नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने यूपीआई लाइट (UPI Lite) जारी करने वाले बैंकों, पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर (PSP) बैंकों और UPI Lite सेवाएं देने वाले प्लेटफॉर्म्स को 31 मार्च तक ‘ट्रांसफर आउट’ फीचर इनेबल करने और एक्टिवेट करने का निर्देश दिया है। UPI Lite अभी केवल एकतरफा (One-Way) काम करता है, यानी इसमें यूजर्स अपने वॉलेट में फंड जोड़ सकते हैं, लेकिन निकासी (Withdraw) नहीं कर सकते। NPCI की वेबसाइट के मुताबिक, “यदि कोई यूजर UPI Lite को डिसेबल करता है, तो Lite अकाउंट में उपलब्ध शेष राशि संबंधित बैंक द्वारा ग्राहक के अकाउंट में ट्रांसफर कर दी जाएगी।”
यूपीआई लाइट (UPI Lite) यूजर्स को छोटे मूल्य के लेनदेन (Low-Value Transactions) बिना UPI PIN इस्तेमाल किए करने की सुविधा देता है। यह पेमेंट सर्विस NPCI कॉमन लाइब्रेरी (CL) एप्लिकेशन का उपयोग करके कम राशि वाले ट्रांजैक्शन को प्रोसेस करती है, जिसकी सीमा ₹500 से कम निर्धारित की गई है।
‘ट्रांसफर आउट’ फीचर की शुरुआत– अब यूजर्स बिना UPI Lite को डिसेबल किए अपने फंड को निकालकर उसे सोर्स बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कर सकेंगे।
बेहतर रिकॉन्सिलिएशन सिस्टम– सभी UPI Lite जारी करने वाले बैंकों को Lite Reference Number (LRN) स्तर पर बैलेंस बनाए रखना होगा और NPCI डेटा के साथ दैनिक मिलान (Reconciliation) करना होगा। यह कदम लेनदेन रिकॉर्ड को सटीक रखने और वित्तीय संचालन को सुचारु बनाए रखने के लिए उठाया गया है।
सुरक्षा उपाय होंगे मजबूत– अब UPI Lite को एक्टिवेट करने वाले ऐप्स में लॉगिन के समय ऐप पासकोड, बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन या पैटर्न-आधारित लॉक अनिवार्य होगा। यह यूजर्स की सुरक्षा बढ़ाने और अनधिकृत एक्सेस (unauthorized access) को रोकने के लिए लागू किया जा रहा है।
NPCI ने सभी स्टेकहोल्डर्स को मार्च 2025 के अंत तक इन बदलावों को लागू करने का निर्देश दिया है, ताकि पूरे UPI इकोसिस्टम में इन सुविधाओं को सुचारू रूप से अपनाया जा सके। इसके अलावा, UPI Lite के मौजूदा गाइडलाइन पहले की तरह ही बने रहेंगे, केवल नए संशोधनों को जोड़कर कुछ बदलाव किए गए हैं।
प्रक्रिया पूरी होने के बाद, UPI Lite सफलतापूर्वक एक्टिव हो जाएगा, जिससे आप छोटे लेनदेन बिना UPI PIN के आसानी से कर सकेंगे।