इस महीने भारत ने अपना 78 वां स्वतंत्रता दिवस मनाया है, लेकिन क्या अब तक आपने यह सोचा है कि आपके लिए वित्तीय आजादी के क्या मायने हैं? अधिकतर लोगों के लिए यह बचत, निवेश, पास में धन रखना, एक ठोस सेवानिवृत्ति कोष रखना और अपने चुने हुए करियर में आगे बढ़ना हो सकता है। मगर इनमें से किसी को भी हासिल करने के लिए आपके लिए पहला कदम कर्ज से बचना है।
बियॉन्ड लर्निंग फाइनैंस की संस्थापक जीनल मेहता कहती हैं, ‘कर्ज कम करने अथवा खत्म करने से मकान खरीदने, बच्चों की शिक्षा और सेवानिवृत्ति जैसे लक्ष्यों को पूरा करने के लिए रकम बचती है।’ मोतीलाल ओसवाल की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में परिवारों का ऋण बढ़ रहा है और यह वित्त वर्ष 2024 की तीसरी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 39.1 फीसदी के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया है।
भारतीय रिजर्व बैंक ने इस साल जून के अपने वित्तीय स्थायित्व रिपोर्ट में उल्लेख किया था कि परिवारों के बचत में गिरावट आ रही है और वित्तीय देनदारियां बढ़ रही हैं इसलिए घरेलू ऋण पर सख्त निगरानी करने की जरूरत है। कर्ज के जाल से बचने के लिए आप यह रणनीतियां अपना सकते हैंः
ऋण निपटाने की प्रक्रिया के तहत कुल बकाया से कम भुगतान किया जाता है। जैसे- मान लीजिए आपने अपने 4 लाख रुपये के क्रेडिट कार्ड के बिल के बदले सिर्फ 2.25 लाख रुपये चुका कर निपटान कर लिया। यह पैसे बचाने का एक तरीका लग रहा है लेकिन जानकारों के मुताबिक इसमें काफी खामियां भी हैं।
बैंक बाजार डॉट कॉम के मुख्य कार्य अधिकारी आदिल शेट्टी का कहना है, ‘निपटान चाहने के लिहाज से ही अगर आप भुगतान नहीं करते हैं तो आप पर विलंब शुल्क और जुर्माना भी लग सकता है। यही नहीं, निपटान को आपके क्रेडिट रिपोर्ट में सेटल्ड के तौर पर दिखाया जाता है, जिससे आपका क्रेडिट स्कोर प्रभावित होता है और भविष्य में आपको ऋण मिलने में परेशानी हो सकती है।’
अगर आप ऐसा करना ही चाहते हैं तो ऋणदाता से सीधे बात करें। अगर आप किसी तीसरे पक्ष के जरिये ऐसा करना चाहते हैं तो यह सुनिश्चित कर लें कि वह बैंक से स्वीकृत है। इसके साथ ही एक लिखित निपटान अनुबंध भी हासिल करें।
ऋण प्रबंधन में मौजूदा ऋण चुकाने के लिए बेहतर शर्तों के साथ नया ऋण लेना शामिल है। इसका मकसद उच्च ब्याज दरों वाले ऋण के बदले कम ब्याज दर वाला ऋण हासिल कर ब्याज के बोझ को कम करना अथवा ईएमआई कम करने के लिए समयावधि बढ़ाना है। इसके लिए हर तरफ देखें।
एमबी वेल्थ फाइनैंशियल सॉल्यूशंस के संस्थापक एम बार्वे ने कहा, ‘सबसे कम ईएमआई अथवा पहले मिलने वाली ब्याज दर पर समझौता नहीं करें। इससे कुल ब्याज की लागत बढ़ सकती है।’ यहां यह ध्यान देना जरूरी है कि जब तक आप पूरा कर्ज नहीं चुका देते हैं तब तक नया ऋण मिलने के अवसर सीमित हो जाते हैं।
एक बार में चुकाने की रणनीति
यह काफी लोकप्रिय रणनीति है। इसमें सबसे ऊंचा ब्याज पहले निपटाने का नजरिया शामिल होता है। इस रणनीति के तहत आप अपने उच्च ब्याज दर से कम ब्याज दर वाले सभी ऋण को एक क्रम दें। सभी के लिए न्यूनतम भुगतान करें ताकि चूक नहीं हो और अगर आपके पास इसके बाद कुछ पैसा बच रहा है तो उच्च ब्याज वाले ऋण का पहले भुगतान कर दें।
मेहता कहते हैं, ‘यह रणनीति ब्याज लागत में सर्वाधिक बचत कराती है।’ मगर पहले उच्च ब्याज वाले ऋण को चुकाने से ऐसा हो सकता है आपको कर्ज मुक्त होने में ज्यादा समय लगे। इससे कर्जधारक के पास बचत भी सीमित हो सकती है।
अंग्रेजी में इसे स्नोबॉल रणनीति कहते हैं। इसके तहत उधारकर्ता पहले छोटे ऋण चुकाता है और फिर ब्याज दर की परवाह किए बिना धीरे-धीरे बड़े ऋण का रुख करता है। इसके तहत सभी ऋणों का न्यूनतम भुगतान करें और फिर अपने पास मौजूद अतिरिक्त रकम का उपयोग छोटे ऋण को खत्म करने में करना चाहिए। उसे चुकाने के बाद अगले छोटे ऋण का भुगतान शुरू करें।
बार्वे ने कहा, ‘जैसे ही आप किसी भी कर्ज का निपटान करते हैं तो इससे आपका मनोबल बढ़ता है। मगर यह थोड़ा महंगा पड़ता है।’ शोध दर्शाते हैं कि यह रणनीति व्यावहारिक रूप से अच्छी होती है। कर्जदार उक्त सभी रणनीतियों को जोड़ भी सकते हैं।
स्नोबॉल से शुरुआत करें और पहले सबसे छोटा कर्ज चुका दें और उसके बाद अतिरिक्त रकम का उपयोग उच्च ब्याज वाले ऋण को चुकाने में करें। इससे आपको ब्याज कम करने में मदद मिलेगी और आपका आत्मविश्वास भी बढ़ेगा। अगर आपके पास कई उच्च ब्याज ऋण हैं तो इसके प्रबंधन पर विचार करना चाहिए। ऋण निपटान का उपयोग तब ही करें तब कोई उपाय न रह जाए।