गर्मियों के दो महीनों में भारत की विद्युत मांग (Electricity demand) इस सीजन में अपने चरम स्तर पर पहुंच गई है। 18 मई को देश की सर्वाधिक विद्युत मांग करीब 230 गीगावॉट पर पहुंच गई जो 6 मई को दर्ज 223 गीगावॉट से अधिक है।
यही वजह है कि शेयर बाजार के निवेशक उत्तर भारत में बढ़ती तेज गर्मी के बीच विद्युत क्षेत्र की कंपनियों के शेयरों पर जोर दे रहे हैं। उदाहरण के लिए, टाटा पावर (Tata Power) और एनटीपीसी के शेयर 3 मई को क्रम से 464.3 रुपये और 380.4 रुपये के अपने नए ऊंचे स्तर पर पहुंच गए।
इसी तरह, पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया का शेयर 22 मई को 328.35 रुपये की नई ऊंचाई पर पहुंच गया जबकि जेएसडब्ल्यू एनर्जी (JSW Energy) का शेयर 22 अप्रैल को 651.5 रुपये के अपने सर्वाधिक ऊंचे स्तर पर पहुंच गया था।
एसीई इक्विटी के आंकड़ों से पता चलता है कि कैलेंडर वर्ष 2024 में अब तक विद्युत क्षेत्र के शेयरों ने 18 प्रतिशत और 52 प्रतिशत तक की तेजी के साथ बीएसई के सेंसेक्स (BSE Sensex) की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया है। इस अवधि में सेंसेक्स में 4.4 प्रतिशत की तेजी दर्ज की गई।
विश्लेषक इस तेजी के बाद भी इनमें संभावना देख रहे हैं क्योंकि यह क्षेत्र बढ़ती घरेलू और औद्योगिक बिजली की मांग के बीच मजबूत वृद्धि के लिए तैयार है।
भीषण गर्मी के अलावा अन्य मजबूत कारक भी
स्टॉक्सबॉक्स में शोध विश्लेषक पार्थ शाह के अनुसार इस क्षेत्र के लिए मौजूदा भीषण गर्मी के अलावा अन्य मजबूत कारक भी हैं, जिनसे विद्युत क्षेत्र भविष्य में भी दमदार रह सकता है।
उनका कहना है, ‘मजबूत औद्योगिक खपत के साथ साथ भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती लोकप्रियता से भी बिजली की मांग तेजी से बढ़ रही है। पूरे वैल्यू चेन की कंपनियां सरकार की पहलों से लाभ उठाने को तैयार हैं। मूल्यांकन आकर्षक बने रहने से मध्यावधि से दीर्घावधि नजरिये से विद्युत शेयरों में और तेजी की गुंजाइश है।’ एनटीपीसी और पावरग्रिड शाह के पसंदीदा शेयरों में शामिल हैं।”
मांग में तेजी
भारत की सर्वाधिक मांग इस गर्मी में बढ़कर 229.6 गीगावॉट पर पहुंच गई। राज्यों की बात की जाए तो पता चलता है कि दिल्ली की पीक मांग 22 मई को बढ़कर 8,000 मेगावॉट पर पहुंच गई जो राजधानी के लिए एक रिकॉर्ड है। इसी तरह पंजाब ने मई महीने में अपनी सर्वाधिक विद्युत मांग दर्ज की और 14,000 मेगावॉट की मांग का आंकड़ा पार कर लिया।
विद्युत मंत्रालय को गर्मी के लंबे सीजन की वजह से अप्रैल-जून के दौरान यह मांग 260 गीगावॉट पर पहुंच जाने का अनुमान है।
सरकारी आंकड़ों से पता चलता है कि देश में कोयले का भंडार 15 मई को 14.7 करोड़ टन था। यह पिछले साल 15 मई के 11.7 करोड़ टन कोयला भंडार की तुलना में करीब 25 प्रतिशत अधिक है।
विद्युत शेयरों में निवेश को मौजूदा समय में अनुकूल रणनीति माना जा रहा है। इन्वासेट में पार्टनर एवं फंड प्रबंधक अनिरुद्ध गर्ग का कहना है, ‘बिजली के लिए मौजूदा ऊंची मांग के साथ साथ मजबूत विद्युत उत्पादन के लिए सरकार के प्रयासों ने भी विद्युत क्षेत्र की कंपनियों के लिए सकारात्मक परिवेश प्रदान किया है।’
खासकर, कोयला इस्तेमाल करने वाले ताप विद्युत संयंत्र ऊंची क्षमता के साथ परिचालन कर रहे हैं। उनका कहना है कि इससे इन कंपनियों को अल्पावधि में मजबूत वित्तीय प्रदर्शन दर्ज करने में मदद मिलेगी।
मूल्यांकन में वृद्धि
मूल्यांकन के मोर्चे पर कई बिजली कंपनियों का 12 महीने का पीई उनके 5-10 वर्षीय औसत से ऊपर है। उदाहरण के लिए एनटीपीसी का मौजूदा पीई उसके 9 गुना के पांच वर्षीय औसत की तुलना में 17 गुना पर है।
ब्लूमबर्ग के आंकड़ों के अनुसार इसी तरह जेएसडब्ल्यू एनर्जी का पीई 36 गुना है जबकि उसका पांच वर्षीय औसत 25 गुना है। विश्लेषकों का मानना है कि बिजली कंपनियों केशेयरों की कीमतों पर ऊंची मांग और मौजूदा सरकारी नीतियों का पूरा असर नहीं दिखा है। इसलिए उन्होंने निवेशकों को विद्युत क्षेत्र के शेयरों को बनाए रखने का सुझाव दिया है क्योंकि वर्ष 2029 तक मांग बढ़कर 335 गीगावॉट पर पहुंचने की संभावना है।
गर्ग का कहना है, ‘विद्युत ढांचे में सुधार लाने और बिजली में अक्षय ऊर्जा की भागीदारी बढ़ाने की सरकार की योजनाओं ने लगातार वृद्धि का आधार तैयार किया है।’
स्वास्तिक इन्वेस्टमार्ट में वरिष्ठ तकनीकी विश्लेषक प्रवेश गौड़ का कहना है कि अक्षय ऊर्जा क्षेत्र मजबूत दर से बढ़ रहा है और कंपनियां इस दीर्घावधि रुझान का लाभ उठाने को तैयार हैं। उनके पसंदीदा शेयरों में टाटा पावर, अदाणी पावर, एनटीपीसी और जेएसडब्ल्यू एनर्जी शेयर शामिल हैं।