पोस्ट ऑफिस ने अब छोटी बचत योजनाओं (Small Savings Schemes) से जुड़े ऐसे खातों की पहचान और फ्रीज़ करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है जो मैच्योर होने के तीन साल बाद तक भी एक्टिव नहीं हुए हैं। इस पहल का मकसद खाताधारकों की रकम को सुरक्षित रखना और किसी भी अनधिकृत लेन-देन को रोकना है।
डाक विभाग हर साल जनवरी और जुलाई में ऐसे खातों की जांच करेगा। अगर आपका कोई अकाउंट मैच्योर हो चुका है और आपने ना तो रकम निकाली है और ना ही अवधि को बढ़ाया है, तो उसे फ्रीज़ कर दिया जाएगा।
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यह नियम सभी प्रमुख स्मॉल सेविंग्स स्कीम्स पर लागू होगा, जैसे:
एक बार खाता फ्रीज़ हो जाने पर आप उसमें कोई ट्रांजैक्शन, डिपॉजिट, विदड्रॉल या ऑनलाइन सर्विस का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे।
डाक विभाग के 15 जुलाई 2025 के सर्कुलर के मुताबिक, “हर साल 1 जनवरी और 1 जुलाई से शुरू होकर 15 दिनों के भीतर यह प्रक्रिया पूरी कर दी जाएगी।”
अगर आपका खाता फ्रीज़ हो गया है, तो उसे दोबारा एक्टिव कराने के लिए आपको पास के पोस्ट ऑफिस जाकर कुछ डॉक्युमेंट्स जमा करने होंगे:
पोस्ट ऑफिस के अधिकारी आपकी पहचान और सिग्नेचर वेरीफाई करेंगे। इसके बाद अकाउंट को दोबारा एक्टिव कर दिया जाएगा और आपकी जमा रकम सीधे आपके लिंक्ड बैंक या पोस्ट ऑफिस अकाउंट में ट्रांसफर कर दी जाएगी।
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अगर आपके पास कोई भी स्मॉल सेविंग्स अकाउंट है, तो तुरंत उसकी मैच्योरिटी डेट चेक करें। अगर तीन साल से ज्यादा हो गए हैं और आपने क्लोजर या एक्सटेंशन नहीं किया है, तो खाता फ्रीज़ हो सकता है।
इसलिए बेहतर है कि समय रहते खाता बंद करें या इसकी अवधि बढ़ा लें, ताकि भविष्य में किसी भी तरह की परेशानी से बचा जा सके।