पिछले साल के मुकाबले इस सीजन में भारतीय यात्रियों के लिए गर्मी की छुट्टियां थोड़ी महंगी पड़ रही हैं। घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों गंतव्यों के लिए हवाई किराए और होटल के दामों में तेजी से वृद्धि के कारण यात्रा खर्च 25-30 प्रतिशत बढ़ गया है।
उद्योग से जुड़े अधिकारियों, ऑनलाइन ट्रैवल प्लेटफॉर्म और टूर ऑपरेटरों का कहना है कि मई-जून के दौरान हवाई किराए में 15-25 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि होटल के कमरों का किराया भी साल-दर-साल के हिसाब से कम से कम 20 प्रतिशत बढ़ा है। उद्योग विशेषज्ञ इस वृद्धि का सबसे बड़ा कारण दुनिया भर में मची उथल-पुथल के कारण हवाई यातायात प्रभावित होने और आवाजाही की लागत में उछाल को बता रहे हैं। गर्मी के सीजन में अधिक लोगों के छुट्टियों पर निकलने की वजह से सेवाओं की मांग बढ़ने को भी महंगाई का कारण बताया जा रहा है।
इंडियन एसोसिएशन ऑफ टूर ऑपरेटर्स के अध्यक्ष रवि गोसाईं ने कहा, ‘इस गर्मी में लोकप्रिय डेस्टिनेशन पर हवाई किराये में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और दक्षिण भारत के पर्यटन स्थलों पर होटल के किराए, खासकर मजबूत मांग और मुद्रास्फीति के दबाव के कारण लगभग 20 प्रतिशत बढ़ गए हैं।’ अंतरराष्ट्रीय हवाई किराए में और भी अधिक वृद्धि दर्ज की गई है। विशेष रूप से पश्चिम की ओर जाने वाली उड़ानों में ईरान, इजरायल, जॉर्डन, सीरिया और मध्य एशिया के कुछ हिस्सों में हाल ही में हवाई क्षेत्र बंद होने के कारण हवाई किराए में 100 प्रतिशत तक की वृद्धि देखी गई है। इन घुमावदार रास्तों के कारण उड़ान का समय बढ़ गया है, ईंधन की लागत भी अधिक आ रही है और साथ ही चालक दल के ड्यूटी घंटे बढ़ गए हैं।
कॉक्स एंड किंग्स के निदेशक करण अग्रवाल ने कहा, ‘मुंबई जैसे हवाई अड्डों ने अपने उपयोगकर्ता विकास शुल्क में बढ़ोतरी कर दी है, जिससे उड़ान की लागत और बढ़ गई है जिसका असर किराए पर नजर आ रहा है।’
मुंबई इंटरनैशनल एयरपोर्ट लिमिटेड ने हाल ही में अपना उपयोगकर्ता विकास शुल्क लगभग 187 रुपये प्रति यात्री से बढ़ाकर प्रत्येक प्रस्थान करने वाले अंतरराष्ट्रीय इकॉनमी यात्री के लिए लगभग 615 रुपये और बिजनेस क्लास के लिए लगभग 695 रुपये कर दिया है। बाहर से इस हवाई अड्डे पर उतरने वाले यात्री अब लगभग 260 रुपये (इकॉनमी) और लगभग 304 रुपये (बिजनेस) का भुगतान करते हैं, जबकि घरेलू यात्री मई से अपनी हर यात्रा पर लगभग 175 रुपये और प्रति आगमन लगभग 75 रुपये चुकाएंगे।
अग्रवाल ने कहा कि पिछले साल की तुलना में यात्रा लागत में स्पष्ट रूप से बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने कहा, ‘घरेलू हवाई किराए मार्ग के आधार पर बढ़ाए गए हैं, जबकि अंतरराष्ट्रीय किराए में 25-45 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। अंतिम समय में बुकिंग या कार्यक्रम आधारित यात्रा के व्यस्त समय के दौरान यह रकम और बढ़ जाती है।’
