facebookmetapixel
कमजोर गर्मी-लंबे मॉनसून के चलते 2025 में सुस्त रहा उपभोक्ता टिकाऊ सामान बाजार, पर GST कटौती से राहत‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद बदला देश का सुरक्षा सिद्धांत, अब सीधे वार के लिए भारत तैयारउम्मीदों पर सवार ग्रामीण अर्थव्यवस्था! GST राहत और बढ़ी खपत ने संवारा, आय को लेकर उम्मीदें मजबूतMapmyIndia के मैपल्स ऐप में मेट्रो, रेल व बस रूट जुड़े, पब्लिक ट्रांसपोर्ट हुआ और आसान31 दिसंबर की गिग कर्मियों की हड़ताल से क्विक कॉमर्स पर संकट, जोमैटो-स्विगी अलर्ट मोड मेंAI से बदलेगा बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग उद्योग, कैपजेमिनाई-WNS डील ने खोली नई राहTata Power ने रचा इतिहास, राजस्थान में 1 गीगावॉट सौर परियोजना की सफल शुरुआतसिस्टम गड़बड़ी के बाद सतर्क NPCI, 2025 में कुछ चुनिंदा थर्ड पार्टी UPI ऐप को ही मिली मंजूरी2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य पर आधारित हों बजट और नीतियां: पीएम मोदीअंबानी लाए रिलायंस का एआई घोषणा पत्र, 6 लाख कर्मचारियों की उत्पादकता में 10 गुना सुधार का लक्ष्य

धीमी रफ्तार: भारत में एक गरीब को मिडिल क्लास बनने में कितना वक्त लगता है?

भारत में गरीबी से उबरना और अमीरी की ओर बढ़ना कहीं ज्यादा कठिन है।

Last Updated- September 29, 2023 | 4:39 PM IST
Falta,,Diamond,Harbour,-,January,29,2020:,A,Little,Smilling

हेनरी फोर्ड एक खेत में पले-बढ़े, एक कमरे वाले स्कूल में पढ़े और आगे चलकर अमेरिका के सबसे प्रसिद्ध उद्योगपतियों में से एक बन गए।

हालांकि इस बात पर चिंताएं हैं कि क्या अमेरिका अभी भी ऐसे अवसर प्रदान करता है, डेटा से पता चलता है कि भारत में गरीबी से उबरना और अमीरी की ओर बढ़ना कहीं ज्यादा कठिन है। पेरिस स्थित आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (OECD) के आंकड़ों के मुताबिक, कम इनकम वाले घर में औसत भारतीय को औसत इनकम लेवल तक पहुंचने में सात पीढ़ियों का समय लग जाता है। यही करने में एक अमेरिकी को पांच पीढ़ी लगती हैं, और नॉर्वे और फ़िनलैंड जैसे देशों में लगभग तीन पीढ़ियों का समय लगता है।

सितंबर की शुरुआत में जारी अजीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी की ‘स्टेट ऑफ वर्किंग इंडिया (2023)’ रिपोर्ट के अनुसार, हाल के सालों में गरीबी से उबरने की रफ्तार में सुधार हुआ है। लेकिन रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अस्थायी नौकरियां कर रहे ज्यादातर लोगों के बच्चे अभी भी उसी तरह की नौकरियां कर रहे हैं, जो चिंता वाली बात है। यह विशेष रूप से हाशिए पर रहने वाले समूहों को प्रभावित करता है।

एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक परिवार कैसे चलते हैं, इस पर पहले के अध्ययनों में भी सामाजिक समूहों के आधार पर अंतर दिखाया गया है। एक अध्ययन में एजुकेशन को गरीबी से उबरने के माप के रूप में देखा गया। इसने सुझाव दिया कि मुसलमानों में अगड़ी जातियों और पिछड़ी जातियों में अमीर बनने में सबसे बड़ा अंतर था (चार्ट 2)।

भले ही भारतीय अर्थव्यवस्था बढ़ रही है, मुस्लिम, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अभी भी नुकसान में हैं। क्योंकि वे समाज के अन्य तबकों की तरह तेजी से तरक्की नहीं कर पा रहे हैं। क्योंकि अलग-अलग सोशल ग्रुप किस हद तक सामाजिक सीढ़ी पर आगे बढ़ने में सक्षम हैं यह अंतर इस बात से तय होता है कि आप हर पीढ़ी में कितनी तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।

आपका जन्म भारत में कहां हुआ है, यह आपके जीवन में आगे बढ़ने की संभावनाओं को प्रभावित कर सकता है। तमिलनाडु और केरल जैसे कुछ राज्यों के लोगों में बिहार और उत्तर प्रदेश जैसे अन्य राज्यों के लोगों की तुलना में ऊपर की ओर गतिशीलता हासिल करने की ज्यादा संभावना है। यह कई कारकों के कारण हो सकता है, जैसे शिक्षा की गुणवत्ता, संसाधनों तक पहुंच और सांस्कृतिक मानदंड।

जनवरी 2018 के अध्ययन के मुताबिक,जिसका टॉपिक था, ‘क्या अतीत अभी भी हमें रोक रहा है?’, “ऐसे राज्य में जहां शिक्षा में बहुत असमानता है, एक बेटे की शिक्षा और जीवन में उसकी सफलता की संभावनाएं उसके पिता की शिक्षा से निर्धारित होती हैं।”

भारत में अंतर-पीढ़ीगत शिक्षा गतिशीलता पर एक अध्ययन भारतीय प्रबंधन संस्थान अहमदाबाद के पीकेवी किशन द्वारा इनकमोजित किया गया था। अध्ययन में पाया गया कि जिन राज्यों में शिक्षा में बहुत असमानता है, वहां बेटे की शैक्षिक उपलब्धि और इसलिए जीवन में उसकी सफलता की संभावनाएं उसके पिता की शैक्षिक स्थिति से निर्धारित होती हैं। डेटा की कमी के कारण अध्ययन में महिलाओं के ट्रेंड को शामिल नहीं किया गया।

लंबे समय में भारत में लोग कैसे गरीबी से उबरते हुए अमीरी की तरफ बढ़ रहे हैं, यह जानने के लिए अलग-अलग लिंगों और सामाजिक ग्रुप का सही इनकम डेटा होना जरूरी है। इससे हमें यह समझने में मदद मिलती है कि क्या भारत ऐसे व्यक्तियों को बढ़ावा देने की दिशा में आगे बढ़ रहा है, जो हेनरी फोर्ड की तरह समस्याओं को पार करते हुए सफलता हासिल करते हैं।

First Published - September 29, 2023 | 4:39 PM IST

संबंधित पोस्ट