2025 में सोने और चांदी की कीमतों में जबरदस्त उछाल देखा गया है। इस पर कॉमेंट करते हुए, रॉजर्स होल्डिंग्स के चेयरमैन जिम रॉजर्स ने बिजनेस स्टैंडर्ड के पुनीत वाधवा से बातचीत में कहा कि दुनिया में कई देशों में कागजी पैसे पर भरोसा कम होता जा रहा है और लोग सोना, चांदी और तांबे जैसी असली संपत्तियों की ओर रुख कर रहे हैं। उनका कहना है कि यह इतिहास में हमेशा देखा गया है और आगे भी जारी रहेगा।
रॉजर्स ने कहा कि वह दोनों (सोना और चांदी) में निवेश रखते हैं। वर्तमान स्तर पर वह ज्यादा खरीदने की सलाह नहीं देते, लेकिन अगर कीमतें घटती हैं तो वह खरीदेंगे। वह इसे लंबी अवधि का बीमा मानते हैं और इसे तुरंत नहीं बेचेंगे। रॉजर्स का मानना है कि आने वाले सालों में सोना और चांदी की कीमतें और बढ़ सकती हैं। उनका कहना है कि दुनिया गंभीर आर्थिक और राजनीतिक समस्याओं की ओर बढ़ रही है और सोना-चांदी इनमें सुरक्षा का काम करते हैं।
उन्होंने कहा कि कई देशों के शेयर बाजार लंबे समय से लगातार बढ़ रहे हैं, जो भविष्य में समस्याओं का संकेत हो सकता है। इस समय वह शेयरों में निवेश को सतर्कता से देख रहे हैं और अधिकांश देशों में सोना और चांदी को शेयरों पर प्राथमिकता देंगे।
रॉजर्स ने कहा कि तांबा भी अच्छा प्रदर्शन कर रहा है और इसे शॉर्ट नहीं करेंगे। वहीं, कच्चा तेल फिलहाल स्थिर है और यदि भू-राजनीतिक तनाव बढ़ता है तो तेल की कीमतें बढ़ सकती हैं। फिलहाल उन्होंने तेल में कोई निवेश नहीं किया है।
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जिम रॉजर्स ने अमेरिका की स्थिति पर चिंता जताई। उनका कहना है कि अमेरिकी बाजार ऐतिहासिक ऊंचाई पर हैं और अमेरिकी कर्ज लगातार बढ़ रहा है। उन्होंने डोनाल्ड ट्रम्प की नीतियों पर भी कहा कि टैरिफ आम तौर पर अर्थव्यवस्था के लिए नुकसानदेह होते हैं।
जिम रॉजर्स का कहना है कि हाल ही में दुनिया भर के बाजार लगातार नए रिकॉर्ड बना रहे हैं। हर कोई बहुत खुश है – और यही बात उन्हें चिंता में डाल रही है। उनका अनुभव बताता है कि जब सभी बहुत उत्साहित हों, तब सतर्क रहना जरूरी होता है। फिलहाल के हालात उन्हें थोड़ा चिंता जनक लग रहे हैं।
रॉजर्स ने भारत की तारीफ की और कहा कि भारत अब वास्तव में विकास और समृद्धि को समझ रहा है। उन्होंने कहा कि यदि भारतीय बाजार में कोई सुधार आता है, तो वह निवेश करने के लिए तैयार रहेंगे।
वैश्विक वित्तीय बाजारों के लिए सबसे बड़ा जोखिम अमेरिका को मानते हुए उन्होंने कहा कि अमेरिकी शेयर बाजार ऐतिहासिक ऊंचाई पर है और कर्ज बढ़ रहा है, जो सबसे चिंता का कारण है।