Stocks to buy: घरेलू शेयर बाजारों में इस साल 2025 में भारी उतार चढ़ाव देखने को मिला है। साल की शुरूआत में विदेशी निवेशकों की बिकवाली और बाद में ट्रंप टैरिफ से बाजार को बड़ा झटका लगा है। घरेलू शेयर बाजार के बेंचमार्क इंडेक्स निफ्टी-50 में साल 2025 की शुरुआत से अब तक 3.8% की गिरावट दर्ज की गई है। कमजोर घरेलू मांग, कंपनियों के तिमाही नतीजों में सुस्ती, विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) की बिकवाली और बढ़ते टैरिफ वार जैसे कारणों से बाजार में गिरावट आई है।
ब्रोकरेज फर्म प्रभुदास लीलाधर (PL Capital) के अनुसार, हाल ही में लगाए गए रेसिप्रोकल टैरिफ अमेरिका का अपने ठप पड़े डॉमेस्टिक मेन्युफेक्चरिंग सेक्टर को वापस पटरी पर लाने का एक प्रयास हैं। हालांकि, अमेरिका को कई स्ट्रक्चरल चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। इनमें कमजोर बैलेंस शीट, 1.2 लाख करोड़ डॉलर का भारी ट्रेड डेफिसिट और कुल 36 लाख करोड़ डॉलर का कर्ज शामिल है।
वहीं, घरेलू मोर्चे पर डिमांड अभी भी कमजोर बनी हुई है। खाद्य मुद्रास्फीति में आई तीव्र गिरावट का कंज्यूमर्स के विश्वास और खर्च में सुधार के रूप में अब तक असर नहीं दिखा है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अब तक कुल 50 बेसिस पॉइंट की रेपो रेट कटौती की है (दो बार में 25-25 बेसिस पॉइंट) और आगे भी दरों में नरमी की उम्मीद की जा रही है। इसके साथ ही RBI ने वित्त वर्ष 2025-26 (FY26) के लिए जीडीपी ग्रोथ अनुमान में 20 बेसिस पॉइंट की कटौती की है।
हालांकि सामान्य मानसून ने मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने में मदद की है और सरकार का पूंजीगत व्यय (capex) व ₹1,000 अरब (₹1,000 billion) की टैक्स कटौती से संभावित लाभ बाजार के लिए सहायक हैं। फिर भी वैश्विक अनिश्चितताओं के कारण समग्र दृष्टिकोण काफी अस्थिर बना हुआ है।
PL Capital ने कहा कि वर्तमान में NIFTY एक साल आगे की अनुमानित आय (EPS) के आधार पर 17.2 गुना के वैल्यूएशन पर ट्रेड कर रहा है। यह पिछले 15 वर्षों के औसत 18.9 गुना से 9% कम है।
ब्रोकरेज का मानना है कि टैरिफ विवाद और अनिश्चित वातावरण के चलते FY26 की पहली छमाही (1H26) में इसमें और गिरावट हो सकती है। ब्रोकरेज को उम्मीद है कि आने वाले समय में घरेलू रूप से केंद्रित सेक्टर बेहतर प्रदर्शन करेंगे। विशेष रूप से हॉस्पिटल, डोमेस्टिक फार्मास्यूटिकल्स, रिटेल, कुछ स्टेपल्स, बैंकिंग, डिफेंस और पावर सेक्टर को मजबूत प्रदर्शनकर्ता के रूप में देखा जा रहा है।
ब्रोकरेज ने कहा, “हम Nifty 50 को 15-वर्षीय एवरेज (18.9x) PE के मुकाबले 7.5% की छूट पर 17.5x पर वैल्यू करते हैं, और मार्च 2027 के लिए EPS 1,460 मानते हुए 12-महीनों का टारगेट 25,521 तय करते हैं। पहले यह 25,689 था।”
ब्रोकरेज फर्म प्रभुदास लीलाधर (PL Capital) ने आईटीसी, इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (IRCTC), केईआई इंडस्ट्रीज, त्रिवेणी टर्बाइन (Triveni Turbine) और एरिस लाइफसाइंसेज को अपनी ज्यादा भरोसे वाले शेयरों की सूची में शामिल किया है।
ब्रोकरेज ने इन्फोसिस, रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) और लार्सन एंड टूब्रो (L&T), पॉलीकैब इंडिया लिमिटेड और डोम्स इंडस्ट्रीज जैसे प्रमुख नामों को अपनी लिस्ट से बाहर कर दिया है। वैश्विक टैरिफ संकेत, कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव और पुनः रेटिंग के सीमित अवसरों जैसी शॉर्ट टर्म चुनौतियों के कारण ब्रोकरेज ने यह फैसला किया है।
ITC
टारगेट प्राइस: ₹524
रेटिंग: BUY
अपसाइड: 24%
IRCTC
टारगेट प्राइस: ₹850
रेटिंग: BUY
अपसाइड: 16%
KEI Industries
टारगेट प्राइस: ₹4,278
रेटिंग: BUY
अपसाइड: 64%
Triveni Turbine
टारगेट प्राइस: ₹744
रेटिंग: BUY
अपसाइड: 50%
Eris Lifesciences
टारगेट प्राइस: ₹1,450
रेटिंग: BUY
अपसाइड: 4.7%
ब्रोकरेज का बैंक, हेल्थकेयर, कंज्यूमर और टेलीकॉम जैसे सेक्टर्स पर पॉजिटिव आउटलुक बना हुआ है। ब्रोकरेज ने अपनी रिपोर्ट में कहा, “हम बैंक, टेलीकॉम, कंज्यूमर और हेल्थकेयर पर अपना वेटेज बढ़ा रहे हैं। जबकि कैपिटल गुड्स पर अपना वेटेज घटा रहे हैं। हम ऑटो, आईटी सेवाओं और तेल एवं गैस पर अपना वेटेज कम कर रहे हैं। वहीं, आईसीआईसीआई बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, आईटीसी, बीईएल और भारती एयरटेल पर अपना वेटेज बढ़ा रहे हैं।”
ब्रोकरेज ने कहा, ”हम मॉडल पोर्टफोलियो में अपोलो हॉस्पिटल, पिडिलाइट और आयशर को शामिल कर रहे हैं। हम मॉडल पोर्टफोलियो से पॉलीकैब, एचसीएल टेक और एस्ट्रल को हटा रहे हैं। हम एलएंडटी, इंफोसिस, आरआईएल पर अपना वजन घटा रहे हैं और कुछ अन्य में थोड़ा बदलाव कर रहे हैं।”