दवा बनाने वाली कंपनी और फार्म और वैक्सीन के कारोबार में लगे पूनावाला समूह को ऑर्किड केमिकल्स से भारी कमाई होने वाली है।
इन दोनों के ही पास ऑर्किड केमिकल्स के काफी शेयर हैं जबकि चेन्नई की इस कंपनी में प्रमोटरों की हिस्सेदारी केवल 16 फीसदी है। ऑर्किड केमिकल्स अगले हफ्ते 31 मार्च 2008 को खत्म हुए साल के लिए डिविडेंड पर विचार करने जा रहा है।
कंपनी की बोर्ड बैठक 29 मई को होनी है जिसमें कंपनी की बैलेंस शीट को भी मंजूरी दी जानी है। कंपनी के पिछले रिकार्ड को देखा जाए तो वह 30-40 फीसदी के बीच डिविडेंड यानी लाभांश देती रही है और इस लिहाज से देखा जाए तो इस कंपनी में हिस्सेदारी वाली रैनबैक्सी की सोलरेक्स और पूनावाला समूह की सेरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया को डिविडेंड के रूप में करोड़ों रुपए मिल सकते हैं।
ऑर्किड ने पिछले साल यानी मार्च 2007 को खत्म हुए कारोबारी साल में 30 फीसदी यानी तीन रुपए प्रति शेयर का डिविडेंड दिया था। इससे पहले के साल यानी 2006 में भी इतना ही डिविडेंड दिया गया था। लेकिन उससे पहले के चार साल यानी 2001-02 से 2004-05 तक कंपनी ने लगातार 40 फीसदी का डिविडेंड दिया है।
शेयरहोल्डिंग के मौजूद आंकडों के मुताबिक अदूरजी ऐंड ब्रॉस के पास इसके 47.6 लाख शेयर हैं और तीस फीसदी के हिसाब से उसे करीब 1.4 करोड़ डिविडेंड के रूप में मिल सकते हैं। अदूरजी के पास ऑर्किड की 7.22 फीसदी हिस्सेदारी है, जबकि सोलरेक्स समूह के पास इसके दोगुने यानी करीब 14 फीसदी हिस्सेदारी है।
इस लिहाज से रैनबैक्सी को डिविडेंड के रूप में करीब तीन करोड़ रुपए मिल सकते हैं। अभी कुछ दिनों पहले तक ऑर्किड की हिस्सेदारी हड़पने की मुहिम सी चल गई थी और रैनबैक्सी की कंपनी सोलरेक्स ने भी इसमें हिस्सेदारी ली थी। इसके बाद पिछले हफ्ते पूनावाला समूह ने भी ऐलान किया था कि उसने ऑर्किड में हिस्सेदारी ली है।