भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते पर पहुंचने की बढ़ती उम्मीदों के बीच गुरुवार को भारतीय इक्विटी बेंचमार्क में तेजी आई और निफ्टी में अप्रैल के बाद बढ़त का सबसे लंबा सिलसिला देखा गया। सेंसेक्स ने 124 अंकों की बढ़ोतरी के साथ 81,549 पर कारोबार समाप्त किया। निफ्टी 32 अंकों के इजाफे के साथ 25,006 पर टिका।
सेंसेक्स ने लगातार चार कारोबारी सत्रों और निफ्टी ने सात कारोबारी सत्रों में बढ़त बरकरार रखी है। बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 73,000 करोड़ रुपये बढ़कर 457 लाख करोड़ रुपये हो गया। अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के यह कहने पर कि उनका प्रशासन भारत के साथ व्यापार बाधाओं को दूर करने के लिए बातचीत जारी रखे हुए है, निवेशकों का उत्साह बढ़ा।
ट्रम्प का यह बयान कई सप्ताह तक चली उस कूटनीतिक खटर-पटर के बाद आया है जब अमेरिका ने भारतीय आयात पर 50 फीसदी टैरिफ लगा दिया था। इसमें रूसी तेल का आयात करने पर 25 फीसदी का अतिरिक्त शुल्क भी शामिल है। अमेरिका ने भारत पर आरोप लगाया है कि यूक्रेन के साथ लड़ाई में वह परोक्ष रूप से रूस की वित्तीय मदद कर रहा है।
उपभोग को प्रोत्साहित करने के मकसद से हाल में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की दरों में कटौती से धारणाओं में और तेजी आई। मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख (संपत्ति प्रबंधन) सिद्धार्थ खेमका ने कहा, हमें उम्मीद है कि बाजार में यह धीमी बढ़त जारी रहेगी जिसे सरकार के जीएसटी सुधारों, अमेरिकी फेड की दरों में कटौती की उम्मीदों और अमेरिका-भारत व्यापार वार्ता को लेकर धारणा में सुधार से मदद मिलेगी।
बाजार में चढ़ने व गिरने वाले शेयरों का अनुपात कमजोर रहा, जहां 2,103 शेयरों में गिरावट आई और 2,019 में इजाफा हुआ। 1.2 फीसदी की बढ़त दर्ज करने वाले भारती एयरटेल के शेयर ने सेंसेक्स की बढ़त में सबसे बड़ा योगदान दिया जबकि 1.5 फीसदी टूटने वाले इन्फोसिस का शेयर सबसे खराब प्रदर्शन करने वाला रहा।