शेयर बाजार में हाल की तिमाही में शानदार प्रदर्शन करने वाले शेयरों में टाटा समूह की सूचीबद्ध कंपनियां शीर्ष पर रही हैं। पिछले हफ्ते की शुरुआत में समूह का बाजार पूंजीकरण (एमकैप) 30 लाख करोड़ रुपये के पार चला गया। यह उपलब्धि हासिल करने वाला निजी क्षेत्र का यह पहला कारोबारी समूह है। टाटा समूह का बाजार पूंजीकरण दिसंबर, 2020 के 15.6 लाख करोड़ रुपये से अब करीब दोगुना हो गया है। इसके मुकाबले सेंसेक्स इस दौरान 50 फीसदी ही चढ़ा है।
समूह के शेयरों को देखें तो सबसे ज्यादा तेजी छोटी कंपनियों में रही। इसी कारण समूह के एमकैप में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) जैसी बड़ी कंपनी की हिस्सेदारी कम हुई है और उसका हिस्सा एक दशक में पहली बार 50 फीसदी से नीचे लुढ़क गया। मार्च, 2020 में टाटा की सभी सूचीबद्ध कंपनियों के कुल बाजार पूंजीकरण में टीसीएस की हिस्सेदारी 74 फीसदी थी।
टाटा मोटर्स, ट्रेंट, टाटा कंज्यूमर, टाइटन कंपनी, इंडियन होटल्स जैसी अन्य कंपनियों के शेयरों में तेजी के कारण दिसंबर 2022 के अंत से समूह के बाजार पूंजीकरण में टीसीएस की हिस्सेदारी 740 आधार अंक घटी है। टाटा टेक्नोलॉजीज के शेयर बाजार में जाने का भी फर्क पड़ा है।
कुल मिलाकर दिसंबर 2022 के बाद से टाटा कंपनियों के कुल बाजार पूंजीकरण में करीब 10 लाख करोड़ रुपये का इजाफा हुआ है, जिनमें से 31.6 फीसदी योगदान टीसीएस का रहा और बाकी समूह की अन्य कंपनियों की बदौलत बढ़ा है। 2022 के अंत में समूह के बाजार पूंजीकरण में टीसीएस की हिस्सेदारी 56.7 फीसदी रही थी।
दिसंबर 2022 के बाद से टीसीएस का बाजार पूंजीकरण 33.5 फीसदी बढ़ा है जबकि इसी दौरान ट्रेंट का बाजार पूंजीकरण 178 फीसदी बढ़ा है और स्टॉक एक्सचेंज पर वह सबसे बढ़िया प्रदर्शन करने वाली टाटा कंपनी रही है। इसके बाद टाटा मोटर्स के बाजार पूंजीकरण में 240 फीसदी, इंडियन होटल्स में 68 फीसदी, टाटा कंज्यूमर में 51 फीसदी और टाइटन के बाजार पूंजीकरण में 38 फीसदी बढ़ोतरी हुई है। लेकिन टीसीएस का प्रदर्शन टाटा स्टील से बेहतर रहा है, जिसका बाजार पूंजीकरण इस दौरान महज 27 फीसदी बढ़ा है।
शेयर बाजार में टीसीएस के अपेक्षाकृत कमजोर प्रदर्शन और समूह के एमकैप में इसकी हिस्सेदारी घटने की मुख्य वजह हाल की तिमाहियों में कंपनी की आय में सुस्त बढ़ोतरी रही है। इसके विपरीत समूह की वाहन, रिटेल, आतिथ्य कंपनियों की कमाई तेजी से बढ़ी है।
टाटा समूह की सूचीबद्ध कंपनियों के कुल शुद्ध मुनाफे में टीसीएस की हिस्सेदारी दिसंबर 2023 में 55.7 फीसदी थी, जो 5 तिमाहियों में सबसे कम रही। साल भर पहले यह 61.1 फीसदी थी। जनवरी से दिसंबर, 2023 के दरम्यान टीसीएस का शुद्ध मुनाफा 45,583 करोड़ रुपये रहा, जो जनवरी से दिसंबर, 2022 के बीच हुए 40,681 करोड़ रुपये से 12 फीसदी अधिक है। इसी अवधि में समूह की कंपनियों का कुल शुद्ध मुनाफा 22.8 फीसदी बढ़कर 81,793 करोड़ रुपये रहा, जो इससे एक साल पहले 66,605 करोड़ रुपये था।
निवेशकों को लगता है कि समूह के बाजार पूंजीकरण और कमाई में टीसीएस का हिस्सा आगे और घट सकता है। एक विश्लेषक ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर कहा, ‘आईटी क्षेत्र में नरमी देखी जा रही है जबकि टाटा के वाहन, रिटेल और उपभोक्ता उत्पाद जैसे कारोबारों का प्रदर्शन बेहतर है। यही वजह है कि टीसीएस की कमाई समूह की अन्य कंपनियों की तुलना में कम बढ़ रही है।’