आज यानी मंगलवार को टाटा इनवेस्टमेंट कॉरपोरेशन के शेयरों में गिरावट दर्ज की गई। कंपनी के मार्च तिमाही के नतीजे जारी होने के बाद शेयर 2.7% टूटकर बीएसई पर ₹6,227.55 के इंट्राडे लो तक पहुंच गया। दोपहर 1:19 बजे यह शेयर 1.98% गिरावट के साथ ₹6,275 पर ट्रेड कर रहा था। वहीं, बीएसई सेंसेक्स 0.28% की बढ़त के साथ 79,627.22 पर था। कंपनी का बाज़ार पूंजीकरण इस समय ₹31,813.82 करोड़ है। इसका 52-हफ्तों का ऊपरी स्तर ₹8,075.90 और निचला स्तर ₹5,147.15 रहा है।
टाटा इनवेस्टमेंट ने चौथी तिमाही (Q4FY25) में ₹37.72 करोड़ का नेट प्रॉफिट दर्ज किया है, जबकि पिछले साल इसी तिमाही में यह ₹60.47 करोड़ था। यानी सालाना आधार पर मुनाफे में 37.6% की गिरावट आई है। वहीं, कंपनी की रेवेन्यू (कुल आय) भी तगड़ी गिरी है। यह इस तिमाही में ₹16.43 करोड़ रही, जबकि एक साल पहले ₹57.11 करोड़ थी।
₹27 का डिविडेंड घोषित, शेयरधारकों की मंज़ूरी बाकी
कंपनी के बोर्ड ने ₹10 के फेस वैल्यू वाले हर शेयर पर ₹27 यानी 270% का डिविडेंड देने का प्रस्ताव रखा है। यह डिविडेंड कंपनी की सालाना जनरल मीटिंग (AGM) के बाद शेयरधारकों की मंज़ूरी मिलने पर दिया जाएगा। इसके अलावा कंपनी ने राजीव दुबे को फिर से स्वतंत्र निदेशक (Independent Director) नियुक्त करने का प्रस्ताव भी पास किया है। यह उनका दूसरा टर्म होगा, जो 15 अक्टूबर 2025 से शुरू होकर 5 साल के लिए होगा। यह नियुक्ति भी AGM में शेयरधारकों की मंज़ूरी से ही लागू होगी।
कंपनी क्या करती है?
टाटा इनवेस्टमेंट कॉरपोरेशन एक इनवेस्टमेंट होल्डिंग कंपनी है जो लिस्टेड और अनलिस्टेड कंपनियों, खासतौर पर टाटा ग्रुप की कंपनियों में निवेश करती है। कंपनी का फोकस वैल्यू और ग्रोथ के संतुलन पर होता है।
बात करें शेयर के परफॉरमेंस की तो बीते एक साल में शेयर ने लगातार गिरावट देखी है और एक साल में 8 फीसदी गिर चुका है। हालांकि, लॉन्गटर्म में इसने शानदार रिटर्न दिया है। शेयर ने दो साल में 191%, तीन साल में 325% और पांच साल में 800% का रिटर्वन दिया है।