 16A देना होता है, जिसमें TDS की पूरी जानकारी होती है। अगर मकान मालिक ने TDS जमा नहीं किया, तो आपको पहले उन्हें इसके लिए कहना होगा, क्योंकि बिना जमा हुए TDS का रिफंड क्लेम नहीं किया जा सकता।”
स्टेप 1: जरूरी डॉक्यूमेंट्स इकट्ठा करें
रिफंड की प्रक्रिया शुरू करने से पहले, कुछ जरूरी डॉक्यूमेंट्स इकट्ठा कर लें। इनमें शामिल हैं:
इन डॉक्यूमेंट्स के बिना रिफंड प्रक्रिया में दिक्कत हो सकती है, इसलिए इन्हें पहले से तैयार कर लें।
स्टेप 2: इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करें
TDS रिफंड पाने का सबसे जरूरी कदम है इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना। इसके लिए आपको इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ई-फाइलिंग वेबसाइट (www.incometax.gov.in) पर जाना होगा। अगर आप पहली बार रिटर्न फाइल कर रहे हैं, तो पहले अपना अकाउंट बनाएं। इसके लिए आपको पैन नंबर, आधार नंबर, और एक वैलिड मोबाइल नंबर की जरूरत होगी।
रिटर्न फाइल करते समय, आपको सही ITR फॉर्म चुनना होगा। आमतौर पर, अगर आप नौकरीपेशा हैं या किराए के अलावा कोई और आय नहीं है, तो ITR-1 (सहज) फॉर्म काफी होगा। लेकिन अगर आपका बिजनेस है या दूसरी तरह की आय है, तो ITR-2, ITR-3 या ITR-4 चुनना पड़ सकता है।
ITR फाइल करते समय, आपको अपनी कुल आय, छूट (जैसे सेक्शन 80C के तहत निवेश) और TDS की डिटेल भरनी होगी। फॉर्म 26AS से मिलान करें कि किराए पर काटा गया TDS सही ढंग से दर्ज हो। अगर आपकी कुल आय टैक्सेबल लिमिट से कम है, तो आप पूरा TDS रिफंड के लिए क्लेम कर सकते हैं। अगर आपकी आय टैक्सेबल है, लेकिन काटा गया TDS आपकी टैक्स देनदारी से ज्यादा है, तो अतिरिक्त राशि रिफंड हो जाएगी।
स्टेप 3: रिफंड क्लेम की प्रक्रिया
ITR फाइल करने के बाद, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट आपका रिटर्न प्रोसेस करता है। अगर सब कुछ सही है, तो आपका रिफंड कुछ हफ्तों या महीनों में आपके बैंक खाते में आ जाएगा। लेकिन अगर रिटर्न में कोई गलती है, जैसे गलत TDS राशि या आय का गलत ब्यौरा, तो डिपार्टमेंट आपको नोटिस भेज सकता है। ऐसे में, आपको ऑनलाइन पोर्टल पर जाकर जवाब देना होगा।
कई बार, अगर रिफंड की राशि ज्यादा है, तो डिपार्टमेंट आपसे अतिरिक्त डॉक्यूमेंट मांग सकता है। ऐसे में, किराया समझौता, फॉर्म 16A, और बैंक स्टेटमेंट जैसे डॉक्यूमेंट जमा करने पड़ सकते हैं। इसलिए, हमेशा इन डॉक्यूमेंट्स की सॉफ्ट और हार्ड कॉपी अपने पास रखें।
स्टेप 4: रिफंड का स्टेटस चेक करें
रिफंड का पैसा आपके खाते में आने में समय लग सकता है। आप ई-फाइलिंग पोर्टल पर जाकर अपने रिफंड का स्टेटस चेक कर सकते हैं। इसके लिए ‘My Account’ सेक्शन में ‘Refund/ Demand Status’ पर क्लिक करें। अगर रिफंड प्रोसेस हो चुका है, तो आपको रिफंड की तारीख और पैसे की जानकारी मिल जाएगी। अगर रिफंड में देरी हो रही है, तो आप इनकम टैक्स ऑफिस से संपर्क कर सकते हैं।
स्टेप 5: क्या करें अगर मकान मालिक ने गलत TDS काटा?
कई बार मकान मालिक गलती से ज्यादा TDS काट लेते हैं या बिना जरूरत के TDS काटते हैं। अगर आपकी आय टैक्स छूट की सीमा से कम है, तो आप मकान मालिक को फॉर्म 15G (या HUF/ सीनियर सिटीजन के लिए फॉर्म 15H) दे सकते हैं। ये फॉर्म बताते हैं कि आपकी आय टैक्सेबल नहीं है, और मकान मालिक को TDS नहीं काटना चाहिए। लेकिन अगर TDS कट चुका है, तो रिफंड के लिए आपको ITR फाइल करना ही होगा।
स्टेप 6: प्रोफेशनल हेल्प लें
अगर आपको लगता है कि TDS और ITR की प्रक्रिया जटिल है, तो किसी चार्टर्ड अकाउंटेंट या टैक्स कंसल्टेंट की मदद लें। वे आपका रिटर्न सही तरीके से फाइल कर सकते हैं और रिफंड प्रक्रिया को तेज कर सकते हैं। हां, उनकी फीस के बारे में पहले से बात कर लें, ताकि बाद में कोई सरप्राइज न हो।
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इस तरह, सही जानकारी और प्रक्रिया के साथ आप अपने किराए पर काटे गए अतिरिक्त TDS का रिफंड आसानी से पा सकते हैं। बस थोड़ा धैर्य और सही डॉक्यूमेंट्स की जरूरत है।