अदाणी के शेयरों में लगातार गिरावट के बीच इस महीने शेयर बाजार में निवेशकों की सक्रियता बढ़ने के साथ ही खरीद-फरोख्त की गतिविधियों में फिर से उछाल देखी जा रही है।
फरवरी महीने में अब तक नकद श्रेणी में (एनएसई और बीएसई के लिए सम्मिलित रूप से) रोजाना औसत कारोबार (एडीटीवी) करीब 59,346 करोड़ रुपये के स्तर पर चला गया और इसमें पिछले महीने के 51,844 करोड़ रुपये के एडीटीवी की तुलना में करीब 15 फीसदी की तेजी है।
वायदा एवं विकल्प खंड में रोजाना औसत कारोबार जनवरी के 20.2 लाख करोड़ रुपये के मुकाबले 20.4 लाख करोड़ रुपये के एक नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। जब बाजार में तेजी का रुख दिखता है या इसमें तेजी से उतार-चढ़ाव का दौर देखा जाता है तब खरीद-फरोख्त के स्तर में भी उछाल आती है।
अदाणी के शेयरों के गिरने की वजह से इसके समूह की दो कंपनियों अदाणी एंटरप्राइजेज और अदाणी पोर्ट्स और सेज की विकल्प कीमतें हाल के हफ्ते के दौरान अनियंत्रित तरीके से तय हुईं।
इसके अलावा बैंकिंग के शेयर और बैंक निफ्टी सूचकांक में भी सामान्य उतार-चढ़ाव के बजाय काफी तेजी देखी गई क्योंकि निवेशकों में अदाणी समूह को लेकर जोखिम की आशंका बढ़ी है।
हालांकि बाजार के विश्लेषक कहते हैं कि इसकी वजह से शेयर बाजार में दांव लगाने वालों का आकर्षण भी बढ़ा है। जेरोधा के संस्थापक नितिन कामथ कहते हैं, ‘बाजार की कुल अनिश्चितता काफी ज्यादा रही है खासतौर पर बैंकिंग के मोर्चे पर। इसमें नए निवेशकों की कोई भूमिका नहीं है बल्कि इसका संबंध अनिश्चितता से जुड़ा है।’
बाजार के खिलाड़ियों का कहना है कि केंद्रीय बजट की वजह से शेयर बाजार की गतिविधियों में तेजी आई है। 5पैसा कैपिटल के सीईओ प्रकाश गगडानी का कहना है कि बजट की वजह से महीने की शुरुआत में नकद कारोबार में काफी तेजी देखी गई।
गगडानी का कहना है, ‘बजट के दौरान भी नकदी और डेरिवेटिव के मोर्चे पर कारोबार में तेजी देखी गई थी। इस बार अदाणी समूह के शेयरों में गिरावट को देखते हुए अनिश्चतता की स्थिति बनती हुई दिखी। सरकारी बैंकों के शेयरों और अदाणी समूह के शेयरों में काफी तेजी देखी गई। बैंकिंग के शेयरों और अदाणी समूह के शेयरों में बड़े पैमाने पर उतार-चढ़ाव की स्थिति बनी रही।’
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के सीईओ धीरज रेली का कहना है कि घरेलू संस्थागत निवेशकों के पोर्टफोलियों को दोबारा संतुलित करने से भी कारोबार में तेजी आई है।
रेली ने कहा, ‘अदाणी समूह से जुड़ी खबरों के अलावा फेड की ब्याज सख्ती और केंद्रीय बजट की वजह से भी शेयर बाजार पर असर दिखा है। आगे की तेजी केवल कमाई में वृद्धि पर निर्भर होगी। बाजार में मंदी का आलम रहेगा। केवल विशेष शेयरों और सेक्टर संबंधित कारोबार होंगे।’
अमेरिका के हिंडनबर्ग रिसर्च की एक रिपोर्ट आने के बाद से ही अदाणी के शेयरों पर 24 जनवरी से ही दबाव बना हुआ है। अपने रिपोर्ट में हिंडनबर्ग रिसर्च ने अदाणी समूह पर शेयर कीमतों में फर्जीवाड़े के आरोप लगाए हैं।