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गलत टैक्स फॉर्म, HRA क्लेम से लेकर LTCG तक – ITR फाइल करते समय ये 5 गलतियां आप पर पड़ सकती हैं भारी

ITR File करने के दौरान की गई छोटी-छोटी गलतियां आपको टैक्स नोटिस, जुर्माने और रिफंड में देरी का सामना करा सकती हैं। जानें AY 2025-26 में बचने लायक 5 सबसे आम गलतियां।

Last Updated- June 03, 2025 | 4:35 PM IST
Income Tax
ITR फाइल करने से पहले अपनी आय, डॉक्यूमेंट्स और नए नियमों को अच्छे से समझना जरूरी है | प्रतीकात्मक तस्वीर

ITR filing 2025: हमारे देश में इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करना हर उन नौकरीपेशा और व्यवसायी के लिए जरूरी है, जो इसके दायरे में आता हो। लेकिन इसके साथ ही इनकम टैक्स रिटर्न सही तरीके से फाइल करना भी उतना ही जरूरी है। वित्त वर्ष 2024-25 (AY 2025-26) के लिए ITR फाइल करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और इसकी आखिरी तारीख 15 सितंबर 1025 है। इस बार इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने ITR फाइल करने के कुछ नियमों में बदलाव भी किया है, इसलिए ITR फाइल करने से पहले इसके बारे में जानना जरूरी हो जाता है, नहीं तो अलग-अलग तरह की गलतियां होने की संभावना बनी रहती हैं। अगर आप गलतियां करते हैं, तो आपको इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से नोटिस, जुर्माना, या रिफंड में देरी जैसी परेशानियां हो सकती हैं। खास तौर पर हाउस रेंट अलाउंस (HRA) क्लेम और कैपिटल गेन्स टैक्स की कैलकुलेशन में की गई गलतियां आपको भारी पड़ सकती हैं। यहां हम ऐसी पांच आम गलतियों के बारे में जानने की कोशिश करेंगे, जिनसे आपको ITR फाइल करते समय बचना चाहिए।

गलत ITR फॉर्म चुनना

ITR फाइल करने के दौरान लोगों से सबसे पहली और सबसे आम होने वाली गलती है यह होती है कि कई बार लोग गलत ITR फॉर्म चुन लेते हैं। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने अलग-अलग तरह की आय और टैक्सपेयर्स के लिए अलग-अलग फॉर्म बनाए हैं। अलग-अलग तरह के टैक्सपेयर्स के लिए ITR-1 से ITR-7 तक अलग-अलग फॉर्म हैं। हर फॉर्म का अपना एक खास उद्देश्य है। उदाहरण के लिए, अगर आपकी आय सैलरी, पेंशन या एक मकान से हो और आपकी कुल आय 50 लाख रुपये से कम है, तो आप ITR-1 (सहज) फॉर्म चुन सकते हैं। साथ ही अगर आपने शेयर बाजार या म्यूचुअल फंड से लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन्स (LTCG) कमाया है, जो 1.25 लाख रुपये तक है, तो भी आप ITR-1 इस्तेमाल कर सकते हैं।

 लेकिन अगर आपकी आय में कैपिटल गेन्स या एक से ज्यादा संपत्तियों से आय शामिल है, तो आपको ITR-2 चुनना होगा। ITR-2 में अब कैपिटल गेन्स को 23 जुलाई 2024 से पहले और बाद की तारीखों के हिसाब से अलग-अलग दिखाने का प्रावधान है। गलत फॉर्म चुनने से आपका रिटर्न गलत माना जा सकता है, जिसके चलते इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से आपके पास नोटिस आ सकता है या रिफंड में देरी हो सकती है। इसलिए अपनी आय के स्रोतों को अच्छे से समझें और सही फॉर्म चुनें।

Also Read: ITR Filing 2025: इस साल ITR फाइल करना पहले से अलग कैसे है? क्या हुए बदलाव, स्टेप बाय स्टेप समझें पूरा प्रोसेस

HRA क्लेम में गलती करना

हाउस रेंट अलाउंस (HRA) ओल्ड टैक्स रिजीम में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाली छूट में से एक है, लेकिन इसमें गलतियां करना भी उतना ही आम है। अगर आप किराए के मकान में रहते हैं और आपकी सैलरी में HRA शामिल है, तो आप सेक्शन 10(13A) के तहत टैक्स छूट ले सकते हैं। लेकिन इसके लिए कुछ शर्तें पूरी करनी होती हैं, जैसे किराए का भुगतान का सबूत, मकान मालिक का पैन कार्ड (अगर सालाना किराया 1 लाख रुपये से ज्यादा है), और किराए का एग्रीमेंट।

