सरकारी बैंकों में निवेश करने वालों के लिए यह खबर अहम है। State Bank of India (SBI) और Bank of Baroda (BoB) दोनों ही देश के प्रमुख पब्लिक सेक्टर बैंक हैं। बीते तीन सालों में BoB ने रिटर्न ऑन एसेट्स (RoA) के मामले में SBI से बेहतर प्रदर्शन किया है। इसके बावजूद IIFL Securities के विश्लेषकों का मानना है कि आने वाले समय में SBI, BoB पर भारी पड़ सकता है।
BoB का औसत RoA बीते तीन साल में 1.12% रहा, जबकि SBI का RoA 1.03% रहा। लेकिन IIFL Securities का कहना है कि आगे चलकर BoB की मार्जिन कम हो सकती है और क्रेडिट कॉस्ट ज़्यादा बढ़ सकती है, जिससे उसका RoA घटकर 0.87% हो सकता है। वहीं SBI का RoA 0.93% रह सकता है।
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BoB की वैल्यूएशन SBI से 25% कम है, जो पिछले 10 सालों का औसत है। लेकिन IIFL का मानना है कि यह अंतर कम नहीं होगा क्योंकि SBI का औसत RoA और RoE, BoB से 6% और 17% ज़्यादा रहने का अनुमान है।
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SBI ने FY25 में कस्टमाइज्ड होम लोन, एजुकेशन लोन, रिन्युएबल एनर्जी प्रोजेक्ट फाइनेंसिंग और 3,500 कॉर्पोरेट टाई-अप के ज़रिए 6 लाख नए सैलरी अकाउंट खोले। इससे SBI ने सरकारी बिज़नेस और ट्रांजैक्शन बैंकिंग में पकड़ मजबूत की। BoB ने भी FY25 में 9 लाख नए CASA अकाउंट खोले, 1,800 नए CMS क्लाइंट जोड़े और 359 MSME ब्रांच खोलीं।
SBI की ब्रांच, ATM और स्टाफ की संख्या BoB से 3-6 गुना ज़्यादा है। FY25 में SBI ने 395 नई ब्रांच खोलीं, जबकि BoB ने केवल 90। SBI के कुल कस्टमर अब 52 करोड़ हैं, जो डिजिटल माध्यमों से भी जुड़ रहे हैं।
दोनों बैंकों ने पिछले 5 सालों में अपने लोन शेयर को कायम रखा है – SBI का 23% और BoB का 7%। SME, होम लोन और एग्रीकल्चर लोन में दोनों ने कुछ हिस्सा गंवाया है, लेकिन पर्सनल और गोल्ड लोन में बढ़त पाई है।
BoB का लोन ग्रोथ SBI से थोड़ा बेहतर रहा है, लेकिन SBI का रिटेल लोन शेयर (36%) BoB (21%) से काफी ज़्यादा है। FY25 में unsecured लोन ग्रोथ BoB में 21% और SBI में सिर्फ 3% रही। BoB का लोन-डिपॉजिट रेशियो 82% है, जो ज्यादा माना जाता है, जबकि SBI का 70% है। इस वजह से BoB के लिए आगे लोन ग्रोथ की संभावनाएं कम मानी जा रही हैं।
SBI का YONO ऐप तेजी से ग्रो कर रहा है। FY25 में YONO यूजर्स की संख्या 8.8 करोड़ हो गई, जबकि BoB World के 3.3 करोड़ यूजर हैं। FY26 में SBI ‘YONO 2.0’ लॉन्च करेगा। EASE 7.0 इंडेक्स में SBI जहां पहले नंबर पर है, वहीं BoB चौथे नंबर पर है।
FY25 में दोनों बैंकों के नेट इंटरेस्ट मार्जिन (NIM) में 16-19 बेसिस पॉइंट की गिरावट आई। BoB के पास ज़्यादा Repo-linked लोन हैं और फिक्स्ड रेट लोन कम हैं, जिससे उस पर ब्याज दर में कटौती का असर ज़्यादा पड़ेगा।
SBI का स्लिपेज और NPA मैनेजमेंट BoB से बेहतर है, सिवाय एग्री और कॉरपोरेट सेगमेंट के। दोनों बैंकों का NPA पर PCR 75% है, लेकिन SBI का कुल स्ट्रेस्ड लोन पर PCR 94% है, जबकि BoB का सिर्फ 76%।