यात्रा-ऑनलाइन में फ्लाइट्स ऐंड होटल्स के वरिष्ठ उपाध्यक्ष भरत मलिक के अनुसार, ‘अधिक मांग और सीमित इन्वेंट्री के कारण घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों पैकेज टूर की कीमतों में लगभग 10 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि ट्रैवल पोर्टल ने फ्रांस, जर्मनी, नीदरलैंड, स्विट्जरलैंड, इटली और स्पेन जैसे यूरोपीय गंतव्यों के लिए अग्रिम गर्मियों की बुकिंग में 14 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है। धार्मिक यात्रा, विशेष रूप से चारधाम और अयोध्या के लिए भी यात्रा सुविधाओं की मांग अधिक है।
थॉमस कुक (इंडिया) में हॉलिडेज, एमआईसीई (मीटिंग्स, इंसेंटिव्स, कॉन्फ्रेंसेस और एग्जीबिशन) और वीजा के अध्यक्ष और कंट्री हेड राजीव काले कहते हैं कि थाईलैंड, मलेशिया, सिंगापुर, दुबई और अबू धाबी के लिए यात्रा किराया 10-15 प्रतिशत बढ़ा है जबकि जापान और दक्षिण कोरिया के लिए इसमें 5-10 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। उन्होंने कहा, ‘किराया बढ़ने से ग्राहकों की संख्या में कोई कमी नहीं आई है।’
विशेषज्ञों ने कहा कि होटल के किराए भी इस साल बढ़ गए हैं। दीर्घकालिक रिटर्न की उम्मीद में आतिथ्य क्षेत्र में अधिक निवेश आ रहा है और प्रीमियम सुविधाओं मांग की एक लहर है, क्योंकि सभी उपभोक्ता अब उच्च-स्तरीय, लक्जरी सुविधाएं चाहते हैं। अग्रवाल ने कहा, ‘खासकर उच्च मांग वाली जगहों पर होटल के किराए में खासी वृद्धि हुई है। औसत कमरा दर 20-30 प्रतिशत बढ़ गई है। ये बदलाव सभी क्षेत्रों में मजबूत मांग को दर्शाते हैं।’
भारतीय आतिथ्य उद्योग पर एचवीएस एचवीएस एनरॉक की रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में औसत कमरा दर लगभग 7,800-8,000 रुपये तक बढ़ गई थी, जो 2023 की तुलना में लगभग 10 प्रतिशत अधिक है। इस वजह से उपलब्ध प्रति कमरा राजस्व 10-12 प्रतिशत की वृद्धि के साथ लगभग 5,000-5,200 रुपये हो गया।
आतिथ्य क्षेत्र के जानकारों का कहना है कि चूंकि यात्री अधिक व्यक्तिगत और उच्च गुणवत्तापूर्ण सेवाएं चाहते हैं, इसलिए होटल और एयरलाइंस उन्नत पेशकश कर रहे हैं और इसकी लागत वे यात्रियों से ही वसूल रहे हैं। गोसाईं ने कहा, ‘हालांकि होटल और हवाई किराए में वृद्धि हुई है, लेकिन कई ऑपरेटरों को प्रतिस्पर्धा और ग्राहक संवेदनशीलता के कारण लागत में कुछ उतार-चढ़ाव करना पड़ रहा है। इससे टूर ऑपरेटरों और छोटे होटल संपत्तियों के लिए मार्जिन पर दबाव बढ़ गया है। ऐसी जगहों पर यह दबाव और बढ़ा है जहां परिवहन और स्टाफ संबंधी लागत कीमतों की तुलना में अधिक तेजी से बढ़ी है।’
हालांकि, एसओटीसी ट्रैवल के अध्यक्ष और कंट्री हेड- हॉलिडेज ऐंड कॉरपोरेट टूर्स एसडी नंदकुमार ने कहा कि चूंकि गर्मी की छुट्टी की योजनाएं और बुकिंग आमतौर पर लोग काफी पहले बना लेते हैं, इसलिए वीजा प्रोसेसिंग समय-सीमा के कारण उन्हें एयर-इंक्लूसिव उत्पादों और पहले ही खरीद लिए गए या थोक-बुक किए गए इन्वेंट्री का लाभ मिला है।