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टीसीएस-मिले वॉलस्ट्रीट से घाव

Last Updated- December 07, 2022 | 11:45 AM IST

किसी दूसरी कंपनी से ज्यादा अमेरिकी ग्राहक होने की वजह से टीसीएस के पहली तिमाही के परिणामों से दलाल स्ट्रीट को ज्यादा आशा नहीं थी।


हालांकि रुपए की कीमत में डॉलर की तुलना में गिरावट आने के बावजूद फर्म को पहली तिमाही में प्राप्त राजस्व में महज 5.2 फीसदी की वृध्दि हुई और यह 6411 करोड़ रुपए के स्तर पर रहा। यहां तक कि डॉलर के आधार पर भी कंपनी की बढ़त सिर्फ 0.5 फीसदी रही जो कि बाजार की आशाओं के अनुरुप नहीं है।

कंपनी को सबसे ज्यादा नुकसान अपने बैंकिंग एवं वित्त्तीय ग्राहकों से हुआ और उनसे अर्जित होने वाला राजस्व तेजी से घटा। दूसरी ओर इन्फोसिस का प्रदर्शन इस सेक्टर में काफी बेहतर रहा और उसके राजस्व में 6.8 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई। जबकि आशा ही लगाई जा रही थी कि टीसीएस को इस बार कम वापसी प्राप्त होगी क्योंकि कंपनी पर प्राइसिंग प्रेशर तेजी से बढ़ा है और कंपनी के वॉल्यूम में भी महज 1.3 फीसदी की बढ़त दर्ज की  गई।

कंपनी की टॉपलाइन ग्रोथ भी कम रही। इन वजहों से कंपनी का ऑपरेटिंग मार्जिन भी 1.6 फीसदी घटकर 23.9 फीसदी पर आ गया। यह अनुमान से काफी कम है। इंफोसिस के मार्जिन में भी दो फीसदी की गिरावट आई और यह 30.5 फीसदी के स्तर पर आ गया। टीसीएस इन सबके बावजूद ग्राहकों के बीच लोकप्रिय बनी हुई है। कंपनी ने अपने ग्राहकों की संख्या तेजी से बढ़ाई है। कंपनी के ग्राहकों की संख्या 10 मिलियन डॉलर से 50 मिलियन डॉलर के स्तर में ज्यादा तेजी से बढ़ी है।

हालांकि कंपनी ने पहली तिमाही की अपेक्षा कम ग्राहक जोड़े। जहां पहली तिमाही में कंपनी ने 53 फीसदी ग्राहक जोड़े थे वहीं जून की तिमाही में कंपनी ने 35 फीसदी ग्राहक जोड़े। अमेरिका में चल रहे आर्थिक संकट की वजह से ग्राहक किसी भी प्रकार के  सौदों में सावधानी बरत रहे हैं। टीसीएस के रिपीट बिजनेस में पांच फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई और यह 99.3 फीसदी के स्तर पर आ गया। जो यह दिखाता है कि कंपनी के पास नए ग्राहक कम आ रहे हैं।

कंपनी के प्रबंधकों का मानना है कि माहौल अभी चुनौतीपूर्ण बना हुआ है और ग्राहकों को लेकर भी अनिश्चितता की स्थिति बनी हुई है। कंपनी के राजस्व में बैंकिंग और वित्त्तीय ग्राहकों की संख्या भी पहले से कम रही। कंपनी के प्रबंधकों को भरोसा है कि जल्द ही उसके बैंकिंग और वित्त्तीय ग्राहक उसे अच्छा खासा राजस्व देने लगेंगे। कंपनी को आशा है कि आगे वह कुछ बड़े सौदे भी हासिल कर लेगी। मौजूदा बाजार मूल्य 728 रु पर कंपनी के स्टॉक का कारोबार वित्तीय वर्ष 2009 में अनुमानित आय से 13 गुना के स्तर पर हो रहा है।

एचडीएफसी-नियंत्रित प्रदर्शन

होम लोन सेक्टर के सबसे बड़े बैंक एचडीएफसी बैंक केशुध्द लाभ में जून की तिमाही में 26 फीसदी की कमी आई। इसमें कोई शंका नहीं है कि बैंक का कारोबार सीजनल है जो कि पहली तिमाही में कम रहा था। बैंक के नन परफार्मिंग लोन की हिस्सेदारी में मार्च तिमाही की तुलना में 0.5 फीसदी की वृध्दि हुई। हालांकि 0.7 फीसदी हिस्सेदारी के नॉन परफार्मिंग लोन के साथ बैंक की बैंलेस बुक इस कारोबार में सबसे साफ है।

जून 2007 की तिमाही से तुलना करके देखा जाए तो बैंक के लोन एप्रूवल 30 फीसदी ज्यादा रहे और डिस्बर्समेंट भी 28 फीसदी बढ़कर 2,220 करोड़ केस्तर पर पहुंच गया। इन वजहों से बैंक नेट इंट्रेस्ट इनकम में 36 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। ऊंचे टैक्स रेट की वजह से कंपनी का शुध्द लाभ तेजी से न बढ़कर 468 करोड क़े स्तर पर रहा।

बैंक के प्रबंधकों का मानना है कि मौजूदा वित्त्तीय वर्ष में बैंक के होमलोन के कारोबार में 25 से 30 फीसदी की बढ़त बनी रहेगी। हालांकि अर्थव्यवस्था में चल रही गिरावट और ऊंचे ब्याज दरों की वजह से बैंक की लोन ग्रोथ में आने वाली तिमाहियों मे कमी आ सकती है। वित्तीय वर्ष 2008 में बैंक की लोन ग्रोथ 29 फीसदी रही थी।

बैंक की लोन ग्रोथ के अगले कुछ तिमाहियों में 22 से 23 फीसदी के स्तर पर रहने की संभावना है। इसके अतिरिक्त बैंकिंग सेक्टर के मौजूदा माहौल भी लगातार प्रतिस्पर्धात्मक बनता जा रहा है। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा कैस रिजर्व रेशियो में वृध्दि करने का फायदा एचडीएफसी बैंक पर पड़ेगा क्योंकि अब बैंक को ज्यादा पूंजी सिक्योरिटी के रुप में रखनी पड़ेगी। जिससे बैंक के फंडों की कीमत में इजाफा होगा।

बैंक के लिए फंडों की कीमत को नियंत्रित रखना आसान नहीं होगा क्योंकि ब्याज दरों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। मौजूदा बाजार मूल्य पर बैंक का स्टॉक काफी सस्ता है। इसके शेयर के मूल्य में परिणामों के बाद पांच फीसदी की गिरावट आई।

First Published - July 17, 2008 | 10:36 PM IST

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