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Income Tax Act: आयकर कानून की समीक्षा पर वित्त मंत्रालय ने लोगों से मांगे सुझाव, क्या है मकसद?

मंत्रालय के तहत काम करने वाले केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने आयकर कानून की व्यापक समीक्षा के लिए एक आंतरिक समिति भी गठित की है।

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हर्ष कुमार   
Last Updated- October 07, 2024 | 10:32 PM IST

वित्त मंत्रालय ने आयकर कानून की व्यापक समीक्षा के लिए लोगों से सुझाव एवं प्रतिक्रियाएं मांगी हैं। मंत्रालय ने चार श्रेणियों- भाषा सरल बनाने, कर विवाद में कमी, अनुपालन शर्तों में कमी और पुराने एवं अप्रासंगिक प्रावधान- में सुझाव मांगे हैं। मंत्रालय के तहत काम करने वाले केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने आयकर कानून की व्यापक समीक्षा के लिए एक आंतरिक समिति भी गठित की है।

इस बारे में जारी एक बयान में मंत्रालय ने कहा कि इस मुहिम का मकसद आयकर कानून छोटे मगर स्पष्ट, समझने में आसान बनाना और करदाताओं के लिए कराधान से जुड़ी अनिश्चितता दूर करना है। हालांकि बयान में समिति के बारे में विस्तार से नहीं बताया गया।

30 अगस्त को बिजनेस स्टैंडर्ड ने एक खबर छापी थी जिसके अनुसार वित्त मंत्रालय में राजस्व विभाग ने मुख्य आयकर आयुक्त वी के गुप्ता की अध्यक्षता में एक समिति गठित की है।

खबर के अनुसार इस समिति के गठन का मुख्य मकसद दशकों पुराने आयकर कानून को सरल बनाना है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2025 के बजट भाषण में कहा था कि मौजूदा आयकर कानून की व्यापक समीक्षा की जाएगी।

मंत्रालय ने बयान में कहा है, ‘सुझावों में आयकर कानून, 1991 या आयकर नियम, 1992 के उन संबंधित प्रावधानों का जिक्र होना चाहिए जो इन निर्धारित चार श्रेणियों के तहत आते हैं। सुझावों में विशिष्ट खंड, उप-खंड, वाक्यांश, नियम, उप-नियम या फॉर्म क्रमांक का उल्लेख होना चाहिए।’

First Published : October 7, 2024 | 10:29 PM IST