Air India Plane Crash: अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से लंदन के लिए उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद एयर इंडिया का बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान गुरुवार दोपहर (12 जून) को दुर्घटनाग्रस्त हो गया। यह विमान शहर के मेघानी इलाके में गिरा, जहां से काले धुएं का एक बड़ा गुबार उठा और राहत व बचाव दल तुरंत मौके पर पहुंचा। हादसे में 241 यात्रियों और 33 अन्य लोगों समेत कुल 274 लोगों की जान चली गई।
यह त्रासदी एक बार फिर हमें याद दिलाती है कि यात्रा में हमेशा संभावनाएं होती हैं — लेकिन जोखिम भी उतना ही बड़ा होता है। ऐसी अनहोनी घटनाओं के बीच ट्रैवल इंश्योरेंस की भूमिका एक विकल्प नहीं, बल्कि ज़रूरत बन जाती है। आइए, समझते हैं हमारे एक्सपर्ट्स से कि क्यूं आज के समय में ट्रैवल इंश्योरेंस कराना बहुत जरूरी है।
पॉलिसीबाज़ार के ट्रैवल इंश्योरेंस प्रमुख मीत कपाड़िया मानते हैं कि ऐसे हादसों में एक सही बीमा पॉलिसी आर्थिक रूप से टूटे परिवार को सहारा देने का काम कर सकती है। वे कहते हैं कि अगर किसी यात्री की जान दुर्घटना में चली जाती है, तो ट्रैवल इंश्योरेंस के तहत मिलने वाला एक्सीडेंटल डेथ बेनिफिट परिवार को ₹10 से ₹15 लाख तक की राहत राशि दे सकता है (यदि बीमित राशि करीब $1.5 लाख हो)। यह मदद उस समय आती है जब परिवार मानसिक और आर्थिक रूप से सबसे ज्यादा असहाय होता है।
केवल मृत्यु ही नहीं, अगर कोई यात्री विदेश में गंभीर रूप से घायल होता है तो ट्रैवल इंश्योरेंस के अंतर्गत उसका इलाज, अस्पताल में भर्ती और ज़रूरत पड़ने पर एयर एम्बुलेंस से दूसरी जगह शिफ्ट करने का खर्च भी बीमा कंपनी वहन करती है। और अगर किसी की मौत हो जाए, तो उसके पार्थिव शरीर को स्वदेश लाने की पूरी प्रक्रिया और खर्च भी कवर होता है — जो न केवल महंगा, बल्कि परिवार के लिए मानसिक रूप से भी चुनौतीपूर्ण होता है।
मीत कपाड़िया बताते हैं कि आज ज़्यादातर बीमा कंपनियां ऐसे हादसों में फास्ट-ट्रैक क्लेम प्रोसेसिंग सिस्टम अपनाती हैं। हादसा होते ही हेल्पलाइन सक्रिय हो जाती है, परिवार और अस्पताल से तुरंत संपर्क स्थापित किया जाता है और क्लेम निपटाने की प्रक्रिया तेज़ी से शुरू की जाती है, ताकि पीड़ित परिवार को इंतज़ार न करना पड़े।
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एक्सपर्ट अजित गोस्वामी का मानना है कि ट्रैवल इंश्योरेंस केवल आर्थिक नहीं, बल्कि भावनात्मक सहारा भी देता है। आजकल की कई पॉलिसियों में मनोवैज्ञानिक काउंसलिंग, शोक-संवेदना सहायता और इमरजेंसी सपोर्ट जैसी सुविधाएं भी शामिल हैं, जो परिवार को मुश्किल वक्त में भावनात्मक मज़बूती देती हैं।
गोस्वामी ने कहा कि कि हम ज़िंदगी में हर चीज़ को सुरक्षित करने की कोशिश करते हैं — लेकिन सबसे ज़्यादा असुरक्षित उस वक़्त होते हैं, जब हम यात्रा कर रहे होते हैं। ऐसे में अगर कुछ अनहोनी हो जाए, तो बीमा कम से कम यह भरोसा देता है कि हम अकेले नहीं हैं।
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सच्चाई यह है कि कोई बीमा ज़िंदगी की भरपाई नहीं कर सकता, लेकिन यह संकट के समय में परिवार को सम्मान, सुविधा और समय पर मदद ज़रूर दे सकता है। एक छोटी सी रकम, जो टिकट बुकिंग के समय ट्रैवल इंश्योरेंस के रूप में चुकाई जाती है, वही आपातकाल में बड़ी राहत बन सकती है।
इसलिए अगली बार जब आप किसी यात्रा की योजना बनाएं, तो टिकट के साथ बीमा भी ज़रूर लें। क्योंकि जोखिम का समय कभी बता कर नहीं आता — लेकिन उसकी तैयारी हमेशा होनी चाहिए।