facebookmetapixel
स्विगी-जॉमैटो पर 18% GST का नया बोझ, ग्राहकों को बढ़ सकता है डिलिवरी चार्जपॉलिसीधारक कर सकते हैं फ्री लुक पीरियड का इस्तेमाल, लेकिन सतर्क रहेंGST 2.0: छोटे कारोबारियों को 3 दिन में पंजीकरण, 90% रिफंड मिलेगा तुरंतSwiggy ऐप पर अब सिर्फ खाना नहीं, मिनटों में गिफ्ट भी मिलेगाGST कटौती के बाद छोटी कारें होंगी 9% तक सस्ती, मारुति-टाटा ने ग्राहकों को दिया फायदा48,000 करोड़ का राजस्व घाटा संभव, लेकिन उपभोग और GDP को मिल सकती है रफ्तारहाइब्रिड निवेश में Edelweiss की एंट्री, लॉन्च होगा पहला SIFएफपीआई ने किया आईटी और वित्त सेक्टर से पलायन, ऑटो सेक्टर में बढ़ी रौनकजिम में वर्कआउट के दौरान चोट, जानें हेल्थ पॉलिसी क्या कवर करती है और क्या नहींGST कटौती, दमदार GDP ग्रोथ के बावजूद क्यों नहीं दौड़ रहा बाजार? हाई वैल्यूएशन या कोई और है टेंशन

हाई नेटवर्थ निवेशकों के लिए खास SIF योजना, म्युचुअल फंड हाउसों की हलचल

एडलवाइस ऐसेट मैनेजमेंट की एमडी एवं सीईओ राधिका गुप्ता ने कहा, ‘हम बैंकों, फंड वितरकों और वेल्थ मैनेजरों सहित सभी प्रमुख वितरण खंडों के साथ सक्रिय रूप से जुड़ रहे हैं।

Last Updated- July 05, 2025 | 10:31 AM IST
Pst Office Saving scheme
Representative Image

विशेष निवेश फंड यानी स्पेशलाइज्ड इन्वेस्टमेंट फंड (एसआईएफ) का लाइसेंस मिलने और योजना को मंजूरी की संभावना के कारण म्युचुअल फंड इस क्षेत्र को लेकर सक्रिय हो गए हैं। उन्होंने वितरण योजनाओं पर काम शुरू कर दिया है। पांच फंड हाउसों- एसबीआई, एडलवाइस, क्वांट, मिरे और आईटीआई ने कहा है कि उन्होंने प्रमुख वितरण कंपनियों के साथ बातचीत शुरू की है। इन वर्टिकलों में संपत्ति प्रबंधन फर्म, बैंक और राष्ट्रीय एवं निजी फंड वितरक शामिल हैं।

एडलवाइस ऐसेट मैनेजमेंट की एमडी एवं सीईओ राधिका गुप्ता ने कहा, ‘हम बैंकों, फंड वितरकों और वेल्थ मैनेजरों सहित सभी प्रमुख वितरण खंडों के साथ सक्रिय रूप से जुड़ रहे हैं। उनमें से फंड वितरक और वेल्थ मैनेजर एसआईएफ वितरण को आगे बढ़ाने के लिए अच्छी स्थिति में हैं। वे पहले से ही ज्यादा नेटवर्थ वाले ग्राहकों के एक बड़े आधार को सेवा देते हैं। वे नई तरह की फंड योजनाओं की बारीकियों को समझने और संवाद करने में ज्यादा सक्षम हैं। यही वजह है कि वे इस क्षेत्र में मजबूत भागीदार हो सकते हैं।’

फंड अधिकारियों के अनुसार नई और जटिल योजना होने से एसआईएफ के लिए वितरकों से बातचीत करना जरूरी हो गया है। एसआईएफ म्युचुअल फंडों का ही एक रूप हैं, जिन्हें ऊंची आय के साथ-साथ जोखिम लेने की क्षमता वाले निवेशकों के लिए तैयार किया गया है। इन योजनाओं में (जिनमें न्यूनतम 10 लाख रुपये के निवेश की आवश्यकता है) लॉन्ग-शॉर्ट रणनीतियां शामिल होंगी और ये केंद्रित दांव लगा सकती हैं।

मिरे ऐसेट इन्वेस्टमेंट की वितरण एवं रणनीतिक गठबंधन प्रमुख सुरंजना बरठाकुर ने कहा, ‘इन चर्चाओं का शुरुआती दौर काफी हद तक शिक्षित करने का रहा है। कई वितरक अभी अपने सर्टिफिकेशन का प्रयास कर रहे हैं। साथ ही, वे इस नए परिसंपत्ति वर्ग की पेचीदगियों को बेहतर ढंग से समझना चाह रहे हैं।’

इस योजना की जटिलता को ध्यान में रखते हुए भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने एसआईएफ बेचने के इच्छुक वितरकों के लिए एनआईएसएम सीरीज-13 प्रमाणन अनिवार्य कर दिया है। एनआईएसएम (जिसका मतलब है नैशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सिक्योरिटीज मार्केट्स) सेबी की एक शैक्षणिक पहल है। वितरकों के लिए यह परीक्षा कठिन मानी जाती है, क्योंकि इसमें इक्विटी के साथ-साथ करेंसी डेरिवेटिव पर भी सवाल पूछे जाते हैं। आईटीआई म्युचुअल फंड के सीईओ जतिंदर पाल ने कहा, ‘हम वितरकों के लिए एनआईएसएम सीरीज-13 परीक्षा के लिए प्रशिक्षण में मदद के लिए तैयारी सत्र कर रहे हैं। जहां ये सत्र वर्चुअल रूप से किए जा रहे हैं, वहीं हम एसआईएफ के परिचालन, नियमन और व्यावसायिक अवसरों के पहलुओं पर चर्चा के लिए पारंपरिक बैठकें भी कर रहे हैं। इससे यह सुनिश्चित होगा कि उद्योग में हर कोई अच्छी तरह से तैयार और सक्षम है।’ मिरे, एडलवाइस, एसबीआई और क्वांट भी ऐसे सत्र आयोजित कर रहे हैं।

First Published - July 5, 2025 | 10:29 AM IST

संबंधित पोस्ट