हालिया गिरावट के बावजूद छोटी कंपनियों का एक बड़ा अनुपात उम्दा रिटर्न देने वाला रहा है। डीएसपी म्युचुअल फंड ने अपनी नेट्रा रिपोर्ट में कहा है कि स्मॉलकैप शेयरों में से करीब 164 यानी दो तिहाई फरवरी तक उम्दा रिटर्न देने वाले रहे हैं।
इसकी तुलना में मिडकैप व लार्जकैप के महज 53 फीसदी शेयरों ने इस अवधि में उम्दा रिटर्न सृजित किया है। इस बीच, कुल शेयरों का करीब 61 फीसदी मल्टीबैगर यानी उम्दा रिटर्न वाला रहा है।
इस रिपोर्ट में एसोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड्स इन इंडिया के 500 अग्रणी शेयरों के बास्केट के महामारी के बाद के रिटर्न पर विचार किया गया है। यह आंकड़ा मार्च 2020 से लेकर 26 फरवरी 2024 तक शेयरों के प्रदर्शन पर आधारित है।
एसऐंडपी बीएसई स्मॉलकैप इंडेक्स बुधवार को 1.9 फीसदी गिरा और अपने सर्वोच्च स्तर से यह 5.3 फीसदी नीचे है। अलग-अलग कंपनियों में ज्यादा उतारचढ़ाव देखा गया है।
बाजार नियामक सेबी लार्जकैप के तौर पर उस कंपनी को पारिभाषित करता है जो बाजार कीमत के लिहाज से 100 अग्रणी कंपनी हो। 101 से 250 की रैंकिंग वाली कंपनियों को मिडकैप माना जाता है। 250 के बाद की रैंकिंग वाली कंपनियों को स्मॉलकैप में रखा जाता है। म्युचुअल फंड उद्योग निकाय एम्फी तय अवधि में सूची को अपडेट करता है।
ऐसे उम्दा प्रदर्शन के साथ यह तथ्य भी जुड़ा है कि बाजारों में महामारी के निचले स्तर से काफी तेजी आई है। सभी शेयरों में करीब 28 फीसदी ने निफ्टी 500 कंपनियों के मुकाबले ऊंचा रिटर्न दिया है। स्मॉलकैप शेयरों के मामले में यह आंकड़ा 35 फीसदी है।
स्मॉलकैप शेयरों के बड़े हिस्से ने भी हालांकि महामारी के निचले स्तर के बाद से नकारात्मक रिटर्न सृजित किया है। करीब 11 फीसदी स्मॉलकैप शेयरों ने नुकसान दर्ज किया जबकि कुल शेयरों के 10 फीसदी के साथ ऐसा हुआ। इस बीच, लार्जकैप कंपनियों के महज 5 फीसदी हिस्से ने नकारात्मक रिटर्न सृजित किया।