भारतीय इक्विटी बेंचमार्क ने शुक्रवार की गिरावट के बावजूद नए साल के पहले हफ्ते की समाप्ति बढ़त के साथ की। विदेशी संस्थागत निवेशकों की बिकवाली के बीच शुक्रवार को बेंचमार्क इंडेक्स में गिरावट दर्ज हुई। सेंसेक्स 721 अंक टूटकर 79,223 पर बंद हुआ जबकि निफ्टी 184 अंकों की गिरावट के साथ 24,005 पर टिका। सप्ताह के दौरान सेंसेक्स में 0.7 फीसदी का इजाफा हुआ जबकि निफ्टी में 0.8 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज हुई, जो उनके लिए बढ़त का लगातार दूसरा हफ्ता रहा। बीएसई में सूचीबद्ध फर्मों का कुल बाजार पूंजीकरण 70,000 करोड़ रुपये की गिरावट के साथ 450 लाख करोड़ रुपये रहा।
शुक्रवार को एफपीआई 4,227 करोड़ रुपये के शुद्ध बिकवाल रहे, वहीं देसी संस्थानों ने 821 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे। सेंसेक्स की गिरावट में एचडीएफसी बैंक व आईसीआईसीआई बैंक ने सबसे ज्यादा योगदान किया, जिनमें क्रमश: 2.5 फीसदी व 1.9 फीसदी की गिरावट आई। एफपीआई के पास एचडीएफसी बैंक व आईसीआईसीआई बैंक की खासी हिस्सेदारी है।
जियोजित फाइनैंशियल के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, बाजार ने निराशावादी रुख के साथ सप्ताह का समापन किया क्योंकि मजबूत अमेरिकी डॉलर, उच्च मूल्यांकन और मल्टी ऐसेट रणनीति की ओर निवेशकों का रुख करने की वजह से बाजार में बढ़त पर बिकवाली की रुख बना हुआ है। ऑटो सेक्टर ने अन्य सूचकांकों से बेहतर प्रदर्शन किया। दिसंबर में मजबूत बिक्री के आंकड़ों ने सामान्य रूप से कमजोर मांग को खारिज कर दिया। एफआईआई की निकासी पर लगातार चिंताएं, भारतीय रुपये में गिरावट और कोर सेक्टर में सुधार के संकेत से 2025 में दरों में कटौती की उम्मीद कम हो गई।
भारतीय सूचकांकों ने वर्ष की शुरुआत मजबूती के साथ की और 2025 के पहले दो सत्रों में बढ़त दर्ज की। गुरुवार को सूचकांकों में लगभग 2 फीसदी का इजाफा हुआ, जो प्रौद्योगिकी और ऑटो दिग्गजों में उछाल के बीच छह सप्ताह में उनकी सबसे अच्छी एक दिवसीय बढ़त थी। बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि दिसंबर में समाप्त होने वाली तिमाही के कंपनियों के नतीजे और फरवरी में केंद्रीय बजट बाजार की आगे की दिशा तय करेंगे।
डॉनाल्ड ट्रंप के कार्यभार संभालने के बाद अमेरिकी प्रशासन की नीतियों और बढ़ते भू-राजनीतिक संघर्षों का भी बाजार पर असर पड़ने की संभावना है। विश्लेषकों ने कहा, हालांकि भारत इन मुद्दों से अधिक प्रतिरक्षित है, लेकिन वैश्विक धारणा निवेशकों की धारणा को प्रभावित करेगी।
रेलिगेयर ब्रोकिंग के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अजित मिश्रा ने कहा, हालिया रिकवरी के बाद यह पुलबैक एक सामान्य ठहराव प्रतीत होता है और तब तक जारी रह सकता है जब तक कि निफ्टी 24,250 पर अगले प्रतिरोध को निर्णायक रूप से पार नहीं कर लेता। हम क्षेत्रीय रुझानों के अनुरूप शेयर विशेष में अवसरों पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह बरकरार रखे हुए हैं। निकट अवधि में एफएमसीजी, ऑटो और ऊर्जा क्षेत्रों के बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है, इसलिए पोजीशन को उसी हिसाब से समायोजित किया जाना चाहिए।
बाजार में चढ़ने व गिरने वाले शेयरों का अनुपात मजबूत रहा और 2,032 शेयर चढ़े जबकि 1,965 में गिरावट आई। सेंसेक्स के करीब दो तिहाई शेयर टूटे। 4.3 फीसदी टूटने वाला जोमैटो सेंसेक्स में सबसे खराब प्रदर्शन करने वाला शेयर रहा।