RBI’s gold purchase: अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये (Indian Rupee) में गिरावट के बीच आरबीआई (RBI) ने लगातार 11वें महीने नवंबर में सोना (gold) खरीदने का सिलसिला जारी रखा। फिलहाल आरबीआई के कुल विदेशी मुद्रा भंडार (फॉरेक्स रिजर्व) में गोल्ड की हिस्सेदारी बढ़कर 10 फीसदी के पार (10.2 फीसदी) पहुंच गई है। एक साल पहले यह हिस्सेदारी 7 .8 फीसदी थी। केंद्रीय बैंक के ताजा आंकड़ों के अनुसार नवंबर के अंत में देश का गोल्ड रिजर्व बढ़कर 876.18 टन पर पहुंच गया। पिछले साल के मुकाबले यह 9 फीसदी ज्यादा है। 1 दिसंबर 2023 को देश का गोल्ड रिजर्व 803.58 टन था।
अवधि | गोल्ड रिजर्व |
1 दिसंबर 2023 | 803.58 टन |
25 अक्टूबर 2024 | 866.85 टन |
1 नवंबर 2024 | 867.79 टन |
8 नवंबर 2024 | 870.59 टन |
15 नवंबर 2024 | 874.32 टन |
22 नवंबर 2024 | 876.18 टन |
29 नवंबर 2024 | 876.18 टन |
स्रोत: आरबीआई (RBI)
पिछले महीने नवंबर में भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से 8.4 टन सोने की खरीदारी की गई। अक्टूबर में आरबीआई ने 14 टन गोल्ड खरीदा था। इस तरह से केंद्रीय बैंक ने इस साल अभी तक अपने गोल्ड रिजर्व में 72.6 टन का इजाफा किया है। पिछले साल देश के गोल्ड रिजर्व में 16 टन की वृद्धि देखने को मिली थी। वहीं 2022 में देश का गोल्ड रिजर्व 33 टन बढ़ा था।
महीना (2024) | खरीद (टन) |
नवंबर | 8.4 |
अक्टूबर | 14 |
सितंबर | 6 |
अगस्त | 3 |
जुलाई | 5 |
जून | 9.3 |
मई | 3.7 |
अप्रैल | 6 |
मार्च | 5 |
फरवरी | 6 |
जनवरी | 9 |
स्रोत: आरबीआई (RBI)
जानकारों के अनुसार बदलते जियो-पॉलिटिकल परिदृश्य के मद्देनजर भारत जैसे विकासशील देश अपने गोल्ड रिजर्व में लगाजार इजाफा कर रहे हैं। फॉरेक्स रिजर्व में गोल्ड की हिस्सेदारी में लगातार बढ़ोतरी फॉरेक्स रिजर्व को डायवर्सिफाई करने की रणनीति का भी हिस्सा है।
गोल्ड की कीमतों में गिरावट ने भी आरबीआई को सोने की खरीद के लिए प्रोत्साहित किया। लगातार चार महीने की तेजी के बाद सोने की कीमतों में नवंबर के दौरान गिरावट दर्ज की गई। ग्लोबल मार्केट में नवंबर में सोना 3 फीसदी से ज्यादा टूटा। सितंबर 2023 के बाद गोल्ड के लिए एक महीने में यह सबसे खराब प्रदर्शन था।
विदेशी निवेशकों की बिकवाली और रुपये में गिरावट के बीच फॉरेक्स रिजर्व में गोल्ड की हिस्सेदारी का बढ़ना महत्वपूर्ण है। विदेशी निवेशकों ने अक्टूबर और नवंबर में भारतीय शेयर बाजारों से क्रमश: 94,017 और 21,612 करोड़ रुपये निकाले । फॅारेन एक्सचेंज मार्केट में भारतीय रुपया भी फिलहाल अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 85.24 के नए लो पर है।
देश के विदेशी मुद्रा भंडार को गोल्ड ने कैसे थामा
आरबीआई के आंकड़े इस बात की भी तस्दीक करते हैं कि अखिर भारत के फॉरेक्स रिजर्व को बढ़ाने में गोल्ड का कितना योगदान रहा है। आंकड़े बताते हैं कि जहां इस वित्त वर्ष के दौरान नवंबर तक (अप्रैल नवंबर) फॉरेन करेंसी एसेट्स (Foreign Currency Assets) में 1.2 बिलियन (अरब) डॉलर की गिरावट आई वहीं गोल्ड रिजर्व (gold reserves) 14 बिलियन डॉलर से ज्यादा बढ़ा। इस दौरान देश के विदेशी मुद्रा भंडार में 11 बिलियन डॉलर की बढ़ोतरी आई।
क्यों सेंट्रल बैंक खरीद रहे सोना ?
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के के सर्वे (2024 Central Bank Gold Reserves (CBGR) survey) में भी यह बात सामने आई है कि केंद्रीय बैंकों की तरफ से खरीदारी की सबसे बड़ी वजह लॉन्ग टर्म स्टोर ऑफ वैल्यू यानी इन्फ्लेशन के खिलाफ हेज के तौर पर सोने की भूमिका है। खरीदारी की दूसरी बड़ी वजह इस कीमती धातु का संकट के दौर में प्रदर्शन है। तीसरी वजह पोर्टफोलियो को प्रभावी रूप से डायवर्सिफाई करने में सोने की भूमिका जबकि चौथी वजह डिफॉल्ट को लेकर सोने का जोखिम रहित होना है। जबकि पांचवीं वजह सोने का ऐतिहासिक महत्व (Historical Position) है।
Long-term store of value/inflation hedge: 88%
Performance during times of crisis: 82%
Effective portfolio diversifier: 76%
No default risk: 72%
Historical position: 71%
(Source: WGC)
छह महीने के ब्रेक के बाद चीन ने भी शुरू की खरीदारी
इस बीच चीन के केंद्रीय बैंक पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना (PBoC) ने दिसंबर की शुरुआत में बताया कि छह महीने के ब्रेक यानी अप्रैल के बाद पहली बार नवंबर 2024 में उसकी तरफ से 16,000 औंस (4.5 टन) सोने की खरीद की गई। विशेषज्ञ मानते हैं कि सोने की कीमतों में आई कमी और ट्रंप की जीत के बाद बदलते भू-राजनीतिक परिदृश्य (geo-political scenario) के मद्देनजर चीन के केंद्रीय बैंक ने फिर से सोने की खरीदारी शुरू कर दी है।
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इस साल अप्रैल में लगातार 18वें महीने चीन के गोल्ड रिजर्व में इजाफा देखा गया था। अप्रैल के दौरान चीन का गोल्ड रिजर्व 2 टन बढ़कर 2,264 टन पर पहुंच गया था। हालांकि चीन के गोल्ड रिजर्व में यह 18 महीने की सबसे कम बढ़ोतरी थी। चीन के केंद्रीय बैंक ने 2023 के दौरान अपने गोल्ड रिजर्व में 225 टन की बढ़ोतरी की थी।