कई लोग बिना सही डॉक्यूमेंट्स के HRA क्लेम कर देते हैं, जिसके बाद उन्हें इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से नोटिस भी आ सकता है। एक और गलती है कि अगर आपका मासिक किराया 50,000 रुपये से ज्यादा है, तो आपको किराए पर 2% TDS (टैक्स डिडक्टेड ऐट सोर्स) काटना होगा, जैसा कि सेक्शन 194-I में कहा गया है। अगर आपने ऐसा नहीं किया, तो आपका HRA क्लेम रद्द हो सकता है। इसके अलावा, कुछ लोग फर्जी किराए के रसीद बनाकर क्लेम करते हैं। अगर डिपार्टमेंट की जांच में यह सामने आई तो इसको लेकर भारी जुर्माने लग सकता है। इसलिए, HRA क्लेम करने से पहले सारे डॉक्यूमेंट्स और नियमों को अच्छे से जांच लें।

कैपिटल गेन्स का गलत कैलकुलेशन

कैपिटल गेन्स टैक्स का गलत कैलकुलेशन भी आपके लिए मुश्किल बन सकता है, खासकर इस साल जब नए नियम लागू हुए हैं। बजट 2024 के बाद, 23 जुलाई 2024 से शेयरों और इक्विटी म्यूचुअल फंड से होने वाले लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन्स (LTCG) पर 12.5% टैक्स लगेगा, बिना इंडेक्सेशन के। वहीं, शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन्स (STCG) पर टैक्स 20% हो गया है, जो पहले 15% था। ITR-2 में अब कैपिटल गेन्स को 23 जुलाई 2024 से पहले और बाद के हिसाब से अलग-अलग दिखाना होगा। कई लोग इस नए नियम को नजरअंदाज कर देते हैं और पुराने नियमों के हिसाब से कैलकुलेट करते हैं, जिससे गलत टैक्स की कैलकुलेशन होती है। इसके अलावा, अगर आपने शेयरों की बायबैक से नुकसान उठाया है, तो अब आप इसे ‘इनकम फ्रॉम अदर सोर्सेज’ में दिखाकर क्लेम कर सकते हैं, बशर्ते डिविडेंड इनकम भी उसी हेड में दिखाया जाए। लेकिन इस नियम का पालन न करने से आपका क्लेम रिजेक्ट हो सकता है। सही कैलकुलेशन और नए नियमों का ध्यान रखना जरूरी है।

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सभी इनकम सोर्स के बारे में नहीं बताना

कई बार टैक्सपेयर अपनी सभी आय के सोर्स को ITR में शामिल करना भूल जाते हैं। उदाहरण के लिए, कुछ लोग सिर्फ अपनी सैलरी या बिजनेस की आय दिखाते हैं, लेकिन बैंक डिपॉजिट से मिलने वाला ब्याज, डिविडेंड से होने वाली इनकम या छोटे-मोटे कैपिटल गेन्स को शामिल नहीं करते। अगर आपकी कुल आय 2.5 लाख रुपये (ओल्ड टैक्स रिजीम) या 3 लाख रुपये (न्यू टैक्स रिजीम) से कम है, तो आपको ITR फाइल करने की जरूरत नहीं है। लेकिन अगर आपने विदेश यात्रा पर 2 लाख रुपये से ज्यादा खर्च किए हैं या रिफंड क्लेम करना चाहते हैं, तो आपको ITR फाइल करना होगा, भले ही टैक्स जीरो हो। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट आपकी आय को आपके फॉर्म 26AS और AIS (एनुअल इन्फॉर्मेशन स्टेटमेंट) से मिलाता है। अगर आप कोई आय छिपाते हैं, तो नोटिस मिल सकता है। इसलिए, अपनी सारी आय, चाहे वह छोटी ही क्यों न हो, ITR में शामिल करें।

जॉब स्विच करने पर होने वाली गलतियां

जॉब बदलने वाले लोगों के लिए ITR फाइल करना थोड़ा पेचीदा हो सकता है। अगर आपने वित्तीय वर्ष 2024-25 में जॉब बदली है, तो आपको दोनों एम्पलॉयर से मिलने वाली सैलरी और TDS की जानकारी सही-सही ITR में दिखानी होगी। कई बार लोग पुराने एम्प्लॉयर की आय या TDS को शामिल करना भूल जाते हैं, जिसके कारण टैक्स की कैलकुलेशन गलत हो जाती है। जॉब स्विच करने पर आपको दोनों एम्प्लॉयर से फॉर्म 16 लेना होगा और उनकी जानकारी को ITR में सही तरीके से शामिल करना होगा। इसके अलावा, अगर आपने HRA क्लेम किया है, तो दोनों एम्प्लॉयर के यहां काम करने के दौरान किराए के भुगतान का हिसाब रखें। गलत या अधूरी जानकारी देने से आपका रिटर्न रिजेक्ट हो सकता है या इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से नोटिस आ सकता है।

First Published - June 3, 2025 | 4:34 PM IST

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