अगर आप निवेश में ग्रोथ चाहते हैं लेकिन रिस्क कम रखना चाहते हैं, तो Aggressive Hybrid Funds आपके लिए सही विकल्प हो सकते हैं। ये फंड न तो पूरी तरह शेयर मार्केट पर निर्भर होते हैं और न ही सिर्फ डेब्ट इंस्ट्रूमेंट्स (जैसे बॉन्ड या डिबेंचर) पर।
Value Research के आंकड़ों के मुताबिक, अगर कोई निवेशक 5 साल तक हर महीने 10,000 रुपये इन फंड्स में SIP करता, तो उसका निवेश 9 लाख रुपये से भी ज्यादा हो सकता था।
अगर आप अनुशासन के साथ निवेश करते हैं तो म्यूचुअल फंड्स शानदार रिटर्न दे सकते हैं। Value Research की रिपोर्ट के मुताबिक टॉप-5 Aggressive Hybrid Funds ने पिछले 5 साल में SIP पर सालाना 20% से ज्यादा का रिटर्न दिया है। ये फंड इक्विटी और डेट के संतुलित कॉम्बिनेशन के जरिए अच्छे रिटर्न देने में सफल रहे हैं।
बैंक ऑफ इंडिया का मिड और स्मॉल कैप इक्विटी एंड डेट फंड (डायरेक्ट प्लान) SIP निवेशकों के लिए अच्छा मौका पेश कर रहा है।
पांच साल का SIP रिटर्न: 19.17%
एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (AUM): ₹1,258 करोड़
एक्सपेंस रेशियो: 0.86%
अगर आप ₹10,000 प्रति माह SIP में निवेश करते हैं, तो पांच साल में आपकी राशि लगभग ₹9.74 लाख तक बढ़ सकती है।
अगर आपने पिछले 5 साल में म्युचुअल फंड्स में SIP शुरू की होती, तो कुछ योजनाओं ने आपका पैसा लगभग दोगुना कर दिया होता। जानिए कौन-से हैं टॉप-3 फंड्स और उनकी खासियतें:
शेयर बाजार में बढ़ती अनिश्चितता के बीच निवेशक ऐसे विकल्प तलाश रहे हैं, जो उन्हें बेहतर रिटर्न के साथ-साथ स्थिरता भी दें। इसी वजह से Aggressive Hybrid Funds की लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है।
आक्रामक हाइब्रिड फंड्स इक्विटी और डेट का मिश्रण होते हैं। इक्विटी ग्रोथ का मौका देती है, जबकि डेट अस्थिरता को कम करती है। हाल ही में बाजार में गिरावट के दौरान जहां फ्लेक्सी-कैप फंड्स करीब 13% तक गिरे, वहीं आक्रामक हाइब्रिड फंड्स केवल 8% तक ही गिरे। इससे पता चलता है कि ऐसे फंड्स में बैलेंस बेहतर तरीके से काम करता है।
इन फंड्स में होने वाले मुनाफे पर टैक्स की गिनती इक्विटी की तरह होती है। यानी अगर निवेशक को सालाना ₹1 लाख से अधिक लॉन्ग-टर्म गेन होता है तो उस पर सिर्फ 10% टैक्स देना पड़ता है।
आक्रामक हाइब्रिड फंड्स में पोर्टफोलियो का रीबैलेंस अपने-आप हो जाता है। यानी जब शेयर बाजार बहुत ज्यादा चढ़ता या गिरता है, तो फंड का डेट हिस्सा नुकसान को कम करने में मदद करता है।
इन फंड्स की डिमांड लगातार बढ़ रही है। अप्रैल 2025 तक आक्रामक हाइब्रिड फंड्स का एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) 12% बढ़कर ₹2.26 लाख करोड़ तक पहुंच गया है।