पश्चिम एशिया में तेजी से बिगड़ते हालात को देसी बाजारों ने आज को खुद पर हावी होने नहीं दिया। इतना ही नहीं, बढ़त दर्ज करने के साथ घरेलू बाजारों ने एक दिन पहले यानी सोमवार को हुए नुकसान की भरपाई भी बखूबी कर ली। अमेरिका में बॉन्ड पर प्रतिफल कम होने से निवेशकों में ब्याज दरों में बढ़ोतरी का डर जाता रहा।
चीन में आर्थिक प्रोत्साहन संबंधी खबरों से भी बाजार को राहत मिली। बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 567 अंक (0.9 प्रतिशत) चढ़कर 66,079 पर बंद हुआ। नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) निफ्टी भी पीछे नहीं रहा और यह 178 अंक (0.9 प्रतिशत) की छलांग लगाकर 19,690 पर बंद हुआ। निफ्टी मिडकैप 100 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 में भी क्रमशः 1.4 प्रतिशत और 1.2 प्रतिशत की तेजी आई।
अमेरिका में फेडरल रिज़र्व के दो अधिकारियों की इस टिप्पणी से बॉन्ड बाजार को मजबूती मिली कि ब्याज दरें अब उस स्तर तक पहुंच चुकी हैं जहां और बढ़ोतरी की गुंजाइश नहीं है। उनकी इस टिप्पणी के बाद 10 वर्ष के सरकारी बॉन्ड पर प्रतिफल 4.7 प्रतिशत से नीचे आ गया। इससे पहले अमेरिका में पिछले सप्ताह जारी रोजगार के उत्साहजनक आंकड़ों के बाद वहां ब्याज दर में एक और बढ़ोतरी की आशंका थी।
इस बीच, खबरें हैं कि चीन अपनी अर्थव्यवस्था में बढ़ोतरी को रफ्तार देने के लिए राहत पैकेज ला सकता है और इसके लिए वह अपना बजट घाटा बढ़ाने की योजना पर काम कर रहा है। यह भी खबर है कि बुनियादी परियोजनाओं पर खर्च के लिए चीन की सरकार 137 अरब डॉलर का सॉवरिन ऋण जारी करेगी।
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हालांकि, मंगलवार को घरेलू बाजारों में तेजी के बावजूद इजरायल-हमास संघर्ष से निवेशक सहमे हुए हैं। निवेशकों को यह चिंता है कि इजरायल और हमास के बीच संघर्ष एक बड़े भू-राजनीतिक संकट का रूप ले सकता है, जिसमें ईरान भी शामिल हो सकता है। उन्हें डर है कि ईरान के युद्ध में उतरने से तेल कीमतों में आग और तेज हो जाएगी। सोमवार को कच्चा तेल 4 प्रतिशत चढ़ने के बाद मंगलवार को 88 डॉलर प्रति बैरल के स्तर से थोड़ा नीचे आ गया।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) द्वारा भारत की आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान बढ़ाने से भी बाजार में धारणा मजबूत हुई। आईएमएफ के अनुसार उच्च उपभोग की बदौलत वित्त वर्ष 2024 में भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 6.3 प्रतिशत से ऊपर रह सकता है। मंगलवार को प्रकाशित विश्व आर्थिक अनुमान के अनुसार पिछले अनुमान की तुलना में यह 20 आधार अंक अधिक हो सकता है।
बाजार में तेजी पर जियोजित फाइनैंशियल सर्विसेस में शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘घरेलू बाजार का ध्यान इस समय कंपनियों के नतीजों पर टिका हुआ है। उसे सितंबर तिमाही में कंपनियों की आय के आंकड़े मजबूत रहने की उम्मीद है।’
मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेस में खुदरा शोध प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा कि वित्त और वाहन शेयरों में मजबूती के बाद दूसरी तिमाही में निफ्टी की आय में 21 प्रतिशत तेजी दिख सकती है।