देसी इक्विटी में व्यापक आधार पर आई तेजी से समान भारांक वाले फंडों को अंतर्निहित बाजार पूंजीकरण भारांकित सूचकांकों के ऊपर बढ़त में मदद मिली है। पिछले एक साल में डीएसपी इक्वल निफ्टी-50 फंड, प्रिंसिपल निफ्टी-100 इक्वल वेट फंड और सुंदरम स्मार्ट निफ्टी-100 इक्वल वेट फंड ने 38 से 42 फीसदी रिटर्न अर्जित किया है। इसकी तुलना में निफ्टी और निफ्टी-100 सूचकांकों में 34 फीसदी से कम बढ़त दर्ज हुई है।
समान भारांक वाले सूचकांक उसमें शामिल सभी अवयव को समान भारांक देते हैं। दूसरी ओर, पारंपरिक एमकैप भारांकित सूचकांक का भारांक अंतर्निहित शेयरों की बाजार कीमत से तय होता है। उदाहरण के तौर पर निफ्टी-100 इंडेक्स में 100 शेयर हैं। समान भारांक वाला सूचकांक हर शेयर को एक फीसदी का भारांक देगा। एमकैप भारांकित सूचकांक सभी शेयरों के फ्री-फ्लोट मार्केट कैप पर विचार करता है। वैयक्तिक शेयरों का भारांक संचयी फ्री-फ्लोट मार्केट कैप के प्रतिशत के तौर पर उसका फ्री-फ्लोट मार्केट कैप होता है। इन सूचकांकों को ट्रैक करने वाला इंडेक्स फंड और एक्सचेंज ट्रेडेड फंड अंतर्निहित सूचकांकों के रिटर्न की नकल करने की कोशिश करता है।
डीएसपी म्युचुअल फंड के प्रमुख (पैसिल इन्वेस्टमेंट्स) अनिल गिलानी ने कहा, निवेश का आधारभूत सिद्धांत यह है कि हम अच्छी कंपनियों में निवेश करें, जो क्षेत्र की अग्रणी हो और दूसरा, पोर्टफोलियो पूरी तरह से विशाखित होना चाहिए। उन्होंने कहा, निफ्टी-50 पहला मानदंड पूरा करता है, लेकिन यह इंडेक्स काफी हद तक कुछ क्षेत्रों मसलन वित्तीय, तेल व गैस और आईटी की ओर झुका हुआ है। ऐसे में यह फंड निफ्टी इंडेक्स के 50 शेयरों में समान रूप से निवेश करता है और पिछले एक साल में आई व्यापक तेजी ने फंड को बेहतर रिटर्न देने में मदद की है। डीएसपी इक्वल निफ्टी-50 फंड हर तिमाही में पोर्टफोलियो को दोबारा संतुलित करता है और इंडेक्स के 50 शेयरों में 2 फीसदी का आवंटन किया है। पिछले महीनों में निफ्टी-50 के निचले 30 शेयरों ने तेजी दर्ज की है, जिससे समान भारांक वाले फंडों के रिटर्न में मजबूती आई है।
गिलानी ने कहा, इंडेक्स के अग्रणी शेयरों में हमारे फंड का निवेश महज 2 फीसदी है, लेकिन इंडेक्स के सभी क्षेत्रों के मजबूत प्रदर्शन से फंड को मदद मिली है। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के मजबूत निवेश और कंपनियों की आय में सुधार से बाजार पूंजीकरण में बढ़ोतरी हो रही है, ऐसे में मेरा मानना है कि आगामी समय में भी बाजार में व्यापक तेजी जारी रह सकती है। साल 2018 से भारतीय बाजार में तेज ध्रुवीकरण देखने को मिला था क्योंकि सिर्फ एक दर्जन शेयर ही बेंचमार्क सूचांकों में रिटर्न दे रहे थे। ऐसे समय में समान भारांक वाले फंडों का रिटर्न मूल सूचकांकों से पिछड़ा है। समान भारांक वाले फंड तभी बेहतर प्रदर्शन करते हैं जब बाजार में व्यापक तेजी आती है और उसका प्रदर्शन तब कमजोर रहता है जब कुछ ही शेयर बाजार को आगे बढ़ाते हैं।
