Stock Market: बेंचमार्क सूचकांकों में बुधवार को आधा फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी दर्ज हुई और बैंकिंग शेयरों में मिली बढ़त से सहारा पाकर ये सूचकांक नई रिकॉर्ड ऊंचाई पर बंद हुए। पहली बार सेंसेक्स 74,000 के ऊपर बंद हुआ। 30 शेयरों वाला सूचकांक 409 अंक चढ़कर 74,086 पर बंद हुआ। निफ्टी 118 अंकों की बढ़त के साथ नई रिकॉर्ड ऊंचाई 22,474 पर बंद हुआ।
हालांकि व्यापक बाजार में भारी बिकवाली का दबाव नजर आया और निफ्टी स्मॉलकैप 100 करीब 2 फीसदी टूट गया जो 12 फरवरी के बाद सबसे बड़ा एकदिवसीय नुकसान है। उस दिन यह इंडेक्स 4 फीसदी फिसला था। बाजार में चढ़ने व गिरने वाले शेयरों का अनुपात भी कमजोर रहा और बीएसई पर 904 शेयर चढ़े जबकि 2,954 में गिरावट आई। निफ्टी स्मॉलकैप 100 इस हफ्ते करीब 4 फीसदी नीचे आया है।
बाजार के प्रतिभागियों ने कहा कि व्यापक बाजारों में बिकवाली महंगे मूल्यांकन की चिंता में हुई। साथ ही आरबीआई की व्यापक कार्रवाई की आशंका के बीच एनबीएफसी में गिरावट आई और इसका भी मनोबल पर असर पड़ा। कोटक महिंद्रा बैंक और ऐक्सिस बैंक में 2.2-2.2 फीसदी से ज्यादा की उछाल आई जो सेंसेक्स में शामिल कंपनियों में सबसे ज्यादा है।
बेंचमार्क सूचकांक नई ऊंचाई पर पहुंचे हैं जबकि निफ्टी स्मॉलकैप 100 अपने सर्वोच्च स्तर से 8 फीसदी नीचे आया है। बाजार के प्रतिभागियों ने कहा कि पिछले एक साल में शानदार बढ़त के बाद निवेशक स्मॉलकैप से निकलकर बड़े शेयरों में निवेश कर रहे हैं।
जियोजित फाइनैंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि बाजार ने कारोबार की अवधि के दूसरे हिस्से में शानदार रिकवरी दिखाई और शुरुआती नुकसान पलट गया। कारण कि बड़े शेयरों में खरीदारी ने जोर पकड़ लिया। इसके बाद भी व्यापक इंडेक्स में कमजोरी बनी रही और मिड व स्मॉलकैप में मुनाफावसूली हुई, जो बढ़े मूल्यांकन को लेकर चिंता दर्शाता है।
मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज के खुदरा शोध प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा कि अल्पावधि में लार्जकैप बाजार को आगे बढ़ाएंगे जबकि मिड व स्मॉलकैप दबाव में बने रह सकते हैं।
निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स में सबसे ज्यादा गिरावट आईआईएफएल फाइनैंस (20 फीसदी नीचे), महानगर गैस (15.4 फीसदी) और मणप्पुरम फाइनैंस (6.7 फीसदी) में आई। महानगर गैस का शेयर इसलिए टूटा कि सिटी ने इस शेयर को डाउनग्रेड कर बिकवाली कर दिया और इसके लिए कंपनी के मार्जिन पर नियामकीय जोखिम का हवाला दिया। इंडेक्स के एक दर्जन से ज्यादा शेयर 4 फीसदी से ज्यादा टूटे जो भारी बिकवाली का दबाव बताता है। इसकी तुलना में सेंसेक्स और निफ्टी में सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले शेयरों में 2.2 फीसदी से कम गिरावट आई।
ऐक्सिस म्युचुअल फंड ने एक नोट में कहा है कि बाजार सर्वोच्च स्तर या उसके करीब है। ऐसे में निवेशकों को अल्पावधि के संभावित उतारचढ़ाव से सतर्क रहना चाहिए। एशियाई समकक्ष बाजारों के मुकाबले भारत में मूल्यांकन महंगा है और भारत सबसे ज्यादा महंगा बाजार बना हुआ है।
मिडकैप और स्मॉलकैप ने काफी तेजी दर्ज की है। ऐसे में निवेश का निकलकर लार्जकैप की ओर जाना निश्चित हो सकता है। निवेशकों को अल्पावधि के बजाय लंबी अवधि का नजरिया रखना चाहिए। यहां अगले दो महीने में चुनाव होंगे और यह अल्पावधि के लिए बाजार की दिशा तय कर सकते हैं। पिछले एक साल में निफ्टी-50 में 27 फीसदी की उछाल आई है जबकि निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 65 फीसदी चढ़ा है।