पिछले कई सालों से सहारा ग्रुप की सहकारी समितियों में फंसे लाखों निवेशकों के पैसे अब वापस मिलने की उम्मीद फिर से जगी है। केंद्र सरकार ने सहारा रिफंड पोर्टल के जरिए उन निवेशकों के लिए एक नया रास्ता खोला है, जिनके पहले आवेदन में कमी रह गई थी या जिन्हें रिफंड नहीं मिल सका था। यह खबर उन लाखों लोगों के लिए राहत की सांस लेकर आई है, जो अपनी मेहनत की कमाई वापस पाने के लिए लंबे समय से इंतजार कर रहे हैं। सहारा इंडिया की चार सहकारी समितियों में निवेश करने वाले लोग अब नए सिरे से आवेदन रीसबमिशन कर सकते हैं। इस प्रक्रिया को आसान और पारदर्शी बनाने के लिए सरकार ने एक खास पोर्टल भी शुरू किया है।
सहारा ग्रुप की सहकारी समितियों में निवेशकों का पैसा फंसने की समस्या कोई नई नहीं है। साल 2023 में केंद्र सरकार ने सहारा रिफंड पोर्टल (CRCS-Sahara Refund Portal) शुरू किया गया था, ताकि निवेशकों को उनका पैसा वापस मिल सके। इस पोर्टल के जरिए लाखों लोगों ने अपने पैसे वापस पाने के लिए आवेदन किया, लेकिन कई मामलों में आवेदन में गलतियां या डॉक्यूमेंट्स की कमी के कारण पैसा नहीं मिल सका। कुछ लोगों के आवेदन रद्द हो गए, तो कुछ को दूसरे तकनीकी कारणों से पैसे नहीं मिले।
इसी समस्या को ध्यान में रखते हुए CRCS सहारा रिफंड पोर्टल पर री-सबमिशन शुरू किया गया है। इस पोर्टल का मकसद उन निवेशकों को दोबारा मौका देना है, जिनके पहले आवेदन में कोई कमी थी या जिनका रिफंड किसी कारण से अटक गया। यह पोर्टल खास तौर पर उन लोगों के लिए बनाया गया है, जिन्होंने पहले सहारा रिफंड पोर्टल पर आवेदन किया था, लेकिन उन्हें पैसा नहीं मिला। इस नए पोर्टल का वेब पता है: mocresubmit.crcs.gov.in/resubmission/#/home।
सरकार का कहना है कि इस प्रक्रिया को पूरी तरह डिजिटल और पारदर्शी रखा गया है, ताकि निवेशकों को किसी तरह की परेशानी न हो।
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सहारा रिफंड पोर्टल पर आवेदन करने का हक केवल उन निवेशकों को है, जिन्होंने सहारा ग्रुप की चार सहकारी समितियों में पैसा जमा किया था। ये समितियां हैं: सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड (लखनऊ), सहारायन यूनिवर्सल मल्टीपर्पज सोसाइटी लिमिटेड (भोपाल), हमारा इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड (कोलकाता) और स्टार्स मल्टीपर्पज कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड (हैदराबाद)। इन समितियों में निवेश करने वाले लोग ही इस पोर्टल के जरिए रिफंड के लिए दावा कर सकते हैं।
आवेदन करने की प्रक्रिया को बेहद आसान बनाया गया है। सबसे पहले निवेशक को री-सबमिशन पोर्टल पर जाना होगा। वहां रजिस्ट्रेशन के लिए आधार कार्ड के आखिरी चार अंक और आधार से जुड़ा मोबाइल नंबर डालना होगा। इसके बाद एक OTP आएगा, जिसे वेरीफाई करने के बाद निवेशक को लॉगिन करना होगा। लॉगिन करने के बाद निवेशक को अपनी व्यक्तिगत जानकारी, जैसे आधार नंबर और निवेश से जुड़े डॉक्यूमेंट्स, जैसे जमा प्रमाणपत्र, पासबुक और अगर दावा 50,000 रुपये से ज्यादा है तो पैन कार्ड, अपलोड करना होगा। सभी डॉक्यूमेंट्स को PDF या इमेज फॉर्मेट (जैसे PNG, JPG) में अपलोड करना जरूरी है और इनका साइज 200 KB से कम होना चाहिए।
आवेदन जमा करने के बाद सहारा की समितियां 30 दिनों के भीतर डॉक्यूमेंट्स की जांच करेंगी। जांच पूरी होने के बाद अगले 15 दिनों में निवेशक को SMS या ईमेल के जरिए सूचना दी जाएगी कि उनका दावा स्वीकार हुआ है या नहीं। अगर दावा स्वीकार हो जाता है, तो रिफंड की राशि सीधे निवेशक के आधार से जुड़े बैंक खाते में 45 दिनों के भीतर जमा कर दी जाएगी। अभी हर निवेशक को अधिकतम 50,000 रुपये तक का रिफंड मिल सकता है, लेकिन सरकार ने संकेत दिए हैं कि भविष्य में 5 लाख रुपये तक के दावों के लिए भी आवेदन स्वीकार किए जा सकते हैं।
सहारा रिफंड की पूरी प्रक्रिया सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में चल रही है। 29 मार्च 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम आदेश दिया था, जिसमें सहारा-सेबी रिफंड खाते से 5,000 करोड़ रुपये केंद्रीय सहकारी समिति रजिस्ट्रार (CRCS) को ट्रांसफर करने का निर्देश दिया गया था। इस राशि का इस्तेमाल निवेशकों को उनके जमा पैसे वापस करने के लिए किया जा रहा है।
केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने इस पोर्टल को लॉन्च करते समय कहा था कि सरकार का लक्ष्य हर पात्र निवेशक को उसकी जमा राशि वापस करना है। उन्होंने यह भी बताया कि 28 फरवरी 2025 तक 12,97,111 निवेशकों को 2,314.20 करोड़ रुपये का रिफंड किया जा चुका है। यह राशि उन निवेशकों को दी गई है, जिनके डॉक्यूमेंट्स पूरी तरह सही पाए गए और जिनके दावे का वेरिफिकेशन हो चुका है। सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि रिफंड की प्रक्रिया को और तेज करने के लिए सुप्रीम कोर्ट से अतिरिक्त फंड की मांग की जाएगी, ताकि बाकी बचे निवेशकों को भी उनका पैसा मिल सके।