महंगाई में इजाफा और कोविड महामारी के बढ़ते मामलों के बीच बेंचमार्क सूचकांकों में सोमवार को गिरावट दर्ज हुई। अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल में इजाफा (जो 13 महीने के उच्चस्तर पर पहले ही पहुंच गया है) और कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें भी निवेशकों की परेशानी में इजाफा कर रही हैं।
बेंचमार्क सेंसेक्स ने गिरावट के साथ सत्र की शुरुआत की और कुछ सुधार से पहले 993 अंक तक लुढ़क गया। ज्यादातर वैश्विक बाजार हरे निशान में रहे क्योंकि चीन के मजबूत आंकड़ों और आर्थिक सुधार में प्रगति पर आशावाद से उसे सहारा मिला।
सेंसेक्स 397 अंक यानी 0.78 फीसदी टूटकर 50,395 अंक पर बंद हुआ। दूसरी ओर निफ्टी 0.67 फीसदी यानी 101 अंक गिरकर 14,929 पर बंद हुआ।
सोमवार को भारत में कोविड-19 के 26,291 नए मामले दर्ज हुए, जो करीब तीन महीने में एक दिन का सर्वोच्च आंकड़ा है। कोविड के मामलों मेंं हुई हालिया बढ़ोतरी ने कई राज्य सरकारों को विभिन्न शहरों में पाबंदी लगाने को बाध्य किया है, जिससे कारोबारी अवरोध पैदा हुआ है। अभी दुनिया भर में भारत, अमेरिका व ब्राजील के बाद तीसरा सबसे प्रभावित देश है। हालांकि कुछ देशों में एस्ट्राजेनेका के टीके के निलंबन से चिंता बढ़ी है कि क्या भारत ऐसा ही रुख अपना सकता है।
निवेशकोंं को यह चिंता भी हो रही है कि बढ़ती महंगाई से आरबीआई ब्याज दर बढ़ा सकता है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित महंगाई फरवरी 2021 में बढ़कर 5.03 फीसदी पर पहुंच गई, जिसकी वजह खाद्य व ईंधन की कीमतों में हुई बढ़ोतरी रही। खाद्य महंगाई फरवरी में 3.87 फीसदी पर पहुंच गई, जो जनवरी में 1.96 फीसदी थी। इसके अतिरिक्त औद्योगिक उत्पादन भी सालाना आधार पर जनवरी में घटकर 1.6 फीसदी रह गया। कमजोर आर्थिक आंकड़ों ने निवेशकों को परेशान किया, जो भारतीय अर्थव्यवस्था में हो रहे सुधार पर दांव लगा रहे थे।
जियोजित फाइनैंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, कमजोर आर्थिक आंकड़े और फेड की मौद्रिक नीति बैठक से पहले वैश्विक बॉन्ड प्रतिफल में इजाफे ने देसी रफ्तार पर लगाम कस दिया। हालांकि यूरोपीय व अन्य एशियाई देशों के आशावाद ने शुरुआत में आई गिरावट में कमी लाने में मदद की। फेडरल रिजर्व की तरफ से मुद्रा आपूर्ति वाली नीति बहाल रखने की पुष्टि किए जाने के बाद वैश्विक आउटलुक के आधार पर उतारचढ़ाव में स्थिरता की उम्मीद कर सकते हैं।
आज के कारोबारी सत्र में 1,831 शेयरों में गिरावट आई जबकि 1,224 शेयरों में बढ़ोतरी दर्ज हुई। सेंसेक्स में शामिल दो तिहाई शेयर नुकसान के साथ बंद हुए। बजाज फिनसर्व सेंसेक्स में सबसे कमजोर प्रदर्शन वाला शेयर रहा और उसमें 2.7 फीसदी की गिरावट आई।