समझ से परे शेयर बाजार की चाल में फंसकर लाखों रुपये गवाने वाले निवेशक अब दिन दोगुनी रात चौगुनी रफ्तार से बढ़ते कमोडिटी बाजार की ओर रुख करने लगे हैं।
इसकी मुख्य है शेयर बाजार की मंदी, इस साल सेंसेक्स में अभी तक जहां 33 फीसदी से भी ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई है, वहीं कच्चे तेल की कीमत में 47 फीसदी और सोना में 21 फीसदी और चांदी में 28 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है।
कमोडिटी और इक्विटी बाजार को करीब से जानने वाले शेयरखान के रिसर्च हेड शैलेन्द्र कुमार के अनुसार पिछले तीन चार महीनों से निवेशक शेयर बाजार से अपना पैसा निकाल कमोडिटी में लगा रहे हैं। उनका कहना है कि हमने महंगाई को भापने में देरी कर दी। अमेरिका में यदि एक फीसदी परेशानी हो रही है तो भारत में तीन फीसदी होने वाली है।
निवेश के लिए सोना को सबसे सही विकल्प मानते हुए उनका कहना है कि कमोडिटी बाजार आने वाले सालों में निफ्टी को पीछे छोड देगा। इस साल के शुरुआत में जब सेंसेक्स 20 हजार के पार चल रहा था और 10 दिन के अंदर ही सेंसेक्स 21 हजार के मनोवैज्ञानिक आकडे क़ो पार कर गया था, उस समय तक शेयर बाजार की चाल में इतराने वाले जितेन्द्र भाई अब सोना में निवेश कर रहे हैं। गोल्ड में निवेश करने की दूसरी एक वजह यह भी है कि अभी बाजार में मुश्किल से 50 गोल्ड फंड है जबकि इक्विटी मार्केट में इस समय 5000 से भी ज्यादा निवेश के लिए फंड है।
कमोडिटी की ओर निवेशकों के आकर्षित होने की वजह कमोडिटी जिंसों में लगातार तेजी का माहौल है। इस साल के आकडों में नजर डाले तो कच्चे तेल की कीमत एक जनवरी को 96 डॉलर प्रति बैरल थी, जिनमें अभी तक 47.26 फीसदी की वृध्दि हुई है। तेजी का यह माहौल सोना,चांदी,कॉपर इत्यादि जिंसो पर भी बना हुआ है।
साल के पहले दिन सोना प्रति 10 ग्राम 10650 रुपये पर था जो 17 मार्च को 13495 रुपये तक भी पहुंच चुका है। चांदी की भी चमक में 27.82 फीसदी का इजाफा हुआ है। 19480 रुपये प्रति किलोग्राम से उछल कर चांदी 25650 रुपये तक पहुंच चुकी है। कृषि जिंसों में मक्का 45 फीसदी और सोयाबीन में 40 फीसदी उछाल आया है।