शेयर बाजार में चल रही गिरावट ने निफ्टी 50 इंडेक्स (Nifty50 Index) को 30 वर्षों में दूसरी सबसे खराब मंथली गिरावट दर्ज करने की कगार पर ला दिया है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) बेंचमार्क जुलाई 1990 में लॉन्च किया गया था। तब से केवल दो बार ऐसा हुआ हैं जब निफ्टी 50 इंडेक्स ने पांच या इससे ज्यादा अधिक महीनों तक लगातार गिरावट देखी हो।
फरवरी में अब तक निफ्टी में 4 फीसदी की गिरावट आई है, जबकि इस महीने सिर्फ तीन कारोबारी सेशन बचे हैं। पिछले पांच महीनों में कुल मिलाकर निफ्टी सितंबर 2024 के अंत में 25,811 के स्तर से अब तक 12.6 प्रतिशत नीचे आ चुका है।
गिरावट के बीच पिछले 5 महीनों में अब तक निफ्टी के हर पांच शेयरों में से एक में 28 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है। ट्रेंट, अदाणी एंटरप्राइजेज, एशियन पेंट्स, बीपीसीएल, हीरो मोटोकॉर्प, बजाज ऑटो और टाटा मोटर्स 31-33 फीसदी की रेंज में गिरावट वाले प्रमुख शेयर हैं।
इंडेक्स में हैवी वेटेज रखने वाले स्टॉक्स में हिंदुस्तान यूनिलीवर (HUL), आईटीसी और रिलायंस इंडस्ट्रीज क्रमश: 24%, 22% और 18% टूट गए। इस दौरान केवल तीन स्टॉक…विप्रो, बजाज फाइनेंस और कोटक महिंद्रा बैंकलाभ में रहे हैं। इनमें 6 से 9 प्रतिशत तक की बढ़त दर्ज की गई।
मौजूदा बाजार गिरावट के बारे में चिंतित होने का एक प्रमुख कारण यह है कि निफ्टी अपने हाई से लगभग 13 प्रतिशत गिरने के बावजूद, पिछले उदाहरणों में एवरेज घाटे की तुलना में नेट लॉस काफी कम है। इसमें एनएसई बेंचमार्क ने लगातार चार या अधिक महीनों में गिरावट दर्ज की है।
एसीई इक्विटी के डेटा से पता चलता है कि निफ्टी ने अपने 30 साल के इतिहास में वर्तमान को छोड़कर पांच मौकों पर चार या उससे ज्यादा महीनों की मंथली गिरावट दर्ज की है। आंकड़ों के अनुसार, पिछली पांच गिरावटों में एवरेज गिरावट 26.8 प्रतिशत रही। यह वर्तमान में अब तक देखी गई गिरावट से दोगुनी से भी ज्यादा है। आंकड़ों को देखें तो सितंबर 1994 – अप्रैल 1995 की अवधि के दौरान 8 महीने की सबसे लंबी मंथली गिरावट में निफ्टी सबसे ज्यादा 31.4% गिरा था।
निफ़्टी की सबसे बड़ी मंथली गिरावट |
अवधि | महीनों की संख्या | गिरावट %में |
सितंबर 1994 से अप्रैल 1995 | 8 | 31.4% |
अक्टूबर 2024 से फरवरी 2025 | 5 | 12.6% |
जुलाई 1996 से नवम्बर 1996 | 5 | 26% |
अक्टूबर 1990 से जनवरी 1991 | 4 | 28.5 |
मई 1998 से अगस्त 1998 | 4 | 26.4 |
जून 2001 से सितम्बर 2001 | 4 | 21.8 |
सोर्स: ACE Equity
इसके अलावा केवल अन्य पांच महीनों की गिरावट में…यानी जुलाई 1996 से नवंबर 1996 तक – निफ्टी 26% गिर गया। दरअसल, पिछले पांच ऐसे मामलों में से प्रत्येक में निफ्टी पर न्यूनतम गिरावट 21.8 फीसदी रही है। इस प्रकार, ऐतिहासिक रूप से कहें तो वर्तमान गिरावट बहुत कम लगती है। हालांकि, बाजार के वर्तमान सेंटीमेंट को देखते हुए इंडेक्स बड़ी गिरावट की चपेट में आ सकता है।
कितना नीचे जा सकता है निफ्टी?
टेक्नीकल चार्ट दिखाते हैं कि जून 2001 – सितंबर 2001 की गिरावट को छोड़कर एनएसई निफ्टी 50 इंडेक्स मंथली पैमाने पर अपने सुपर ट्रेंड लाइन सपोर्ट का टेस्ट करने के बाद ज्यादातर निचले स्तर पर गया है। जुलाई 1996 – नवंबर 1996 की अवधि में पांच महीने की गिरावट के दौरान सुपर ट्रेंड लाइन सपोर्ट का टेस्ट करने के बाद भी निफ्टी निचले स्तर पर गया था। जबकि मई 1998-अगस्त 1998 की चार महीने की गिरावट में निफ्टी ने संक्षेप में (2.5 प्रतिशत के अंतर से) प्रमुख ट्रेंड लाइन सपोर्ट का वायलेट किया और फिर वापसी की थी।
हालांकि, 2001 की गिरावट के दौरान निफ्टी नीचे गिरने से पहले मंथली पैमाने पर बोलिंगर बैंड के निचले स्तर से नीचे गिर गया। निचले स्तर से बाहर निकलने से पहले निफ्टी मासिक बोलिंगर बैंड के निचले स्तर से लगभग 8 प्रतिशत नीचे फिसल गया।
वर्तमान में मंथली स्केल पर निफ्टी के लिए सुपर ट्रेंड लाइन सपोर्ट 21,515 पर है। इसका मतलब है कि वर्तमान स्तर से 4.6 प्रतिशत की संभावित गिरावट का जोखिम है। इसके नीचे 50-एमएमए (मंथली मूविंग एवरेज) 19,150 के स्तर पर है और बोलिंगर बैंड का निचला स्तर 18,500 के स्तर पर है।
एंजेल वन में तकनीकी और डेरिवेटिव अनुसंधान के वरिष्ठ विश्लेषक ओशो कृष्णन ने कहा, फिलहाल टेक्नीकल एनालिसिस के दृष्टिकोण से निफ्टी का सपोर्ट लेवल 22,500 – 22,400 तत्काल भविष्य में निफ्टी 50 इंडेक्स के लिए तेजी से महत्वपूर्ण हो गया है।