एक सौ रुपए का शेयर पहले ही दिन 55 हजार रुपए में बिका? आपको हैरत हो रही होगी कि ऐसा कौन सा शेयर है जो पहले ही दिन चार, छह या दस नहीं पूरे साढ़े पांच हजार गुना बढ़ गया।
दरअसल एक कंपनी है केएनजी इंडस्ट्रीज जो बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के जेड समूह में करीब सात साल बाद बुधवार को रीलिस्ट हुई है। जेड समूह में लिस्ट होने वाले ज्यादातर पेनी स्टॉक ही होते हैं। साल 2001 में यह कंपनी नॉन कंप्लायंस यानी मानक पूरे नहीं करने की वजह से डीलिस्ट कर दी गई थी, तब अहमदाबाद की यह कंपनी एक एनबीएफसी थी।
सात साल की डीलिस्टिंग के बाद इस कंपनी को अब दोबारा रीलिस्ट करने की मंजूरी मिली और बुधवार को यह बीएसई में एक सौ रुपए प्रति शेयर के भाव पर लिस्ट हुआ। और लिस्ट होते ही इसकेभाव अचानक आसमान छूने लगे और एक्सचेंज में यह 55 हजार रुपए प्रति शेयर के भाव पर बिका, हालांकि कारोबार खत्म होने पर यह घटकर 15 हजार रुपए प्रति शेयर के भाव पर आ गया था और इसी भाव पर बंद भी हुआ। दिन भर में इसमें कुल 827 शेयरों का ही कारोबार हुआ।
आखिर क्या बेचती है यह कंपनी और कौन है इसका मालिक। 2001 में एनबीएफसी रही यह कंपनी अब कैस्टर ऑयल के डेरिवेटिव यानी वायदा कारोबार में लगी है। इस कंपनी के चेयरमैन हैं इस्माइल मेमन और मैनेजिंग डायरेक्टर हैं आरिफ मेमन। कीमतों में इस तरह की ताबड़तोड़ तेजी की वजह कोई टेक्निकल फॉल्ट भी हो सकती है या फिर कोई मैनिपुलेशन।
इस बारे में जब कंपनी के लोगों से संपर्क करने का प्रयास किया गया तो मालूम हुआ कि इसके एमडी और चेयरमैन दोनों ही फिलहाल देश से बाहर हैं। कंपनी के प्रवक्ता ने बताया कि उन्होने अब कैस्टर ऑयल और उसके डेरिवेटिव का कारोबार शुरू किया है और एमडी और चेयरमैन दोनों ही दुबई और मलेशिया केदौरे पर हैं लेकिन उनके मुताबिक रीलिस्टिंग के बाद स्टॉक में अचानक आई इस तेजी की जानकारी उन्होने तुरंत ही एक्सचेंज को फोन करके दे दी थी और उनसे कहा था कि वो देखें कि ऐसा क्यों हो रहा है।
बीएसई ने इस बारे में जारी अपने बयान में कहा है कि पॉलिसी के मुताबिक जब भी सस्पेंशन के बाद कोई कंपनी रीलिस्ट होती है तो बाजार को पूरा मौका दिया जाता है कि वह रीलिस्ट हो रहे स्टॉक की कीमत डिस्कवर करे और इसी वजह से इसका कोई प्राइस बैंड तय नहीं किया जाता, यह शेयर ट्रेड टु ट्रेड कैटगरी में है यानी इसमें ट्रेडिंग नहीं हो सकती और इसकी डिलिवरी लेनी ही होती है।
एक्सचेंज की विज्ञप्ति के मुताबिक शुरुआती कारोबार में ही एक्सचेंज की जानकारी में यह आ गया था कि इसमें बहुत अनरियलिस्टिक यानी अप्रत्याशित रूप से ज्यादा कीमतों पर आर्डर आ रहे हैं और इसे रोकने के लिए और इस पर निगरानी के लिए ही इस शेयर में कारोबार करीब 12.20 बजे रोक दिया गया था।
हालांकि एक्सचेंज के मुताबिक इस शेयर का बंद भाव 5216.30 रुपए है जो सारे कारोबार की अवधि के आधार पर नियमों के मुताबिक निकाला गया है। एक्सचेंज का कहना है कि इस शेयर में काराबार गुरुवार को जारी रहेगा। हालांकि इतने ऊंचे भावों पर आए ऑर्डरों की जांच की जा रही है और जरूरी हुआ तो इस मामले में कार्रवाई भी की जाएगी।
एक्सचेंज ने बुधवार को हुए कारोबार को नल्लिफाई नहीं किया है यानी जिन भी कीमतों पर ये सौदे हुए हैं वो सब सही माने जाएंगे। हालांकि एक्सचेंज ने इसका बंद भाव (5216.30)जो तय किया वह एक्सचेंज की वेबसाइट पर दिखा रहे भाव (15,000) से अलग हैं। यानी अगर ये सौदे सही हैं तो फिर एक्सचेंज को बंद भाव अलग से निकालने की जरूरत क्यों पड़ी।